दिल्ली कैबिनेट ने स्कूल फीस एक्ट को मंजूरी दे दी है। इस अधिनियम के तहत निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर लगाम लगेगी। अब तक दिल्ली में निजी स्कूलों की फीस निर्धारण और वृद्धि को लेकर कोई अधिनियम नहीं था। इस अधिनियम से अभिभावकों को राहत मिलेगी।
दिल्ली के लोग प्राइवेट स्कूलों के मनमानी फीस वृद्धि से काफी परेशान थे. अब दिल्ली सरकार ने इस मामले पर बड़ा फैसला ले लिया है. दिल्ली में स्कूल फीस एक्ट को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. सरकार केबिनेट में दिल्ली स्कूल फी एक्ट को मंजूरी दे दी है. स्कूल फीस एक्ट मंजूरी के बाद दिल्ली में स्कूलों की फीस वृद्धि में मनमानी बंद होगी. दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं.
दिल्ली में अभी तक प्राइवेट स्कूलों की फीस तय करने को लेकर कोई नियम नहीं था. और ना प्राइवेट स्कूलों की फीस वृद्धि पर अंकुश लगाने को लेकर ऐसा अधिनियम कोई नहीं था. यह फैसला दिल्ली के तमाम अभिवाकों के लिए राहत लेकर आई है. इससे दिल्ली में निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लगेगी.

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया विधेयक की मुख्य बातें

इस मौके पर शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने विधेयक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट ने आज “दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025” नामक एक महत्वपूर्ण विधेयक पारित किया है. उन्होंने कहा कि अब स्कूलों द्वारा फीस में किसी भी प्रकार की वृद्धि पूरी तरह से पारदर्शी होगी और सरकार की निगरानी में होगी.
शिक्षा मंत्री सूद ने यह भी बताया कि फीस वृद्धि के मुद्दे पर पहले ही स्कूलों को नोटिस जारी किए गए थे. लेकिन अब इस नए विधेयक के पारित होने से एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया गया है. उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि उनकी सरकार ने मात्र 65 दिनों के भीतर इस महत्वपूर्ण विधेयक को लाकर एक नए प्रशासनिक मानदंड स्थापित किया है. उन्होंने विश्वास जताया कि इस विधेयक से दिल्ली के अभिभावकों और छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी.
क्या बोलीं CM रेखा गुप्ता

मुख्यमंत्री गुप्ता ने बताया कि इस संबंध में सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अपने अधिकारियों और जिलाधिकारियों (DM) को स्कूलों में भेजा. DM ने स्कूलों में फीस बढ़ोतरी की गहन जांच कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछली सरकारों ने दिल्ली में स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस प्रावधान या दिशानिर्देश नहीं बनाए थे.इसके कारण निजी स्कूलों को मनमानी करने का अवसर मिलता रहा.
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि इस स्थिति के कारण अभिभावकों और छात्रों के बीच लगातार डर और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ था. उनकी सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए साहसिक कदम उठाया है और दिल्ली के सभी 1677 स्कूलों को लेकर एक विस्तृत मसौदा विधेयक तैयार किया है.
हाल में अभिभावकों ने किया था दिल्ली शिक्षा निदेशालय कार्यालय के बाहर प्रदर्शन
बता दें कि कई अभिभावकों ने हाल में ही दिल्ली शिक्षा निदेशालय कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था और बढ़ी हुई स्कूल फीस को तत्काल वापस लेने तथा मामले में अधिकारियों द्वारा हस्तक्षेप करने की मांग की थी। दिल्ली में निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों द्वारा “अनियमित और अत्यधिक” फीस बढ़ोतरी के खिलाफ पेरेंट्स और अभिभावकों द्वारा लंबे समय से शिकायतें की जा रही हैं।
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