दिल्ली-NCR में धरती कांपी: भूकंप के तेज झटकों से दहशत !

दिल्ली और आस-पास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में भारी दहशत फैल गई। भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर में था।

दिल्ली-एनसीआर में बुधवार रात अचानक भूकंप के तेज झटकों से धरती कांप उठी। रात करीब 10:37 बजे महसूस किए गए इन झटकों ने राजधानी सहित नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में लोगों को भयभीत कर दिया। कई इलाकों में लोग अपने घरों और इमारतों से घबराकर बाहर निकल आए। मौसम विभाग (IMD) और नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 6.1 मैग्नीट्यूड मापी गई और इसका केंद्र अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान बॉर्डर पर जमीन से करीब 220 किलोमीटर गहराई में था।

दिल्ली-NCR में धरती कांपी: भूकंप के तेज झटकों से दहशत !
दिल्ली-NCR में धरती कांपी: भूकंप के तेज झटकों से दहशत !

झटकों से लोगों में मची अफरा-तफरी

झटकों से लोगों में मची अफरा-तफरी
झटकों से लोगों में मची अफरा-तफरी

भूकंप के झटके इतने तेज थे कि बहु-मंजिला इमारतों में रहने वाले लोग घबराकर सीढ़ियों और लिफ्टों से नीचे भागते देखे गए। कई लोगों ने कहा कि झटका 30 से 40 सेकंड तक महसूस हुआ। दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम जैसे इलाकों में कई लोग अपने घरों की बालकनी और कमरों में लाइट्स और पंखों के हिलने से सजग हुए। इसके बाद सोशल मीडिया पर भी भूकंप को लेकर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई।

गाजियाबाद के वसुंधरा निवासी अनीता शर्मा ने बताया, “हम सब टीवी देख रहे थे, तभी पूरा सोफा हिलने लगा। पहले तो लगा कुछ और है, लेकिन जब दीवारें भी हिलने लगीं तो हम तुरंत बाहर निकल आए।”

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने दी जानकारी

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश पर्वतीय क्षेत्र में था, जो भूकंपीय दृष्टिकोण से बेहद सक्रिय क्षेत्र माना जाता है। रिक्टर स्केल पर 6.1 की तीव्रता वाले इस भूकंप की गहराई लगभग 220 किमी थी, जिसके चलते भारत के उत्तरी हिस्सों में इसका व्यापक असर देखने को मिला।

मोबाइल नेटवर्क और बिजली पर असर नहीं

हालांकि झटके तेज थे, लेकिन अब तक किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है। टेलीकॉम कंपनियों के अनुसार नेटवर्क पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा। बिजली आपूर्ति भी सुचारु रही, हालांकि कुछ इलाकों में सतर्कता के चलते बिजली कुछ समय के लिए काटी गई।

सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं

जैसे ही झटके महसूस हुए, सोशल मीडिया पर #Earthquake ट्रेंड करने लगा। कई लोगों ने अपने अनुभव साझा किए, तो कुछ ने सरकार से आपदा प्रबंधन को और मजबूत करने की अपील की। कुछ मीम्स और हल्के-फुल्के मजाक भी देखने को मिले, लेकिन अधिकांश पोस्टों में घबराहट और दहशत की झलक थी।

विशेषज्ञों की राय

भूकंप विशेषज्ञों के अनुसार, हिमालय क्षेत्र के पास स्थित होने के कारण दिल्ली-एनसीआर भूगर्भीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र है। यहां समय-समय पर मध्यम से तीव्र भूकंप आते रहते हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि गहराई अधिक होने के कारण इसका प्रभाव कम नुकसानदायक रहा, लेकिन अगर इसका केंद्र अधिक निकट होता, तो बड़ा नुकसान संभव था।

भूकंप विशेषज्ञ डॉ. आर.के. सिंह के अनुसार, “यह एक इंटरप्लेट भूकंप था, जो हिंदूकुश क्षेत्र में दो टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव की वजह से हुआ। इसका असर कई सौ किलोमीटर तक फैल सकता है।”

प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

दिल्ली और एनसीआर के जिलों में प्रशासन ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है। आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने, दीवारों और ऊँची वस्तुओं से दूर रहने, और अफवाहों से बचने की हिदायत दी है। इसके साथ ही मॉक ड्रिल्स और इमारतों की भूकंप-रोधी मजबूती को लेकर भी तैयारियों पर चर्चा शुरू हो गई है।

निष्कर्ष

दिल्ली-एनसीआर एक बार फिर भूकंप के झटकों से थर्रा उठा। हालांकि किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन यह घटना एक बार फिर इस क्षेत्र की संवेदनशीलता को उजागर करती है। विशेषज्ञों की मानें तो सतर्कता और जागरूकता ही ऐसी आपदाओं से निपटने का सबसे कारगर उपाय है। सरकार और आम जनता को मिलकर ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए बेहतर तैयार रहने की आवश्यकता है।

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