कोरोना का अब नहीं खतरा, बूस्टर डोज भी जरूरी नहीं: विशेषज्ञों की राय
कोरोना के मामले एक बार फिर मिलने लगे हैं। ऐसे में अगर आपने वैक्सीन की दो खुराक ली है तो घबराने की जरूरत नहीं है। आपको तीसरी खुराक लेने की जरूरत भी नहीं है। आपके शरीर में कोविड-19 वायरस के खिलाफ पर्याप्त एंटीबॉडी हैं। एल्सेवियर से काशित केजीएमयू के साझा अध्ययन में यह कर्ष निकला है।
अप्रैल से सितंबर 2023 के बीच हुए इस व्ययन में लखनऊ समेत आसपास के 10 पदों के 7643 निवासियों को शामिल किया इनमें से 643 में सेलुलर एंटीबॉडी और 10 में ह्यूमरल एंटीबॉडी की जांच की गई। बर एंटीबॉडी वालों में पांच से 12 वर्ष के बच्चे, 13 से 17 वर्ष के 75 किशोर थे।

बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी थी। ह्यूमरल एंटीबॉडी वाले समूह में सभी शामिल थे। इनके खून के नमूने लेकर एंटीबॉडी जांची गई। इसमें देखा गया कि बच्चों में एंटीबॉडी का स्तर कम था। पहली के बाद दूसरी डोज लेने के बाद एंटीबॉडी का स्तर बढ़ा था। दो डोज लेने वालों में एंटीबॉडी की मात्रा काफी ज्यादा थी। वहीं, दूसरी के बाद तीसरी खुराक लेने वालों में एंटीबॉडी की मात्रा में नाममात्र ही वृद्धि देखने को मिली। ऐसे में दो खुराक ले चुके लोगों को तीसरी खुराक लेने की जरूरत नहीं है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि बूस्टर डोज का फैसला व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति, उम्र और जोखिम कारकों को ध्यान में रखकर ही लेना चाहिए। सभी के लिए इसे अनिवार्य बनाना फिलहाल जरूरी नहीं है। इसके बजाय लोगों को सामान्य सतर्कता जैसे मास्क पहनना, हाथ धोना और सामाजिक दूरी बनाए रखना जारी रखना चाहिए। सरकार और स्वास्थ्य संस्थान भी संक्रमण की निगरानी कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर आवश्यक कदम उठाएंगे।
इस बीच, जनता को अफवाहों और बिना पुष्टि की गई सूचनाओं से बचने की सलाह दी गई है ताकि अनावश्यक भय और भ्रम न फैले। विशेषज्ञों का मानना है कि सतर्कता और जागरूकता के साथ ही हम कोरोना के प्रभाव को नियंत्रित कर सकते हैं और सामान्य जीवन में लौट सकते हैं। इस समय कोरोना को लेकर घबराने की बजाय सावधानी बरतना और वैक्सीन के सामान्य डोज लेने पर ध्यान केंद्रित करना ही सर्वोत्तम उपाय है।
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