छांगुर बाबा पर जहां प्रशासन का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है वहीं सीएम योगी ने आजमगढ़ की एक कहा कि ऐसे ऐसे समाज विरोधी तत्वों को चकनाचूर करके रहेंगे।
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में हाल ही में सामने आए एक घृणित तांत्रिक कृत्य और नारी विरोधी अमानवीय घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। कथित बाबा छांगुर उर्फ छांगुरनाथ पर लगे बलात्कार, अपहरण और तंत्र-मंत्र के नाम पर शोषण के संगीन आरोपों ने पूरे प्रदेश में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। इस मामले में अब खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और प्रशासन को सख्त से सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा:
“बलरामपुर से एक जल्लाद को गिरफ्तार किया गया है, जो धर्म की आड़ में पाप की दुकान चला रहा था। ऐसे समाज विरोधी तत्वों को चकनाचूर करके ही दम लेंगे। उत्तर प्रदेश में अब अधर्म के नाम पर कोई नारी शोषण नहीं होगा।”

क्या है पूरा मामला?
बलरामपुर जिले के तुलसीपुर इलाके में रहने वाला छांगुर बाबा, जो खुद को साधु और तांत्रिक बताता था, पर आरोप है कि वह अंधविश्वास के नाम पर महिलाओं और युवतियों को अपनी झांसे में फंसाता था और फिर उनके साथ यौन शोषण करता था। कई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि बाबा ने उन्हें पूजा-पाठ और तांत्रिक अनुष्ठानों के बहाने गोपनीय स्थानों पर बुलाया और उनके साथ दुष्कर्म किया।
पीड़िताओं के मुताबिक, बाबा के साथ एक पूरा गिरोह काम कर रहा था, जो वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग करता था और विरोध करने पर जादू-टोने की धमकियां दी जाती थीं।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस को जैसे ही इस मामले की भनक लगी, उसने विशेष छापेमारी दल गठित कर छांगुर बाबा को बलरामपुर जिले के एक गुप्त ठिकाने से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद बाबा के पास से वीडियो क्लिप्स, नकदी, आपत्तिजनक सामग्री और तांत्रिक उपकरण भी बरामद किए गए।
बलरामपुर एसपी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा,
“हमारे पास कई पीड़िताओं की शिकायतें आई हैं। बाबा के खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है, जिसमें 376 (बलात्कार), 506 (धमकी), 420 (धोखाधड़ी) और IT एक्ट की धाराएं भी शामिल हैं।”
मुख्यमंत्री की सख्त चेतावनी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ शब्दों में कहा कि उत्तर प्रदेश में ढोंगी बाबाओं की कोई जगह नहीं है। उन्होंने प्रशासन से कहा कि ऐसे मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जाए।

“यह सिर्फ बलरामपुर का मामला नहीं है। ऐसे समाज-विरोधी तंत्र पूरे प्रदेश में सक्रिय हैं। हम एक-एक को पकड़ेंगे और उनका नकाब उतारेंगे। महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है,” मुख्यमंत्री ने कहा।
इसके अलावा उन्होंने गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय को निर्देश दिया है कि प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों और साधु-संतों की गतिविधियों की विशेष निगरानी रखी जाए।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने भी प्रतिक्रिया दी है, लेकिन उनकी आलोचना राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने कहा कि अगर प्रशासन पहले ही सतर्क होता तो इस बाबा को वर्षों तक महिलाओं का शोषण करने का मौका न मिलता।
वहीं, भाजपा प्रवक्ताओं ने विपक्ष की आलोचना को निराधार बताते हुए कहा कि योगी सरकार अपराधियों के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति पर कार्य कर रही है, और यही कारण है कि अब ऐसे मामलों का पर्दाफाश हो रहा है।
जनता में आक्रोश और भय
बलरामपुर और आसपास के क्षेत्रों में इस कांड को लेकर गंभीर आक्रोश और भय का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाबा ने कई वर्षों से धार्मिक आस्था का दुरुपयोग किया, और स्थानीय प्रशासन की नजर से बचता रहा। अब लोग चाहते हैं कि उसके संपूर्ण नेटवर्क का खुलासा हो और सख्त सजा दी जाए।
निष्कर्ष
छांगुर बाबा जैसे ढोंगी और अपराधी चेहरे धर्म के नाम पर जो पाखंड और पाप करते हैं, वे न केवल समाज की आस्था से खिलवाड़ करते हैं, बल्कि महिलाओं की स्वतंत्रता और सुरक्षा को भी खतरे में डालते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह स्पष्ट चेतावनी कि “ऐसे समाज विरोधी तत्वों को चकनाचूर करके ही दम लेंगे”, संकेत है कि अब उत्तर प्रदेश में धर्म की आड़ में पाप का कारोबार नहीं चलने दिया जाएगा।
यह मामला सिर्फ एक बाबा की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी है—अंधविश्वास के नाम पर अपराध अब और बर्दाश्त नहीं होंगे।