नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें नई शराब नीति से दिल्ली सरकार को 2,026 करोड़ रुपये के नुकसान का खुलासा हुआ। रिपोर्ट में लाइसेंस जारी करने में अनियमितताओं, बिना मंजूरी फैसले लेने और नियमों के उल्लंघन का उल्लेख है।
रिपोर्ट पेश होने के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के 14 विधायक, जिनमें मंत्री आतिशी भी शामिल हैं, विधानसभा से निलंबित कर दिए गए। इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने रिपोर्ट लीक होने पर दिल्ली सरकार की आलोचना की थी। आगामी चुनावों से पहले यह मामला राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो गया है, जिसमें विपक्ष ने केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
रिपोर्ट आने से हुआ बड़े घोटालों का खुलासा
यह रिपोर्ट दिल्ली में 5 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले आई है। इसमें बड़े घोटालों का खुलासा हुआ है, जैसे – कीमत तय करने में पारदर्शिता की कमी, लाइसेंस जारी और नवीनीकरण में नियमों का उल्लंघन, गड़बड़ियां करने वालों को दंडित न करना, और उपराज्यपाल, कैबिनेट या विधानसभा से मंजूरी न लेना। लाइसेंस देने से पहले कंपनियों की वित्तीय स्थिति को जांचा नहीं गया। यहां तक कि घाटे में चल रही कंपनी को भी लाइसेंस दे दिया गया।
लाइसेंसधारियों को दी गई छूट से 941 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने जो रिटेल शराब लाइसेंस छोड़े गए थे, उनके लिए फिर से टेंडर नहीं निकाला, जिससे खजाने को लगभग 890 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके अलावा, जोनल लाइसेंसधारियों को दी गई छूट से 941 करोड़ रुपये का और नुकसान हुआ। इसके अलावा, कोविड प्रतिबंधों के आधार पर जोनल लाइसेंसधारकों को 144 करोड़ रुपये की लाइसेंस शुल्क छूट दी गई, जिसके परिणामस्वरूप सरकार को राजस्व की हानि हुई। जबकि अनुबंध में ऐसा प्रावधान नहीं था। वहीं, सुरक्षा जमा राशि को सही तरीके से नहीं वसूला गया जिससे 27 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ।
अयोग्य कंपनियों को लाइसेंस के लिए बोली लगाने की दी अनुमति
कैग ने यह भी कहा कि मंत्रियों के समूह, जिसकी अगुवाई मनीष सिसोदिया कर रहे थे, ने विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को नजरअंदाज किया और अयोग्य कंपनियों को लाइसेंस के लिए बोली लगाने की अनुमति दी। विशेषज्ञों की सलाह पर ध्यान नहीं दिया गया, जबकि नीति बनाने में यह जरूरी था।
नीति को सही तरीके से नहीं किया गया लागू
आम आदमी पार्टी (आप) ने इस रिपोर्ट को फर्जी बताया है, लेकिन इसमें कहा गया है कि नीति लागू करने में कई खामियां थीं। कुछ रिटेलर पूरे नीति अवधि तक लाइसेंस रखते रहे, जबकि कुछ ने पहले ही अपने लाइसेंस वापस कर दिए। कुल मिलाकर नीति को सही तरीके से लागू नहीं किया गया, जिससे इसके उद्देश्यों को हासिल नहीं किया जा सका।
पूर्व सीएम आतिशी ने नई आबकारी नीति का बचाव किया
दिल्ली विधानसभा में बीजेपी की रेखा गुप्ता सरकार ने CAG रिपोर्ट पेश किया और पहले दिन शराब नीति से संबंधित गड़बड़ी वाली रिपोर्ट जारी की गई. इसमें करोड़ो रुपये के नुकसान की बात बताई गई है. पूर्व सीएम आतिशी ने कहा कि दिल्ली विधानसभा में पेश की गई सीएजी की रिपोर्ट में असल में पुरानी शराब नीति को खत्म करने के पूर्व आप सरकार के फैसले की सराहना की गई है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को दोषी ठहराने वाले लोग सिर्फ ‘बीजेपी मुख्यालय से आए निर्देश’ पढ़ रहे हैं |
