सुनील गावस्कर का जन्मदिन: 10,000 टेस्ट रन के पहले बादशाह, अटूट है ये रिकॉर्ड !

दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर आज अपना 76वां जन्मदिन मना रहे हैं। गावस्कर ने सालों पहले क्रिकेट को अलविदा कह दिया था, लेकिन आज अभी उनके कुछ रिकॉर्ड बरकरार हैं।

भारतीय क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में शुमार सुनील मनोहर गावस्कर का जन्मदिन न केवल उनके प्रशंसकों के लिए बल्कि पूरी क्रिकेट दुनिया के लिए एक खास दिन होता है। क्रिकेट इतिहास में कई दिग्गज आए और गए, लेकिन कुछ नाम ऐसे होते हैं जो कालजयी बन जाते हैं। सुनील गावस्कर का नाम ऐसा ही एक अध्याय है। वह न केवल भारतीय क्रिकेट के स्तंभ बने, बल्कि दुनिया के पहले ऐसे बल्लेबाज बने जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन पूरे करने की उपलब्धि हासिल की।

सुनील गावस्कर का जन्मदिन: 10,000 टेस्ट रन के पहले बादशाह, अटूट है ये रिकॉर्ड !
सुनील गावस्कर का जन्मदिन: 10,000 टेस्ट रन के पहले बादशाह, अटूट है ये रिकॉर्ड !

आज, जब वह अपना जन्मदिन मना रहे हैं, उनके उस रिकॉर्ड की चर्चा फिर से ताज़ा हो जाती है जिसे अब तक कोई भी खिलाड़ी तोड़ नहीं पाया — कम से कम जिस तरह की चुनौतियों में गावस्कर ने यह कारनामा किया, वह आज भी बेजोड़ है।

एक ऐसे दौर के सितारे

सुनील गावस्कर का करियर उस दौर में शुरू हुआ जब वेस्टइंडीज, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान की गेंदबाज़ी बेहद खतरनाक मानी जाती थी। तेज़ गेंदबाज़ों की घातक जोड़ी, सीम मूवमेंट, और बिना हेलमेट के बल्लेबाज़ी करना — ये सब कुछ उस ज़माने की सच्चाई थी। ऐसे दौर में 10,000 रन बनाना किसी असंभव कार्य से कम नहीं था।

उन्होंने 1971 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत वेस्टइंडीज के खिलाफ की और पहली ही सीरीज़ में 774 रन बनाकर क्रिकेट जगत को चौंका दिया। यह प्रदर्शन आज भी डेब्यू सीरीज़ में सर्वाधिक रनों का रिकॉर्ड है।

10,000 रन का ऐतिहासिक सफर

10,000 रन का ऐतिहासिक सफर
10,000 रन का ऐतिहासिक सफर

1987 में, अहमदाबाद के मैदान पर गावस्कर ने पाकिस्तान के खिलाफ खेलते हुए टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन पूरे किए। यह एक ऐतिहासिक क्षण था, क्योंकि इससे पहले कोई भी बल्लेबाज़ इस आंकड़े तक नहीं पहुंच पाया था। उनके इस रिकॉर्ड ने भारतीय क्रिकेट की प्रतिष्ठा को वैश्विक स्तर पर मजबूत किया और युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा दी।

गावस्कर ने कुल 125 टेस्ट मैचों में 10,122 रन बनाए, जिसमें 34 शतक और 45 अर्धशतक शामिल थे। उनका बल्लेबाज़ी औसत 51.12 का था, जो उनकी निरंतरता का प्रमाण है।

क्यों है यह रिकॉर्ड आज भी खास?

भले ही आज विराट कोहली, स्टीव स्मिथ, जो रूट जैसे खिलाड़ियों ने 10,000 से अधिक रन बनाए हैं, लेकिन सुनील गावस्कर का यह रिकॉर्ड आज भी खास इसलिए है क्योंकि उन्होंने यह मुकाम बेहद कठिन परिस्थितियों में और बेहद मजबूत गेंदबाज़ी आक्रमणों के खिलाफ हासिल किया।

न तो उनके पास आधुनिक हेलमेट था, न अत्याधुनिक बैटिंग गार्ड, और न ही आज की तरह फ्लैट पिचें। उन्होंने यह कारनामा उस समय किया जब टेस्ट क्रिकेट सबसे कठिन माना जाता था।

एक बेहतरीन तकनीक के धनी

गावस्कर की सबसे बड़ी ताकत उनकी तकनीक और अनुशासन थी। वे किसी भी परिस्थिति में खुद को ढालने में सक्षम थे। स्विंग, बाउंस, या स्पिन — किसी भी प्रकार की गेंदबाज़ी के खिलाफ वे सहजता से खेलते थे। उनकी रक्षात्मक तकनीक को आज भी कोचिंग मैनुअल में पढ़ाया जाता है।

क्रिकेट के बाद भी सक्रिय योगदान

क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद सुनील गावस्कर ने कमेंट्री, लेखन और क्रिकेट प्रशासन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी आवाज़ आज भी लाखों क्रिकेट प्रेमियों के दिलों की धड़कन है। वे समय-समय पर युवा खिलाड़ियों को सलाह देकर उन्हें प्रेरित करते रहते हैं।

निष्कर्ष

सुनील गावस्कर सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, एक युग हैं। उनके रिकॉर्ड और उपलब्धियां भारतीय क्रिकेट के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक हैं। आज जब वे अपना जन्मदिन मना रहे हैं, पूरा देश उन्हें सलाम कर रहा है — उस शख्स को जिसने अकेले अपने बल्ले से भारत को क्रिकेट की वैश्विक ताकत बनने की राह पर अग्रसर किया।
उनका 10,000 टेस्ट रन वाला रिकॉर्ड सिर्फ आंकड़ा नहीं, एक प्रेरणा है — आने वाली पीढ़ियों के लिए, खेल भावना और दृढ़ संकल्प का आदर्श।

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