दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बयान जारी करते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार 1 अगस्त से राजधानी में 1 महीने तक चलने वाले स्वच्छता अभियान की शुरुआत करेगी।
दिल्ली सरकार ने राजधानी की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक विशेष स्वच्छता अभियान की शुरुआत करने का फैसला लिया है। यह अभियान 1 अगस्त 2025 से शुरू होगा और राजधानी के सभी जिलों, वार्डों, स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में चलाया जाएगा। अभियान की घोषणा दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने एक संवाददाता सम्मेलन में की, जिसमें उन्होंने इसके उद्देश्यों, योजनाओं और जनभागीदारी की रणनीति पर विस्तार से जानकारी दी।

स्वच्छता को जन आंदोलन बनाने की योजना

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि इस स्वच्छता अभियान का उद्देश्य केवल सड़कें और भवनों की सफाई करना नहीं है, बल्कि लोगों के बीच स्वच्छता की आदतों को विकसित करना, जन-जागरूकता फैलाना और हर स्तर पर नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करना भी है। उन्होंने कहा कि,
“स्वच्छता केवल नगर निगम की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है। हमें इसे जन आंदोलन बनाना है, ताकि दिल्ली वास्तव में एक स्वच्छ, सुंदर और स्वस्थ राजधानी बन सके।”
स्कूलों से होगी अभियान की शुरुआत
आशीष सूद ने यह भी स्पष्ट किया कि अभियान की शुरुआत दिल्ली के सभी सरकारी और निजी स्कूलों से की जाएगी। स्कूलों में विशेष स्वच्छता सप्ताह मनाया जाएगा, जिसमें छात्रों को साफ-सफाई के महत्व को समझाने के लिए विशेष क्लास, पोस्टर मेकिंग, स्लोगन प्रतियोगिताएं और स्वच्छता रैलियां आयोजित की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने और व्यवहार परिवर्तन की दिशा में यह पहल खास तौर पर बच्चों में दीर्घकालिक प्रभाव डालेगी। शिक्षकों को भी विशेष प्रशिक्षण देकर इस अभियान में शामिल किया जाएगा।
मोहल्ला स्तर पर टीमों का गठन
दिल्ली सरकार हर वार्ड और मोहल्ला स्तर पर स्वच्छता निगरानी टीमों का गठन करेगी, जिसमें स्थानीय नागरिक, RWA (Resident Welfare Association) के सदस्य, युवाओं और समाजसेवियों को जोड़ा जाएगा। ये टीमें यह सुनिश्चित करेंगी कि कूड़ा-कचरा खुले में न फेंका जाए, गली-मोहल्लों की सफाई नियमित रूप से हो और लोग कूड़ा प्रबंधन के नियमों का पालन करें।
टीमों को मोबाइल ऐप के माध्यम से रिपोर्टिंग की सुविधा दी जाएगी, जिससे वे किसी भी गंदगी, सीवर जाम या कूड़ा जमा होने की शिकायत सीधे प्रशासन को भेज सकें।
नगर निगम और शिक्षा विभाग में तालमेल
इस अभियान में दिल्ली नगर निगम, शिक्षा विभाग, पर्यावरण विभाग और स्वास्थ्य विभाग मिलकर काम करेंगे। शिक्षा मंत्री ने बताया कि सभी सरकारी कार्यालयों और स्कूलों को आदेश दिया गया है कि वे परिसर की नियमित सफाई के साथ-साथ प्लास्टिक उपयोग को भी कम करने के उपाय अपनाएं।
नगर निगम को निर्देश दिए गए हैं कि वे कूड़ा उठाने की गाड़ियों की संख्या और आवृत्ति बढ़ाएं, कूड़ेदान हर इलाके में सुनिश्चित करें और अवैध डंपिंग जोन पर कड़ी नजर रखें।
जुर्माना और जागरूकता साथ-साथ
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह अभियान पूरी तरह से लोगों को प्रेरित करने और जागरूक करने पर आधारित होगा, लेकिन यदि कोई जानबूझकर नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि “हमें लोगों को डराकर नहीं, बल्कि समझाकर नियमों का पालन करवाना है। लेकिन जो लोग लापरवाह रहेंगे, उन पर कार्रवाई भी होगी।”
जनता से अपील
अंत में आशीष सूद ने दिल्लीवासियों से अपील करते हुए कहा,
“अगर हम चाहते हैं कि हमारा शहर साफ और सुंदर दिखे, तो हमें खुद आगे आकर इसकी जिम्मेदारी निभानी होगी। सिर्फ सरकार से उम्मीद लगाने से कुछ नहीं होगा। हम सबको मिलकर काम करना होगा।”
निष्कर्ष
दिल्ली सरकार का यह स्वच्छता अभियान न केवल राजधानी की सफाई व्यवस्था में सुधार ला सकता है, बल्कि नागरिकों की सोच और आदतों में भी सकारात्मक बदलाव ला सकता है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद के नेतृत्व में यह अभियान यदि सफल होता है, तो दिल्ली आने वाले वर्षों में देश के सबसे स्वच्छ और अनुशासित शहरों में गिना जा सकता है। अब देखना यह होगा कि जनता इस अभियान में कितना सक्रिय योगदान देती है।