रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल से अधिक का समय हो चुका है, और अब इस संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीदें बढ़ती दिख रही हैं. हालांकि, इस बीच रूस और अमेरिका के बीच कुछ तनावपूर्ण हालात भी उभरने लगे हैं. क्रेमलिन ने हाल ही में घोषणा की है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शांति समझौते के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं. रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव के अनुसार, मॉस्को ‘त्रिपक्षीय बैठक’ के माध्यम से स्थायी शांति स्थापित करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वर्तमान अमेरिकी प्रशासन संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में ‘सही संकेत’ दे रहा है।
इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया से बातचीत के दौरान रूस की ओर से शांति वार्ता के प्रयासों की सराहना की थी. ट्रंप ने कहा था कि रूस शांति समझौते के लिए तैयार है और वह जल्द ही इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाने वाला है. हालांकि, ट्रंप के इस बयान के अगले ही दिन रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए. इस घटनाक्रम पर जब ट्रंप से सवाल किया गया तो उन्होंने एक बार फिर राष्ट्रपति पुतिन पर भरोसा जताया और कहा कि रूस शांति चाहता है. हालांकि, उन्होंने साथ ही यह भी चेतावनी दी कि यदि रूस ने युद्ध नहीं रोका तो अमेरिका उस पर कई तरह के व्यापारिक प्रतिबंध (टैरिफ) लगा सकता है.
शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर ट्रंप ने रूस के खिलाफ तीखा रुख अपनाते हुए कहा, “हम शांति वार्ता की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ रूस यूक्रेन पर मिसाइलें और गोला-बारूद बरसा रहा है. यह स्वीकार्य नहीं है, और हम इसका जवाब देने के लिए रूस पर नए प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं.” ट्रंप ने रूस और यूक्रेन दोनों से अपील की कि वे जल्द से जल्द बातचीत की मेज पर बैठकर शांति समझौता करें.
उधर, ट्रंप के इस कड़े रुख ने यूक्रेन को कुछ राहत दी है, जो हाल के दिनों में अमेरिका और रूस के बढ़ते संबंधों को लेकर चिंतित था. यूक्रेन के जानकारों के अनुसार, रूस शांति समझौते के लिए नए मापदंड स्थापित करने की योजना बना रहा है. इसलिए उसने अपने हमलों में तेजी लाई है. रूस का प्रयास है कि युद्ध के दौरान जीती हुई जमीन के कुछ हिस्सों को अपने अधिकार में बनाए रखे.