“बड़ा मंगल: लखनऊ की आस्था का पर्व,जानिए कैसे शुरू हुई ये अनोखी परंपरा”

ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले हर मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहते हैं. बड़ा मंगल के दिन कुछ विशेष उपाय करने से हनुमान जी की कृपा मिलती है. 

शास्त्रों के अनुसार मंगलवार का दिन को भगवान हनुमान को समर्पित माना गया है और इस दिन को हनुमान जी की पूजा करने का अलग महत्व बताया गया है, लेकिन ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है और इनमें विशेष रूप से राम भक्त हनुमान की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी की भगवान राम से पहली बार मुलाकात ज्येष्ठ महीने के मंगलवार के दिन हुई थी.

"बड़ा मंगल: लखनऊ की आस्था का पर्व,जानिए कैसे शुरू हुई ये अनोखी परंपरा"
“बड़ा मंगल: लखनऊ की आस्था का पर्व,जानिए कैसे शुरू हुई ये अनोखी परंपरा”

तभी से ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है. इस खास दिन मंदिरों में भज-कीर्तन होते हैं, भक्तों के लिए भंडारे किए जाते हैं, जगह-जगह पर प्याऊ लगवाए जाते हैं. बड़ा मंगल उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. 

यूपी के इस शहर से जुड़ा बड़ा मंगल का इतिहास

शास्त्रों के अनुसार, बुढ़वा मंगल का संबंध महाभारत और रामायण काल से है लेकिन उत्तर प्रदेश के लखनऊ से भी बड़ा मंगल की कहानी जुड़ी है. इस शहर में बड़ा मंगल बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि करीब 400 साल पहले अवध के मुगलशासक नवाब मोहम्मद अली शाह के बेटे की तबीयत बहुत खराब हो गई थी, जिसकी वजह से उनकी बेगम बेहद दुखी रहती थी.

हर संभव प्रयास के बाद भी जब उनका बेटा ठीक नहीं होता तो कुछ लोगों ने नवाब मोहम्मद वाजिद अली शाह की बेगम को लखनऊ के अलीगंज में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में मंगलवार को दुआ मांगने को कहा. लोगों के कहे अनुसार उन्होंने ऐसा ही किया जिसके थोड़े दिन बाद बेटे की तबीयत में सुधार होने लगा.

इसकी खुशी में अवध के नवाब और उनकी बेगम ने अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर की मरम्मत कराई, जिसका कार्य ज्येष्ठ माह में पूरा हुआ था. इसके बाद पूरे लखनऊ में गुड़ और प्रसाद बांटा गया. तब से बुढ़वा मंगल के दिन लखनऊ में जलपान कराने, भंडारा कराने और प्रसाद बांटना शुरू हुआ. ऐसा कहा जाता है कि तभी से यहां हर साल ज्येष्ठ मास के सभी मंगलवार पर जगह-जगह भंडारे का आयोजन होता है.

बड़ा मंगल को क्यों कहते हैं बुढ़वा मंगल?

ज्येष्ठ माह में हनुमान जी की पूजा बेहद फलदायी मानी जाती है. धर्म ग्रंथों के अनुसार, जब प्रभु राम माता सीता की खोज में वन में भटकते हुए हनुमान जी से मिले थे तो उस दिन ज्येष्ठ माह का मंगलवार था, इसलिए ज्येष्ठ के हर मंगलवार को बड़ा मंगल के रूप में मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, रावण के घमंड को चकनाचूर करने के लिए हनुमानजी ने वृद्ध वानर का रूप धारण किया था. साथ ही इस दिन बजरंगबली की बूढ़े वानर के रूप में पूजा की जाती है, इसलिए ही बुढ़वा मंगल भी कहते हैं.

इस साल बड़ा मंगल कब है?

इस साल बड़ा मंगल कब है?
इस साल बड़ा मंगल कब है?

हिंदू कैलेंडर के तीसरे माह यानी ज्येष्ठ मास में पहला 13 मई को मनाया जाएगा. इस साल 2025 में पाँच बड़ा मंगल पड़ेंगे. बड़ा मंगल पर हनुमान जी के वृद्ध स्वरूप की पूजा की जाती है. उत्तरप्रदेश के लखनऊ में बड़ा मंगल बहुत उत्साह से मनाया जाता है.

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