“कब्जा हटाने गई KGMU टीम पर हमला, डॉक्टर की हालत नाजुक” !

Lucknow में KGMU की टीम पर अवैध कब्जा हटाने के दौरान हमला, डॉ. दुर्गेश द्विवेदी गंभीर रूप से घायल।

 लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में अतिक्रमण हटाने के दौरान बवाल हो गया. केजीएमयू के डॉक्‍टरों और दुकानदारों के बीच विवाद हो गया. आरोप है कि दुकानदारों ने जमकर पथराव किया. इस दौरान एक पत्‍थर केजीएमयू के डॉक्‍टर को लग गई. इसके बाद बड़ी संख्‍या में डॉक्‍टर एकत्रित हो गए. आरोप है कि नेत्र विभाग के पीछे अवैध रूप से कब्जा कर रखा है. पिछले 6 माह से अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस दिया जा रहा है. नोटिस के बाद भी जबरन अवैध कब्जा कर रखा है. बवाल को देखते कई थानों की पुलिस मौके पर बुला ली गई. 

"कब्जा हटाने गई KGMU टीम पर हमला, डॉक्टर की हालत नाजुक" !
“कब्जा हटाने गई KGMU टीम पर हमला, डॉक्टर की हालत नाजुक” !

जमीन पर अवैध कब्जा और हमलावरों की बर्बरता

प्रशासन ने मेडिकल कॉलेज की जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन जैसे ही टीम वहां पहुंची, हमला हो गया। हमला करते समय डॉ. दुर्गेश द्विवेदी सहित अन्य मेडिकल कॉलेज के अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। डॉ. दुर्गेश द्विवेदी को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

विश्‍व हिंदू परिषद के लोग मौके पर पहुंचे 


केजीएमयू में की सूचना पर विश्व हिंदू परिषद के लोग भी मौके पर पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे. विश्‍व हिंदू परिषद के लोगों का कहना है कि जब तक मुसलमान तय अवधि में दुकान नहीं हटा लेते तब तक वह यहां से नहीं हटेंगे. केजीएमयू में डाक्टरों और मुस्लिम दुकानदारों के साथ मारपीट के बाद जमकर हालात काबू में पाने के लिए पुलिस तैनात कर दी गई है. 

पुलिस की मौजूदगी में हुआ कब्जा हटाने का प्रयास

पुलिस की मौजूदगी में हुआ कब्जा हटाने का प्रयास
पुलिस की मौजूदगी में हुआ कब्जा हटाने का प्रयास

इस घटना के बावजूद प्रशासन ने पुलिस की मौजूदगी में अवैध कब्जा हटाने का प्रयास जारी रखा। पुलिस और मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के साथ सख्त सुरक्षा इंतजाम किए गए थे, फिर भी कुछ असामाजिक तत्वों ने हिंसक तरीके से विरोध किया।

प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं

यह घटना यह साबित करती है कि प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान सुरक्षा इंतजामों की कितनी अहमियत है। इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या शासन और प्रशासन अवैध कब्जों से निपटने में सक्षम हैं, जब तक पूरी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत नहीं होती।

समाज पर खतरा, प्रशासन की जिम्मेदारी बढ़ी

अब प्रशासन के सामने यह चुनौती है कि वह न केवल इस हमले में शामिल आरोपियों को सजा दिलाए, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए और भी प्रभावी कदम उठाए। खासकर उन क्षेत्रों में, जहां अवैध कब्जा करने वाले असामाजिक तत्वों का बोलबाला है।

मजार के पास अतिक्रमण


बता दें कि केजीएमयू के नेत्र विभाग के पीछे मजार है. मजार की आड़ में लगातार विशेष समुदायों की ओर से अतिक्रमण किया जा रहा है. मरीजों को आए दिन असुविधा का सामना करना पड़ता है. साथ ही स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का भी विस्‍तार नहीं हो पा रहा है. डॉक्‍टरों ने अतिक्रमण हटाने की मांग की है.

दो डॉक्टर गंभीर रूप से घायल

हमले में रेडियो डायग्नोसिस विभाग के डॉ. दुर्गेश द्विवेदी और डॉ. अनित परिहार गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके अलावा कई अन्य डॉक्टर और कर्मचारियों को भी चोटें आई हैं। घटना के बाद गुस्साए डॉक्टरों और कर्मचारियों ने मौके पर इकट्ठा होकर विरोध जताया और सुरक्षा की मांग की।

आगे क्या कदम?

मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस हमले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, और पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। सवाल यह उठता है कि क्या आने वाले दिनों में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होगी, या प्रशासन इस बार ठोस कदम उठाएगा।

Also Read :

“पोस्टर से चला सियासी तीर, लखनऊ में अखिलेश पर बीजेपी का वार”!