पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। भारत का शीर्ष नेतृत्व विगत दस दिनों में कई बार इस कायराना हमले को अंजाम देने वालों और उन्हें पनाह देने वालों को सबक सिखाने की चेतावनी दे चुका है। पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में अगर यह तनाव यूं ही जारी रहता है या यह युद्ध में तब्दील हो जाता है तो इसका पाकिस्तान की इकोनमी पर बहुत ज्यादा असर होगा।
यह बात प्रसिद्ध रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सोमवार को जारी अपने एक रिपोर्ट में कही है। इसमें कहा गया है कि लंबे अरसे तक काफी बुरी स्थिति से गुजर रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में अब सुधार के लक्षण दिखाई दे रहे थे। लेकिन मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति उसको विकास दर को भी प्रभावित कर सकती है और राजकोषीय संतुलन स्थापित करने की पाकिस्तान सरकार की नीतियों को भी धता बता सकती है।
मूडीज का आकलन यह भी कहता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना रहेगा। दोनों देशों के बीच तनाव की वजह से कई बार सैन्य कार्रवाई भी होती है। आजादी के बाद से ही दोनों देशों के के बीच ऐसा होता रहा है , लेकिन इससे कोई व्यापक युद्ध में तब्दील होने की गुंजाइश कम है,

मूडीज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की तुलना में भारतीय इकोनमी के आधारभूत तत्व ज्यादा मजबूत नजर आते हैं। यहां स्थिरता है, विकास की दर कम होने के बावजूद काफी उच्च स्तर पर है, क्योंकि सरकारी खर्च में इजाफा हो रहा है और निजी खपत की स्थिति भी अच्छी है। स्थानीय तनाव बने रहने की स्थिति में भारत की आर्थिक गतिविधियों पर बहुत खास असर पड़ने की संभावना नहीं होने की बात मूडीज ने कही है। कारण यह बताया है कि भारत का पाकिस्तान के साथ बेहद सीमित आर्थिक संबंध हैं। लेकिन रक्षा क्षेत्र पर ज्यादा खर्च होने का राजकोषीय संतुलन पर असर होगा और भारत प्रबंधन का जो सरकार ने राजकोषीय प्रबंध रोडमैप बनाया है वह प्रभावित सकती है।
भारत का कड़ा जवाब
इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं। इसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करना और दोनों देशों के हाई कमीशन स्टाफ की संख्या कम करना शामिल है।भारत सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को दिए गए वीज़ा रद कर दिए हैं और उन्हें 30 अप्रैल तक भारत छोड़ने का आदेश दिया था। साथ ही, पाकिस्तान एयरलाइंस की उड़ानों के लिए भारत का हवाई क्षेत्र भी बंद कर दिया गया है।
भारत पर नहीं पड़ेगा बड़ा असर
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने स्पष्ट किया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बावजूद भारत की आर्थिक गतिविधियों पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा. भारत के पाकिस्तान के साथ आर्थिक संबंध बहुत सीमित हैं. साल 2024 में भारत के कुल निर्यात में पाकिस्तान की हिस्सेदारी 0.5% से भी कम थी. ऐसे में व्यापारिक बाधा की आशंका न के बराबर है.
पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा स्थिति पर संकट

मूडीज ने चेतावनी दी है कि अगर तनाव बढ़ा तो पाकिस्तान की बाहरी वित्तपोषण तक पहुंच पर असर पड़ेगा. वर्तमान में पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में सुधार हो रहा है, लेकिन यह अभी भी आगामी वर्षों के कर्ज भुगतान के लिए अपर्याप्त माना जा रहा है. ऐसे में तनाव उसकी बाह्य स्थिरता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है.
आईएमएफ की बैठक और संभावित जोखिम
आईएमएफ का कार्यकारी बोर्ड 9 मई को पाकिस्तान के साथ 1.3 अरब डॉलर के जलवायु परिवर्तन ऋण कार्यक्रम की समीक्षा करेगा. भारत वैश्विक संस्थाओं से पाकिस्तान को दी जा रही मदद की समीक्षा की मांग कर सकता है, जिससे इस फंडिंग पर असर पड़ सकता है.
भारत की अर्थव्यवस्था बनी रहेगी स्थिर
मूडीज के अनुसार, भारत की व्यापक आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रहेगी. घरेलू निवेश और निजी खपत में संतुलन के कारण वृद्धि दर उच्च स्तर पर बनी रहेगी. हालांकि, अगर तनाव बहुत बढ़ता है, तो रक्षा खर्च में इजाफा राजकोषीय संतुलन को कुछ हद तक प्रभावित कर सकता है.
Also Read :
“7 मई से पहले मॉक ड्रिल अलर्ट: सायरन, ब्लैकआउट और ट्रेनिंग पर मंथन”