पायलट सुमित सभरवाल पंचतत्व में विलीन, नम आंखों से दी गई वीर को अंतिम विदाई !

अहमदाबाद प्लेन क्रैश ने एक बेटे के उस अधूरे सपने को भी तोड़ दिया है, जो अपने बूढ़े पिता की सेवा में समर्पित होना चाहता था। कैप्टन सुमित सभरवाल कई बार कहते थे कि अब रिटायरमेंट लेकर पिता का ख्याल रखना है।

अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन हादसे में मारे गए एयर इंडिया फ्लाइट के पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए मुंबई लाया गया है। देश के वीर सपूत पायलट सुमित सभरवाल को आज पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ उनके पैतृक गांव पहुंचा, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। लोग हाथों में तिरंगा लेकर और “भारत माता की जय” के नारे लगाते हुए अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। परिजनों की आंखों में आंसू थे, मगर साथ ही चेहरे पर बेटे की वीरता पर गर्व भी साफ झलक रहा था।

सुमित सभरवाल भारतीय वायुसेना में बतौर पायलट तैनात थे और हाल ही में एक ट्रेनिंग मिशन के दौरान उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे की खबर मिलते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मगर उन्होंने साहस के साथ अपने बेटे को अंतिम विदाई दी। अंतिम संस्कार के दौरान सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और बंदूकों की सलामी के साथ उन्हें पंचतत्व में विलीन कर दिया गया।

पायलट सुमित सभरवाल पंचतत्व में विलीन, नम आंखों से दी गई वीर को अंतिम विदाई !
पायलट सुमित सभरवाल पंचतत्व में विलीन, नम आंखों से दी गई वीर को अंतिम विदाई !

उनकी पत्नी, माता-पिता और छोटे भाई ने भारी मन से सुमित को मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा में गांववाले, स्थानीय जनप्रतिनिधि, सैन्य अधिकारी और स्कूल-कॉलेज के युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए। हर आंख नम थी, और हर दिल गर्व से भरा हुआ।

सुमित सभरवाल ने अपने जीवन को देश के लिए समर्पित किया था। उनके गांव के लोगों का कहना है कि वे बचपन से ही देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत थे। वे न सिर्फ एक जांबाज पायलट थे, बल्कि एक संवेदनशील बेटा, जिम्मेदार पति और प्रेरणादायक मित्र भी थे।

उनकी शहादत ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है, लेकिन साथ ही एक प्रेरणा भी दी है कि देश के लिए कुछ कर गुजरने वाले कभी मरते नहीं — वे हमेशा अमर रहते हैं। आज पायलट सुमित सभरवाल भले ही हमारे बीच नहीं हैं, मगर उनका साहस, समर्पण और शौर्य सदैव याद रखा जाएगा।

सुमित सभरवाल की पड़ोसी ने क्या बताया?

अहमदाबाद विमान हादसे ने न सिर्फ 241 परिवारों के जीवन को झकझोर कर रख दिया, बल्कि एक बेटे के उस अधूरे सपने को भी तोड़ दिया, जो अपने बूढ़े पिता की सेवा में समर्पित होना चाहता था। सुमित कई बार कहते थे कि अब रिटायरमेंट लेकर पिता का ख्याल रखना है। 88 साल के बुजुर्ग पिता अपने 60 वर्षीय बेटे की मौत की खबर के बाद टूट गए हैं।

कैप्टन सुमित सभरवाल के घर के पास रहने वाली ऊषा तड़वलेकर ने आज भावुक मन से बताया कि सुमित के साथ केबिन क्रू के रूप में उन्होंने भी एयर इंडिया को सेवाएं दी है। वे लगभग 37 सालों तक एयर इंडिया में केबिन क्रू थी और अब रिटायर हो चुकी हैं। कैप्टन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि सुमित के चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान रहती थी। वह जीवन भर एक लो प्रोफाइल रहकर हमेशा अपने काम पर ध्यान देते थे।

अब तक कितने मृतकों के DNA सैंपल मैच?

अहमदाबाद प्लेस हादसे की जांच में एविएशन एक्सपर्ट्स की कई टीमें लगी हैं तो अहमदाबाद प्रशासन और गुजरात सरकार का फोकस प्लेन क्रैश के शिकार लोगों की पहचान करके उनके शव परिवार वालों को सौंपने पर है। DNA प्रोफाइलिंग के आधार पर अबतक 125 शवों की पहचान हो चुकी है तो वहीं 124 मृतकों के रिश्तेदारों से संपर्क किया जा चुका है। अबतक 83 शव परिवार वालों को सौंपे जा चुके हैं।

DNA सैंपिलिग के लिए दिन-रात काम कर रहे एक्सपर्ट्स 

डीएन सैंपिलिग के लिए फॉरेन्सिक लैब में एक्सपर्ट्स दिन रात काम कर रहे हैं। DNA सैंपल मैच करने में कम से कम 72 घंटे का वक्त लगता है लेकिन प्लेन क्रैश का शिकार हुए लोगों के शव इतनी बुरी तरह जल गए हैं कि उनमें से DNA एक्सट्रैक्ट करना बहुत मुश्किल हो रहा है इसलिए पूरे प्रोसेस में वक्त लग रहा है। हालांकि प्रशासन की कोशिश है कि जितनी जल्दी हो सके डीएनए चेक किया जा सके। इसके लिए गांधीनगर की फॉरेसिंक लैब में आसपास के जिलों के फॉरेन्सिक एक्सपर्टस को भी बुलाया गया है। इस वक्त फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की 36 टीमें DNA प्रोफाइलिंग में लगी हैं।

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