केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने पेश किया बिल विपक्ष ने बताया असंवैधानिक

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर संसद में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी इसके विरोध में काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे। लोकसभा में आज इस विधेयक पर 8 घंटे की चर्चा होगी, जबकि NDA के पास बहुमत होने से इसके पारित होने की संभावना जताई जा रही है। दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन ने विधेयक के खिलाफ रणनीति तैयार करने के लिए बैठक बुलाई और कांग्रेस और सपा ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल को पेश करेंगे। इस पर पहले चर्चा और फिर वोटिंग होगी। बिल पेश होने के बाद चर्चा के लिए 8 घंटे का समय दिया गया है।

कांग्रेस सांसद काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे। वे एक तख्ती लिए हुए थे- रिजेक्ट वक्फ बिल (वक्फ बिल को खारिज करते हैं)। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रही हैं।
अखिलेश बोले- बीजेपी में ये दिखाने की होड़ चल रही कि कौन खराब हिंदू है
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी में वोट लेने के लिए, अपने आपको बड़ा नेता बनाने के लिए, कौन खराब हिंदू है, कौन ज्यादा किसी को परेशान कर सकता है, इसमें मुकाबला चल रहा है। राममनोहर लोहिया ने अपनी किताब में लिखा था कि कई सालों से कट्टरवादियों और उदारवादियों में लड़ाई चल रही है।
बीजेपी को जमीन से बेहद लगाव है। वे रेलवे, रक्षा और वक्फ की जमीन को बेचेंगे। ये सारी करके वे अपनी नाकामियों को छिपाना चाहते हैं।
बिल को लेकर सरकार के साथ कौन कौन ?
वक्फ संशोधन बिल को लेकर पूरा NDA एकजुट है। चंद्रबाबू नायडू के बाद नीतीश कुमार की JDU भी वक्फ संशोधन बिल को लेकर सरकार के साथ आ गई है। जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम पार्टी (HAM) एनडीए की सहयोगी पार्टी है। मांझी ने भी इस बिल पर साथ आने के संकेत दे दिए। NDA में शामिल अन्य पार्टियों ने भी समर्थन का ऐलान किया है।
वहीं बात विरोध की करें तो वक्फ संशोधन बिल को लेकर विपक्ष भी एक साथ हैं। कांग्रेस, समाजवाद पार्टी, RJD, TMC, DMK, AIMIM समेत तमाम विपक्षी पार्टियों इस बिल के खिलाफ हैं।
किसके पास कितना स्पोर्ट ?
542 सदस्यों वाली लोकसभा में BJP के 240 सांसद हैं। वहीं NDA के सदस्यों की लोकसभा में संख्या देखें तो वो 293 है। वहीं, विपक्षी INDI ब्लॉक के पास लोकसभा में 233 सांसद हैं। इसके अलावा आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं है। कई निर्दलीय सांसद भी हैं, जो किसी गठबंधन के साथ खुलकर नहीं है। वैसे बिल को पास कराने के लिए समर्थन में 272 वोटों की जरूरत होगी। ऐसे में सरकार मानकर चल रही है कि लोकसभा में बिल पारित कराने में कोई समस्या नहीं आने वाली है।
बात राज्यसभा की करें तो उच्च सदन में सदस्यों की कुल संख्या 236 है। BJP के पास कुल 98 सदस्य है। वहीं, NDA के कुल सदस्यों की संख्या पहुंचकर 115 पहुंच जाती है। मनोनीत 6 सदस्यों को जोड़ दिया जाए तो ये नंबर 121 तक पहुंच जाएगा। राज्यसभा में कांग्रेस के 27 सदस्य और INDI गठबंधन में कुल 85 सदस्य हैं। राज्यसभा में बिल को पास कराने के लिए बहुमत का आंकड़ा 119 है। ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि राज्यसभा में भी बिल पास हो जाएगा।
सरकार ने विपक्ष के आरोपों को किया खारिज
वहीं, केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि इस बिल को पूरे देश और मुस्लिम समुदाय के हित में लाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे केवल राजनीतिक कारणों से ऐसा कर रहे हैं। अगर किसी के पास तर्कसंगत आपत्तियां हैं, तो हम उनके सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं।”
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