कांवड़ यात्रा के लिए नई गाइडलाइन: ऊंचाई 10 फीट तक सीमित, ढाबों पर रेट लिस्ट अनिवार्य !

अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक में तय किया गया कि कांवड़ की ऊंचाई 10 फीट से अधिक नहीं होगी। कांवड़ यात्रा के दौरान हुड़दंग करने वालों पर सख्ती बरती जाएगी। वहीं, कांवड़ यात्रा के रास्ते पर पड़ने वाले ढाबों पर रेट लिस्ट लगाना जरूरी होगा।

सावन माह नजदीक है और इसके साथ ही कांवड़ यात्रा की तैयारियां भी जोरों पर हैं। उत्तर भारत में लाखों शिवभक्तों द्वारा की जाने वाली इस धार्मिक यात्रा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। इसी क्रम में अंतरराज्यीय समन्वय समिति की अहम बैठक के बाद कांवड़ यात्रा के लिए नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं, जो यात्रियों की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिहाज से बेहद जरूरी मानी जा रही हैं।

कांवड़ यात्रा के लिए नई गाइडलाइन: ऊंचाई 10 फीट तक सीमित, ढाबों पर रेट लिस्ट अनिवार्य !
कांवड़ यात्रा के लिए नई गाइडलाइन: ऊंचाई 10 फीट तक सीमित, ढाबों पर रेट लिस्ट अनिवार्य !

छह राज्यों के अफसर शामिल हुए

शुक्रवार को हरिद्वार के मेला नियंत्रण कक्ष में उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में तय किया गया कि कांवड़ यात्रा को सुरक्षित, शांतिपूर्ण और बेहतर तरीके से कराने के लिए सभी राज्य एक-दूसरे से रियल टाइम में जानकारी साझा करेंगे, ताकि कोई भी आपात स्थिति होने पर तुरंत मदद की जा सके।

यातायात और भीड़ प्रबंधन की योजना

बैठक में यह भी तय हुआ कि दिल्ली-हरिद्वार हाईवे (एनएच-58) पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए खास योजना बनाई जाएगी। डाक कांवड़ की भीड़ को कैसे संभालना है और वैकल्पिक रास्ते कैसे तैयार करने हैं, इस पर भी चर्चा हुई। कांवड़ के लिए बनाए गए पैदल मार्ग और पार्किंग की तैयारियों की भी समीक्षा की गई।

कांवड़ की ऊंचाई होगी नियंत्रित

कांवड़ की ऊंचाई होगी नियंत्रित
कांवड़ की ऊंचाई होगी नियंत्रित

नई गाइडलाइन के अनुसार, अब किसी भी कांवड़ की ऊंचाई 10 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह फैसला सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि हाईवोल्टेज तारों, ओवरब्रिज और अन्य संरचनाओं से किसी तरह की दुर्घटना को टाला जा सके। साथ ही इससे यातायात व्यवस्था भी बाधित नहीं होगी।

ढाबों पर अनिवार्य होगी रेट लिस्ट

यात्रा मार्ग में स्थित ढाबों और भोजनालयों पर खाद्य पदार्थों के मूल्य स्पष्ट रूप से दर्शाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी ढाबा मालिकों को अपनी दुकानों पर रेट लिस्ट प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने वालों के खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। इस निर्णय का उद्देश्य यात्रियों से अनावश्यक वसूली और खाद्य सामग्री की कीमतों में मनमानी पर रोक लगाना है।

पुलिस और प्रशासन अलर्ट

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यात्रा मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी। पुलिस, पीएसी और अन्य सुरक्षाबलों की तैनाती की जाएगी। CCTV कैमरों की मदद से संवेदनशील स्थानों की निगरानी की जाएगी। ड्रोन से भीड़ पर नजर रखने की योजना पर भी चर्चा हुई है।

स्वास्थ्य और आपात सेवाएं भी रहेंगी तैनात

कांवड़ मार्ग पर प्राथमिक चिकित्सा कैंप, एंबुलेंस और मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की व्यवस्था की जाएगी, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटा जा सके। इसके अलावा जलापूर्ति, शौचालय और विश्राम स्थलों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

सहयोग की अपील

प्रशासन ने आम नागरिकों, दुकानदारों और श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि वे नियमों का पालन करें और यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाने में प्रशासन का साथ दें।

कुल मिलाकर, इस बार की कांवड़ यात्रा न केवल अधिक संगठित और सुरक्षित होगी, बल्कि यात्रियों के अनुभव को भी अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

समन्वय और सोशल मीडिया निगरानी

उत्तर प्रदेश के डीआईजी अभिषेक सिंह ने यूपी के यात्रा प्लान की जानकारी दी. बैठक में निर्णय लिया गया कि सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उत्तराखंड और यूपी के अधिकारी एक-दूसरे के राज्यों में तैनात रहेंगे ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान तेजी से हो सके. गंगा घाटों पर SDRF, NDRF, जल पुलिस और 60 आपदा मित्र तैनात किए जाएंगे. टोल-फ्री नंबर 112, 1070, और 1077 की जानकारी कांवड़ियों को दी जाएगी.

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