केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) लखनऊ खंडपीठ भवन के उद्धाटन कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ बोले – कानून का राज होगा तो सुशासन अपने आप आएगा
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को राजधानी लखनऊ में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) खंडपीठ के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए।इस मौके पर सीएम ने कहा कि सुशासन की पहली शर्त है रूल ऑफ लॉ,यह समयबद्ध, सहज और सरल हो।एक सामान्य कर्मचारी भी वहां तक पहुंच बना सके,उसकी समय पर सुनवाई और मेरिट के आधार पर मामलों का निस्तारण हो,यह जरूरी है।इस दौरान केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहे।

सीएम योगी ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि संविधान शिल्पी डॉ.आंबेडकर की जयंती दलित, वंचित वर्ग को न्याय दिलाने के रूप में मनाई जा रही है।सीएम ने कहा कि हमारे न्यायालय में बहुत मामले लंबित हैं,इसलिए ट्रिब्यूनल के स्तर पर मामलों की अलग से सुनवाई हो।
सीएम योगी ने कहा कि ट्रिब्यूनल समयबद्ध तरीके से न्याय प्रदान कर सके,यह सरकार की प्राथमिकता में है।कैट की भूमिका भी ऐसी ही है।केंद्रीय सरकार से जुड़े हुए विभिन्न सरकारी उपक्रम और शासकीय व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों और कर्मियों को न्याय देने में कैट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।आज यहां पर 16 जिलों के केंद्रीय कर्मियों के लिए कैट की व्यवस्था की गई है।मुझे विश्वास है कि किसी मजबूरी में कर्मियों को यहां आना पड़ा तो उन्हें न्याय मिलेगा।

सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2014 से 2025 के बीच लखनऊ पीठ ने 6700 मामलों में से 6000 से अधिक मामलों का निस्तारण किया है।बहुत सारे मामलों में दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठा कर सुना जाए तो जल्द निस्तारण हो सकता है।सीएम ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 में राजस्व के 33 लाख मामले लंबित थे, आठ साल में 10 लाख नये मामले भी आए,इनमें बहुत सारे छोटे मामले भी थे,सरकार ने इनको मेरिट के आधार पर समय पर निस्तारित कराने को कहा,ऑनलाइन मॉनिटरिंग की गई।बीते आठ वर्षों में 34 लाख मामलों को निस्तारण किया गया।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीएम योगी की तारीफ करते हुए कहा कि सीएम योगी के प्रयासों से ही कैट का भव्य भवन बनकर तैयार हुआ है।आपकी सरकार में जमीन के ट्रांसफर का काम शुरू हुआ। सीएम ने 1825 स्क्वायर फीट जमीन देने में तनिक भी देर नहीं लगाई। इस पर 18 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य हुआ।
इस अवसर पर अध्यक्ष कैट नई दिल्ली न्यायमूर्ति रणजीत मोरे,विभागाध्यक्ष कैट लखनऊ न्यायमूर्ति अनिल कुमार ओझा, प्रशासनिक सदस्य कैट लखनऊ संजय कुमार आदि उपस्थित थे।
न्याय सरकार की प्राथमिकता:

मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रिब्यूनल समयबद्ध तरीके से संबंधित पक्षों को मेरिट के स्तर पर न्याय प्रदान कर सके, यह सरकार की प्राथमिकता है. कैट की भूमिका भी ऐसी ही है. केंद्रीय सरकार से जुड़े हुए विभिन्न सरकारी उपक्रम और शासकीय व्यवस्था से जुड़े हुए अधिकारियों और कार्मिकों को किसी स्तर पर न्याय नहीं मिल पाया, उनके लिए प्लेटफॉर्म देने और समय पर न्याय देने में कैट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
सीएम ने कहा कि फुल बेंच हो या सर्किट बेंच, अगर उनके पास कोई भी संसाधन नहीं है, तो वहां दूसरों को न्याय प्रदान करने के लिए कितने एग्रेसिव तरीके से अपने कार्य को आगे बढ़ा पाएंगे? इसकी सहज कल्पना की जा सकती है. आज यहां पर 16 जनपदों के केंद्रीय कार्मिकों के लिए कैट की व्यवस्था की गई है. यहां शानदार भवन बनकर तैयार हो गया है.
छह हजार से अधिक मामलों को किया निस्तारण:
सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2014 से 2025 के बीच लखनऊ पीठ ने 10 वर्षों में कुल 6,700 मामलों में से 6,000 से अधिक मामलों का निस्तारण किया है. इसको अभी और तेज किया जा सकता है. बहुत सारे मामलों में दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर सुना जाए तो ऐसे ही बहुत सारे मामलों का निस्तारण हो सकता है. प्रदेश में वर्ष 2017 में राजस्व के 33 लाख मामले लंबित थे. बहुत सारे छोटे मामले थे. इस पर सरकार ने इन मामलों को मेरिट के आधार पर निस्तारित करने के निर्देश दिए.
इन मामलों को लेकर टाइम बाउंड किया गया. इसकी जवाबदेही के साथ ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाने लगी. पिछले आठ वर्षों में 34 लाख मामलों को निस्तारण किया गया है. पिछले आठ वर्षों में 10 लाख नए मामले आए. इन मामलों को भी टाइमलाइन के अनुसार निस्तारित किया जा रहा है. इस अवसर पर अध्यक्ष कैट नई दिल्ली न्यायमूर्ति, विभागाध्यक्ष कैट लखनऊ न्यायमूर्ति अनिल कुमार ओझा, प्रशासनिक सदस्य कैट लखनऊ संजय कुमार आदि उपस्थित रहे. केंद्रीय मंत्री केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीएम योगी के प्रयासों से ही कैट का भव्य भवन बनकर तैयार हुआ. क्योंकि आपकी ही सरकार में जमीन के ट्रांसफर का काम शुरू हुआ. सीएम ने 1,825 स्क्वायर फीट जमीन देने में जरा भी देर नहीं लगाई. इस पर 18 करोड़ का निर्माण कार्य हुआ.
अंबेडकर का जीवन संघर्ष, शिक्षा और समानता का प्रतीकः
सीएम ने कहा कि अंबेडकर का जीवन संघर्ष, शिक्षा और समानता का प्रतीक है. जो हमें प्रेरित करता है. उनका बचपन अभाव और सामाजिक भेदभाव में बीता, लेकिन उन्होंने असाधारण परिश्रम से विदेश में जाकर उच्च शिक्षा हासिल की. वे देश के पहले अर्थशास्त्री बने और संविधान के शिल्पी के रूप में भारत को लोकतंत्र की नींव दी. 1952 में हर नागरिक को समान मताधिकार देने का उनका सपना भारतीय लोकतंत्र की शक्ति बना गया, जो आज भी प्रासंगिक है. सीएम ने कहा कि बाबा साहब की यह उपलब्धि न केवल व्यक्तिगत संघर्ष की जीत थी, बल्कि पूरे समाज को मुक्ति दिलाने का एक ऐतिहासिक प्रयास था.