G7 में मोदी का दो टूक: आतंकवाद को समर्थन देने वालों को भरना होगा हिसाब !

कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने ऊर्जा सुरक्षा की आवश्यकता और वैश्विक दक्षिण देशों की चिंताओं को दूर करने के महत्व पर जोर दिया, जो अक्सर संकटों से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट वैश्विक मोर्चे का भी आह्वान किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली के अपुलिया में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में आतंकवाद पर अपना सख्त और स्पष्ट रुख रखते हुए कहा कि “आतंकवाद को बढ़ावा और समर्थन देने वालों को इसकी कीमत चुकानी होगी।” यह बयान न केवल भारत की सुरक्षा नीति का प्रतिबिंब है, बल्कि वैश्विक मंच पर एक मजबूत और स्पष्ट संदेश भी है कि भारत आतंक के खिलाफ किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतेगा।

G7 में मोदी का दो टूक: आतंकवाद को समर्थन देने वालों को भरना होगा हिसाब !
G7 में मोदी का दो टूक: आतंकवाद को समर्थन देने वालों को भरना होगा हिसाब !

पीएम मोदी दिखे एक्शन मोड में

पीएम मोदी दिखे एक्शन मोड में
पीएम मोदी दिखे एक्शन मोड में

प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा में ‘जी7 संपर्क सत्र’ में मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए हमारी सोच और नीति स्पष्ट होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के समर्थक देशों को भी इसकी कीमत चुकानी होगी।’’ मोदी ने कहा, ‘‘एक तरफ हम अपनी प्राथमिकता के आधार पर हर तरह के प्रतिबंध लगाने में जल्दबाजी करते हैं। दूसरी तरफ, जो देश खुले तौर पर आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उन्हें पुरस्कृत किया जाता है।’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को दोहराया और पहलगाम में हुए भयावह आतंकवादी हमले की निंदा करने के लिए नेताओं को धन्यवाद दिया।

मोदी का वैश्विक मंच से सीधा संदेश

G7 समिट में पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है और इसे किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने दो टूक कहा कि “Terrorism को शह देने वाले देशों, संस्थाओं या समूहों को अब जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। यदि कोई देश प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवाद को समर्थन देता है, तो उसे उसकी कीमत चुकानी ही होगी।”

पाकिस्तान और चीन पर अप्रत्यक्ष निशाना?

हालांकि पीएम मोदी ने अपने भाषण में किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह टिप्पणी मुख्य रूप से पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के संदर्भ में की गई है, जिन पर आतंकवाद को समर्थन देने के आरोप लगते रहे हैं। भारत लंबे समय से वैश्विक मंचों पर यह मुद्दा उठाता रहा है कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया जाए।

ग्लोबल साउथ की आवाज बने मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत ग्लोबल साउथ (विकासशील देशों) की आवाज को प्रमुखता से रखता रहेगा और आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों से लड़ने में हरसंभव भूमिका निभाएगा। उन्होंने G7 देशों से आग्रह किया कि वे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में केवल बयानबाजी न करें, बल्कि संकल्पबद्ध और समन्वित कार्रवाई करें।

भारत की नीति पर फिर से मुहर

इस बयान के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की विदेश और सुरक्षा नीति को एक बार फिर दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है कि भारत आतंकवाद पर “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर कायम है। साथ ही उन्होंने यह भी दर्शाया कि भारत वैश्विक स्तर पर अपने हितों और सुरक्षा मुद्दों पर समझौता नहीं करेगा।

निष्कर्ष

G7 के मंच से आतंकवाद को लेकर प्रधानमंत्री मोदी का यह कड़ा रुख न केवल वैश्विक समुदाय को चेतावनी है, बल्कि यह भी संकेत है कि भारत आतंकवाद को समर्थन देने वालों के खिलाफ वैश्विक लामबंदी की कोशिशें तेज करेगा। उनकी यह नीति भारत के मजबूत कूटनीतिक और सुरक्षा दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो आने वाले दिनों में और निर्णायक रूप ले सकती है।

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