“सीजफायर पर बड़ा मंथन: भारत-पाक DGMO की अहम बैठक आज”

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर बनी सहमति के बाद, आज यानी 12 मई को दोनों देशों के DGMO (Director General Military Operations) के बीच एक अहम मीटिंग होने जा रही है। भारत के DGMO राजीव घई और पाकिस्तान के मेजर जनरल काशिफ चौधरी दोपहर 12 बजे हॉटलाइन पर इस बैठक.

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर बनी सहमति के बाद, आज यानी 12 मई को दोनों देशों के DGMO (Director General Military Operations) के बीच एक अहम मीटिंग होने जा रही है। भारत के DGMO राजीव घई और पाकिस्तान के मेजर जनरल काशिफ चौधरी दोपहर 12 बजे हॉटलाइन पर इस बैठक में भाग लेंगे। यह मीटिंग खासतौर पर 10 मई को हुए सीजफायर ऐलान के बाद पहली बार हो रही है।

"सीजफायर पर बड़ा मंथन: भारत-पाक DGMO की अहम बैठक आज"
“सीजफायर पर बड़ा मंथन: भारत-पाक DGMO की अहम बैठक आज”

थोड़ी देर में शुरू होगी डीजीएमओ लेवल की बैठक

इस बीच आज यानी 12 मई को दोनों देशों के बीच डीजीएमओ स्तर की बैठक होने वाली है। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा साफ और स्पष्ट कर दिया गया है कि इस बैठक केवल दोनों देशों के डीजीएमओ लेवल की होगी। इस बैठक में पाकिस्तान से सिर्फ पीओके के मुद्दा पर बात होगी, ना कि कश्मीर के मुद्दे पर।

इसके अलावा इस बैठक में सिंधु जल समझौते पर भी बात नहीं होगी। वहां सेना द्वारा भी साफ संदेश दिया जा चुका है कि अगर गोली पाकिस्तान की तरफ से चलेगी तो भारत की तरफ से भी गोली चलेगी। बता दें कि भारत अपनी शर्तों पर इस सीजफायर को करना चाहता है। ऐसे में 12 बजे दोनों देशों के डीजीएमओ बैठक करने वाले हैं।

ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया ब्रीफिंग

ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया ब्रीफिंग
ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया ब्रीफिंग

भारत की तरफ से 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 नागरिकों के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। इस ऑपरेशन पर भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के DGMO समकक्ष की ओर से मीडिया ब्रीफिंग का आयोजन 12 मई को दोपहर 2:30 बजे नेशनल मीडिया सेंटर में किया जाएगा।

पाकिस्तान की जवाबी कोशिश और LOC पर तनाव

भारत के हमले के बाद पाकिस्तान ने भी अपनी ओर से भारतीय सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों पर हमले की कोशिश की, जिससे एलओसी (Line of Control) पर फिर से तनाव बढ़ गया। सीजफायर की घोषणा के कुछ घंटों बाद पाकिस्तान ने एलओसी पर भारी गोलाबारी की, लेकिन इसके बाद रविवार की रात को बॉर्डर पर शांति बनी रही।

केवल DGMO स्तर तक बातचीत…

भारत ने साफ कर दिया है कि कश्मीर या सिंधु जल संधि जैसे संवेदनशील मुद्दे इस बातचीत का हिस्सा नहीं होंगे। भारतीय सरकार ने यह भी दोहराया कि इस समय नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच कोई कूटनीतिक संवाद प्रस्तावित नहीं है। भारत का रुख यह है कि केवल DGMO स्तर पर बातचीत जारी रखी जाएगी, और इस पर कोई और विषय नहीं उठाया जाएगा। इसके अलावा, भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) की वापसी के मुद्दे पर ध्यान देगा और अगर पाकिस्तान आतंकवादियों को सौंपने की बात करता है तो तभी भारत किसी आगे की चर्चा पर विचार करेगा।

ट्रंप की मध्यस्थता पर भारत का विरोध

ट्रंप की मध्यस्थता पर भारत का विरोध
ट्रंप की मध्यस्थता पर भारत का विरोध

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कश्मीर विवाद में भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की इच्छा जताई थी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया, लेकिन भारत ने इस विचार को सिरे से खारिज कर दिया। सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। यह मामला भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय है और इसे दोनों देशों के बीच सुलझाया जाएगा।

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर हुई सहमति के बाद, DGMO स्तर पर होने वाली बातचीत महत्वपूर्ण है। हालांकि, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाएगी, और यह केवल द्विपक्षीय मामला रहेगा। भारत के लिए मुख्य मुद्दा पीओके की वापसी और आतंकवाद से लड़ाई है, जबकि पाकिस्तान की तरफ से शांतिपूर्ण माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है।

भारत की चेतावनी

बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते के बावजूद, सूत्रों ने चेतावनी दी है कि किसी भी उल्लंघन का ‘परिणाम’ भुगतना होगा, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी सक्रिय है। भारत ने पहलगाम में हमले के जवाब में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।

समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया, “10 मई को सीजफायर पर सहमति जताने के बावजूद, उन्होंने (पाकिस्तान) ड्रोन और मिसाइलें भेजीं। उन्हें पता होना चाहिए कि उल्लंघन के परिणाम होंगे। ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है।” सूत्रों ने बताया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के सफल क्रियान्वयन के माध्यम से एक कड़ा संदेश दिया है कि पाकिस्तान में कोई भी स्थान आतंकवादियों या उनके समर्थकों को शरण नहीं दे सकता है।

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