जियो थर्मल उर्जा नीति को उत्तराखंड कैबिनेट की मिली मंजूरी !

सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में कल देहरादून में कैबिनेट की बैठक की गई। इस बैठक में कैबिनेट ने जियो थर्मल उर्जा नीति को मंजूरी दे दी है। बता दें कि इसके तहत जमीन की गर्मी से बिजली पैदा की जाएगी।

देहरादून, जुलाई 2025: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को नई दिशा देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ‘उत्तराखंड जियोथर्मल ऊर्जा नीति 2025’ को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही बैठक में कुल 6 अहम निर्णय लिए गए, जिनमें राज्य में निवेश बढ़ाने, रोजगार सृजन, पर्यटन विकास और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।

जियो थर्मल उर्जा नीति को उत्तराखंड कैबिनेट की मिली मंजूरी !
जियो थर्मल उर्जा नीति को उत्तराखंड कैबिनेट की मिली मंजूरी !

क्या है जियोथर्मल ऊर्जा?

जियोथर्मल ऊर्जा पृथ्वी की सतह के नीचे मौजूद गर्मी से उत्पन्न होती है। यह एक अक्षय और सतत ऊर्जा स्रोत है, जो कोयला और गैस जैसे पारंपरिक स्रोतों की तुलना में पर्यावरण के लिए सुरक्षित है। उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए यह ऊर्जा स्रोत विशेष रूप से उपयुक्त है क्योंकि यहाँ भूतापीय गतिविधियों के कई प्राकृतिक स्रोत मौजूद हैं, विशेषकर बदरीनाथ, तपोवन, और यमुनोत्री जैसे क्षेत्रों में।

कैबिनेट के 6 अहम फैसले:

1. उत्तराखंड जियोथर्मल ऊर्जा नीति 2025 की मंजूरी

सरकार ने प्रदेश में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने और पारेषण पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से यह नीति लागू की है। नीति के तहत निजी और सरकारी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा, साथ ही तकनीकी संस्थानों और वैश्विक विशेषज्ञों की मदद से जियोथर्मल प्रोजेक्ट्स स्थापित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “यह नीति उत्तराखंड को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।”

2. बदरीनाथ और मुनस्यारी में पायलट प्रोजेक्ट

सरकार ने बदरीनाथ और मुनस्यारी क्षेत्र को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित किया है। यहां जियोथर्मल ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। परियोजनाओं की निगरानी के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।

3. ‘वन टाइम सेटलमेंट स्कीम’ के विस्तार को मंजूरी

प्रदेश के किसानों और छोटे व्यापारियों को राहत देते हुए सरकार ने बिजली बिलों के लिए वन टाइम सेटलमेंट योजना को 3 महीने के लिए और बढ़ा दिया है। इसके तहत उपभोक्ता जुर्माना और ब्याज माफ करवाकर बिल चुका सकते हैं।

4. टिहरी झील में वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा

टिहरी झील को इंटरनेशनल टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाने के लक्ष्य के तहत अब वहां जल क्रीड़ा गतिविधियों के संचालन के लिए निजी निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

5. बेरोजगार युवाओं के लिए स्टार्टअप इनक्यूबेशन स्कीम

राज्य सरकार ने युवाओं के स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए “उत्तराखंड इनोवेशन एंड स्टार्टअप स्कीम” को भी स्वीकृति दी है। इसके तहत नवाचार करने वाले युवाओं को प्रशिक्षण, तकनीकी सहयोग और अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।

6. राजस्व विभाग में डिजिटल भूमि अभिलेख प्रणाली को मजबूत करने का फैसला

राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए ई-भूलेख प्रणाली का विस्तार किया जाएगा। इससे भूखंड विवादों में कमी आने की उम्मीद है।

पर्यावरण, निवेश और विकास का संतुलन

पर्यावरण, निवेश और विकास का संतुलन
पर्यावरण, निवेश और विकास का संतुलन

उत्तराखंड सरकार का यह कदम स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वह पर्यावरणीय संतुलन के साथ-साथ राज्य के आर्थिक विकास पर भी ध्यान दे रही है। जियोथर्मल नीति से जहां पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, वहीं यह पर्यटन और विज्ञान के क्षेत्र में भी नए अवसर खोलेगी।

राज्य के ऊर्जा मंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि 2030 तक उत्तराखंड की 25% ऊर्जा आवश्यकताएं गैर-परंपरागत स्रोतों से पूरी हों।”

निष्कर्ष

उत्तराखंड सरकार के इन फैसलों से राज्य में सतत विकास, पर्यावरणीय संरक्षण, निवेश आकर्षण और रोजगार निर्माण के द्वार खुलेंगे। विशेष रूप से जियोथर्मल ऊर्जा नीति भविष्य के लिए एक दूरदर्शी निर्णय है, जो आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को देश में अक्षय ऊर्जा की अगुवाई करने वाला राज्य बना सकती है।

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