रिटायरमेंट से पहले मिला बड़ा सम्मान – एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक बने एसीपी !

मुंबई पुलिस के बहुचर्चित पुलिस अधिकारी और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक आज रिटायर हो रहे हैं। दो दिन पहले ही उन्हें प्रमोट कर के एसीपी बनाया गया था।

मुंबई पुलिस के सबसे चर्चित और बहादुर अधिकारियों में शुमार दया नायक ने बुधवार को पुलिस सेवा से विदाई ले ली। रिटायरमेंट से ठीक दो दिन पहले महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें प्रमोट कर असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (ACP) के पद पर नियुक्त किया। 24 वर्षों से अधिक की पुलिस सेवा में दया नायक ने अपने साहस, ईमानदारी और बेखौफ कार्यशैली से एक अलग पहचान बनाई थी। उनकी रिटायरमेंट के साथ ही एक ऐसा अध्याय समाप्त हो गया, जिसे मुंबई पुलिस के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।

रिटायरमेंट से पहले मिला बड़ा सम्मान – एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक बने एसीपी !
रिटायरमेंट से पहले मिला बड़ा सम्मान – एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक बने एसीपी !

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की पहचान

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की पहचान
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की पहचान

दया नायक का नाम सुनते ही मुंबई के अंडरवर्ल्ड की रूह कांप उठती थी। 1990 के दशक और 2000 के शुरुआती वर्षों में उन्होंने अंडरवर्ल्ड के खिलाफ दर्जनों एनकाउंटर ऑपरेशंस को अंजाम दिया। करीब 80 से अधिक एनकाउंटर में उन्होंने सीधे भाग लिया, जिनमें कई कुख्यात अपराधी ढेर हुए। वे लंबे समय तक क्राइम ब्रांच में तैनात रहे और अनीस इब्राहिम, छोटा राजन, अरुण गवली गैंग जैसे संगठनों पर बड़ी चोट की।

शुरुआत एक साधारण सिपाही से

दया नायक का जीवन संघर्षों और दृढ़ संकल्प की मिसाल है। वे कर्नाटक के एक छोटे से गांव से मुंबई आए थे। 1995 में वे बतौर कांस्टेबल मुंबई पुलिस में भर्ती हुए थे। कड़ी मेहनत, तेज बुद्धि और जोखिम उठाने की क्षमता ने उन्हें जल्द ही वरिष्ठ अधिकारियों की नजरों में ला खड़ा किया। क्राइम ब्रांच में उनकी पोस्टिंग के बाद उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल केस सुलझाए और धीरे-धीरे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की पहचान बना ली।

प्रमोशन के साथ विदाई

दया नायक को लंबे समय से प्रमोशन नहीं मिल रहा था, जबकि उनके कई जूनियर अधिकारी ऊँचे पदों पर पहुंच चुके थे। लेकिन रिटायरमेंट से दो दिन पहले सरकार ने उन्हें ACP पद पर प्रमोट कर एक सम्मानजनक विदाई दी। यह फैसला न केवल पुलिस विभाग के लिए एक सकारात्मक संदेश है, बल्कि उन कर्मठ अफसरों के लिए भी प्रेरणास्रोत है, जो वर्षों तक निष्ठा से सेवा करते हैं।

दया नायक का बयान

रिटायरमेंट के मौके पर मीडिया से बातचीत में दया नायक ने कहा, “मैंने हमेशा वर्दी को अपना धर्म माना। मुंबई पुलिस ने मुझे वो मंच दिया, जिससे मैं देश और समाज की सेवा कर सका। ACP पद पर प्रमोशन मेरे लिए सम्मान की बात है, लेकिन सबसे बड़ी संतुष्टि इस बात की है कि मैंने अपने करियर में कभी ईमानदारी से समझौता नहीं किया।”

विवादों में भी रहे चर्चित

दया नायक का करियर जितना शानदार रहा, उतना ही विवादों से भी घिरा रहा। उन पर भ्रष्टाचार और अंडरवर्ल्ड से संबंध के आरोप लगे थे, लेकिन हर बार उन्होंने खुद को बेगुनाह साबित किया। एनआईए और एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच के बाद वे निर्दोष साबित हुए और दोबारा ड्यूटी पर लौटे।

समाजसेवा से भी जुड़ाव

दया नायक सिर्फ एनकाउंटर स्पेशलिस्ट नहीं थे, बल्कि समाजसेवा से भी गहराई से जुड़े रहे। उन्होंने अपने गांव में स्कूल और हॉस्पिटल बनवाया, बच्चों की शिक्षा और गरीबों की मदद के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। उन्हें कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी किया गया।

मुंबई पुलिस की प्रतिक्रिया

मुंबई पुलिस कमिश्नर और उनके सहयोगियों ने दया नायक को विदाई समारोह में भावुक श्रद्धांजलि दी। कमिश्नर विवेक फणसलकर ने कहा, “दया नायक जैसी ईमानदार और बहादुर शख्सियत विरले ही होती हैं। उनकी सेवाएं हमारे विभाग के लिए मिसाल हैं।”

निष्कर्ष

दया नायक की विदाई के साथ ही एक ऐसा दौर खत्म हुआ, जब पुलिसिंग सिर्फ वर्दी नहीं, बल्कि मिशन हुआ करती थी। ACP के रूप में मिला अंतिम सम्मान उनकी सेवा का प्रमाण है। वे भले ही अब वर्दी में नहीं हैं, लेकिन उनके किस्से आने वाले वर्षों तक युवा पुलिसकर्मियों को प्रेरित करते रहेंगे।

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