जाने कब है चैत्र नवरात्र ? कैसे करे विधि विधान से पूजा अर्चन !

चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 30 अप्रैल से शुरू हो जाएगा। इसी दिन से हिंदू नववर्ष की भी शुरूआत होगी। यह विशेष पर्व हर साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होकर नौ दिनों तक चलता है. इस बार चैत्र नवरात्रि आठ दिनों की होगी। अलग-अलग कैलेंडर में तिथि को लेकर अलग-अलग तरह की गणना बताई गई है। इस बार 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगी। इस बार चैत्र नवरात्रि रविवार से शुरू हो रही है, यानी इस साल मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर धरती पर आएंगी। धार्मिक मान्यता है कि इससे लोगों के धन में वृद्धि होती है और देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। नवरात्रि के पहले दिन इंद्र योग और रेवती नक्षत्र का संयोग भी रहेगा। 

कैसे तय होता है कि किस वाहन पर आएंगी मां दुर्गा 
नवरात्रि में मां दुर्गा किस वाहन पर आएंगी और किस पर जाएंगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि नवरात्रि किस दिन शुरू हो रही है. इस संबंध में देवी भागवत में एक श्लोक है-‘शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे, गुरौ शुक्रे दोलायां बुधे नौका प्रकीर्तिता.

चैत्र नवरात्रि की तिथि

जाने कब है चैत्र नवरात्र ? कैसे करे विधि विधान से पूजा अर्चन !
जाने कब है चैत्र नवरात्र ? कैसे करे विधि विधान से पूजा अर्चन !

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 मार्च को शाम 4 बजकर 27 मिनट से होगी… और तिथि का समापन 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, चैत्र नवरात्र रविवार, 30 मार्च 2025 से ही शुरू होने जा रही है.

चैत्र नवरात्र घटस्थापना मुहूर्त

चैत्र नवरात्र घटस्थापना मुहूर्त
चैत्र नवरात्र घटस्थापना मुहूर्त

घटस्थापना का मुहूर्त- 30 मार्च को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा, जिसकी अवधि 4 घंटे 8 मिनट की रहेगी. 

अगर आप मुहूर्त में कलशस्थापना न कर पाएं तो अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना कर सकते हैं. अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से लेकर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. 

चैत्र नवरात्र घटस्थापना सामग्री

चैत्र नवरात्र घटस्थापना सामग्री
चैत्र नवरात्र घटस्थापना सामग्री

हल्दी, कुमकुम, कपूर, जनेऊ, धूपबत्ती, निरांजन, आम के पत्ते, पूजा के पान हार-फूल, पंचामृत, गुड़ खोपरा, खारीक, बादाम, सुपारी, सिक्के, नारियल, पांच प्रकार के फल, चौकी पाट, कुश का आसन, नैवेद्य आदि.

मां दुर्गा पूजा मंत्र

मां दुर्गा पूजा मंत्र
मां दुर्गा पूजा मंत्र

1. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

2. ॐ जटा जूट समायुक्तमर्धेंन्दु कृत लक्षणाम।लोचनत्रय संयुक्तां पद्मेन्दुसद्यशाननाम।।

माता रानी की पूजा के समय जरूर करें ये काम

अगर माता रानी की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो पूजन के समय दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें। साथ ही माता की भजन स्तुति भी करें।

मां दुर्गा के नौ स्वरूप और उनकी आराधना

मां दुर्गा के नौ स्वरूप और उनकी आराधना
मां दुर्गा के नौ स्वरूप और उनकी आराधना

हर दिन मां के एक स्वरूप की पूजा की जाती है:

माँ शैलपुत्री (30 मार्च) – हिमालय पुत्री, जो साधना और शक्ति की देवी हैं।

मां ब्रह्मचारिणी (31 मार्च) ज्ञान और तपस्या की देवी।

मां चंद्रघंटा (1) अप्रैल) साहस और शक्ति की प्रतीक।

मां कूष्मांडा (2 अप्रैल) सृष्टि की उत्पत्ति करने वाली देवी।

मां स्कंदमाता (3 अप्रैल) – कार्तिकेय की माता, जो प्रेम और वात्सल्य की देवी हैं।

मां कात्यायनी (4) अप्रैल) – महिषासुर मर्दिनी, जो दुष्टों का नाश करती हैं।

मां कालरात्रि (5 अप्रैल) – तमोगुण और बुरी शक्तियों का नाश करने वाली देवी।

मां महागौरी (6 अप्रैल) शांति और पवित्रता की देवी।

मां सिद्धिदात्री (7 अप्रैल) सभी सिद्धियों की दात्री देवी।

  • नवरात्रि के दिन के अनुसार भोग
नवरात्रि 2024 नवरात्रि के दिन माता का भोग
पहला दिनमाँ शैलपुत्री देवी देसी घी 
दूसरा दिनब्रह्मचारिणी देवीशक्कर,सफेद मिठाई,मिश्री और फल
तीसरा दिनचंद्रघंटा देवीमिठाई और खीर
चौथा दिनकुष्मांडा देवीमालपुआ
पांचवां दिनस्कंदमाता देवीकेला
छठा दिनकात्यायनी देवीशहद 
सातवां दिनकालरात्रि देवीगुड़
आठवां दिनमहागौरी देवीनारियल
नौवां दिनसिद्धिदात्री देवीअनार और तिल

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