दिल्ली के बाराखंबा थाना इलाके में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट ने सुसाइड कर ली है। उसने सुसाइड से पहले लिखा कि मेरे लिए मौत, जीवन का सबसे खूबसूरत हिस्सा है।
देश की राजधानी दिल्ली में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 25 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) ने हीलियम गैस का इस्तेमाल कर आत्महत्या कर ली। यह घटना न केवल चौंकाने वाली है बल्कि आत्महत्या की असामान्य पद्धति और मृतक के सुसाइड नोट में लिखे गए भावनात्मक शब्दों ने समाज में मानसिक स्वास्थ्य और युवा वर्ग में बढ़ते अवसाद पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना का विवरण
यह मामला दक्षिण दिल्ली के मालवीय नगर इलाके का है। मृतक युवक की पहचान अर्पित (परिवर्तित नाम) के रूप में हुई है, जो पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट था और एक प्रतिष्ठित फर्म में काम करता था। पुलिस के अनुसार, अर्पित के घर से एक हीलियम गैस सिलेंडर और एक प्लास्टिक मास्क बरामद हुआ है, जिसे उन्होंने अपने मुंह पर बांधकर गैस ली और दम घुटने से मौत हो गई।
कैसे हुआ खुलासा?
घटना का खुलासा तब हुआ जब अर्पित के माता-पिता, जो कुछ दिनों से बाहर गए हुए थे, वापस लौटे और दरवाजा खटखटाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर अर्पित मृत अवस्था में पाया गया। मौके पर ही पुलिस को सूचित किया गया।
पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें लिखा था:
“मेरे लिए मौत, जीवन का सबसे खूबसूरत हिस्सा है। यह मेरी मर्जी से लिया गया फैसला है। किसी को दोष न दें। मैं इस दुनिया में खुद को बेगाना महसूस करता हूं।“
आत्महत्या का तरीका चौंकाने वाला
हीलियम गैस का प्रयोग आमतौर पर गुब्बारे फुलाने या मेडिकल रिसर्च में होता है। लेकिन आत्महत्या के लिए इसका इस्तेमाल असामान्य है। विशेषज्ञों के अनुसार, हीलियम गैस सांस लेने पर शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति को रोक देती है, जिससे दम घुटने से मृत्यु हो जाती है, और यह प्रक्रिया अपेक्षाकृत कम दर्दनाक मानी जाती है।
यह आत्महत्या की ऐसी तकनीक है जो पश्चिमी देशों में कुछ मामलों में देखी गई है, लेकिन भारत में यह बेहद दुर्लभ है। पुलिस को शक है कि अर्पित ने इस तरीके के बारे में इंटरनेट से जानकारी ली होगी।
कौन था अर्पित?
अर्पित एक होनहार छात्र रहा था और कुछ वर्ष पहले ही चार्टर्ड अकाउंटेंसी की कठिन परीक्षा पास की थी। उसके परिवार वाले, दोस्त और सहकर्मी उसे बेहद संवेदनशील लेकिन जिम्मेदार युवा मानते थे। किसी को अंदाजा नहीं था कि वह भीतर से इस कदर टूट चुका था।
परिवार और समाज में शोक की लहर
अर्पित की आत्महत्या ने उसके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “वो कभी किसी से शिकायत नहीं करता था, हमेशा मुस्कराकर सबकी मदद करता था। हमें नहीं पता था कि वो इतने गहरे तनाव में है।“
पड़ोसियों और जानने वालों में भी इस खबर को सुनकर शोक और हैरानी है। सभी एक ही सवाल कर रहे हैं कि एक कामयाब, युवा और पढ़ा-लिखा लड़का ऐसा कैसे कर सकता है?
मानसिक स्वास्थ्य पर फिर खड़े हुए सवाल
यह घटना एक बार फिर इस ओर इशारा करती है कि मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर मुद्दा है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। खासतौर पर युवा वर्ग, जो आज करियर, प्रतिस्पर्धा, सामाजिक अपेक्षाओं और आत्म-असंतोष के दबाव में है, वह अंदर से टूट रहा है।
मनोचिकित्सकों का कहना है कि कई बार “स्मार्ट और शांत” दिखने वाले लोग अपने दर्द को छिपा लेते हैं और समय पर मदद नहीं ले पाते। उन्हें समझने और सुनने की ज़रूरत होती है, न कि केवल उनके प्रदर्शन पर भरोसा करने की।
निष्कर्ष
दिल्ली में एक होनहार CA की आत्महत्या की यह घटना न केवल दुखद है बल्कि समाज के मानसिक स्वास्थ्य तंत्र की कमजोरी को उजागर करती है। यह समय है जब हम मानसिक समस्याओं को “कमजोरी” न मानकर एक स्वास्थ्य विषय समझें और उन पर खुलकर बात करें।
यदि आपके आसपास कोई व्यक्ति उदास, अकेला या परेशान दिखे, तो उससे बात करें, उसे समझें, और जरूरत हो तो मनोवैज्ञानिक या परामर्शदाता से मदद लेने के लिए प्रेरित करें।
क्योंकि कभी-कभी, एक बातचीत किसी की ज़िंदगी बचा सकती है।