यूपी के श्री मनकामेश्वर मंदिर में लागू होगा ड्रेस!

श्री मनकामेश्वर मंदिर में श्रद्धालु जींस पैंट या छोटे कपड़े पहनकर नहीं जाएंगे। मंदिर में जाने वाले लोगों को ड्रेस कोड का पालन करना होगा।

उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में यमुना किनारे स्थित पौराणिक महत्व वाले प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर में छोटे व भड़कीले कपड़े पहनकर आने वाली महिलाओं और युवतियों के मंदिर में प्रवेश न देने का निर्देश जारी कर दिया गया है. अब श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू करने का निर्णय लिया गया है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, यह कदम मंदिर की गरिमा और धार्मिक माहौल को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

अब मंदिर में प्रवेश करने वाले भक्तों को मर्यादित और पारंपरिक वस्त्र पहनना अनिवार्य होगा। मुख्य महंत देव्या गिरिजा देवी ने स्पष्ट किया कि मंदिर में छोटी ड्रेस, फटी जींस, टी-शर्ट, स्लीवलेस या किसी भी अशोभनीय पहनावे में आने वाले लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

यूपी के श्री मनकामेश्वर मंदिर में लागू होगा ड्रेस!
यूपी के श्री मनकामेश्वर मंदिर में लागू होगा ड्रेस!

महंत ने बताया कि मंदिर एक आस्था का केंद्र है, और यहां आने वालों को धार्मिक स्थल की पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए। ड्रेस कोड का उद्देश्य किसी को रोकना नहीं बल्कि मंदिर के माहौल को धार्मिक मर्यादा के अनुरूप बनाए रखना है। महिला श्रद्धालुओं को सूती साड़ी, सलवार-कुर्ता जैसे पारंपरिक वस्त्र पहनने की सलाह दी गई है, जबकि पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता या मर्यादित कपड़े पहनने की अपील की गई है।

मंदिर प्रशासन जल्द ही इस संबंध में बोर्ड लगवाने और सोशल मीडिया के जरिए जागरूकता फैलाने की योजना भी बना रहा है। स्थानीय लोगों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम मंदिर की सांस्कृतिक विरासत की रक्षा में मददगार साबित होगा।

धार्मिक मर्यादा के अनुरूप फैसला

मंदिर के महंत ब्रह्मचारी श्रीधरानंद महाराज ने बताया कि धार्मिक दृष्टिकोण से पूजा-अर्चना करते समय पारंपरिक वस्त्र पहनना आवश्यक होता है. धोती एक बिना सिला हुआ वस्त्र है, जिसे शुद्ध और पवित्र माना गया है. धार्मिक ग्रंथों में भी इसका उल्लेख है कि बिना सिले कपड़ों में ही देवता की आराधना करनी चाहिए. इसी आधार पर यह व्यवस्था लागू की जा रही है ताकि भक्त परंपरागत नियमों के अनुसार पूजन कर सकें.

11 जुलाई से सावन में होगा नियम लागू

यह नया नियम 11 जुलाई से लागू होगा, जब सावन माह की शुरुआत होगी. सावन भगवान शिव को समर्पित महीना होता है और इस दौरान भक्त बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचते हैं. प्रशासन चाहता है कि इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालु धार्मिक मर्यादा और शुद्धता के साथ पूजन करें. सभी पुजारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे ड्रेस कोड का पूरी सख्ती से पालन कराएं और किसी भी उल्लंघन पर रोक लगाएं.

नहीं है धोती? मंदिर प्रशासन देगा निशुल्क

अगर कोई भक्त धोती पहनकर मंदिर नहीं पहुंचता है, तो उसे वापस नहीं लौटना पड़ेगा. मंदिर प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है कि ऐसे श्रद्धालुओं को निशुल्क धोती प्रदान की जाएगी। यह धोती पूजन के लिए दी जाएगी और पूजन के बाद उसे वापस करना होगा. यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि किसी को पूजा से वंचित न होना पड़े और धार्मिक नियमों का पालन भी सुनिश्चित हो सके.

भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है मनकामेश्वर

भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है मनकामेश्वर
भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है मनकामेश्वर

श्री मनकामेश्वर मंदिर प्रयागराज का एक अति प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिर है. यहां रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन और पूजन के लिए आते हैं, खासकर सोमवार को भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं. सावन में यह संख्या कई गुना बढ़ जाती है. मान्यता है कि यहां विधिपूर्वक और श्रद्धा से की गई पूजा भगवान शिव को अतिप्रिय होती है और इससे भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यही कारण है कि मंदिर प्रशासन पूजन की पवित्रता बनाए रखने के लिए लगातार नियमों में सुधार कर रहा है.

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