470 चौके-छक्के! टीम इंडिया ने रचा नया विश्व रिकॉर्ड !

टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने इंग्लैंड के खिलाफ जारी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 422 चौके और 48 छक्के लगाए। उन्होंने एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा बाउंड्री लगाने के मामले में ऑस्ट्रेलिया को पीछे छोड़ा है।

भारतीय क्रिकेट टीम ने एक बार फिर विश्व क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी ताकत का लोहा मनवाया है। इंग्लैंड के खिलाफ जारी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के दौरान भारतीय बल्लेबाजों ने कुल 470 बाउंड्री (चौके और छक्के) लगाकर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया है। इस उपलब्धि के साथ टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया का एक दशक पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिसने अब तक टेस्ट इतिहास में किसी एक सीरीज में सबसे ज्यादा बाउंड्री लगाने का गौरव हासिल किया था।

470 चौके-छक्के! टीम इंडिया ने रचा नया विश्व रिकॉर्ड !
470 चौके-छक्के! टीम इंडिया ने रचा नया विश्व रिकॉर्ड !

भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि

भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों ने आक्रामक लेकिन संतुलित बल्लेबाजी का बेहतरीन उदाहरण पेश किया। इस सीरीज के दौरान भारतीय बल्लेबाजों ने कुल 422 चौके और 48 छक्के लगाए, जिससे कुल बाउंड्री की संख्या 470 हो गई। यह किसी भी एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा बाउंड्री का रिकॉर्ड है।

इससे पहले यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम था, जिसने 2013-14 की एशेज सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ कुल 468 बाउंड्री (422 चौके और 46 छक्के) लगाई थीं। भारत ने अब इस आंकड़े को पीछे छोड़ते हुए नया मील का पत्थर स्थापित कर दिया है।

कौन-कौन से खिलाड़ी रहे इस रिकॉर्ड के सूत्रधार?

इस रिकॉर्ड को बनाने में कई भारतीय बल्लेबाजों का अहम योगदान रहा। रोहित शर्मा, शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली और रवींद्र जडेजा जैसे बल्लेबाजों ने इंग्लैंड के खिलाफ शानदार पारियां खेलीं और लगातार बाउंड्री लगाकर टीम के स्कोर को मजबूती दी।

  • यशस्वी जायसवाल ने सीरीज में आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए अकेले 50 से अधिक चौके लगाए। उनकी फॉर्म टीम इंडिया के लिए बड़ा प्लस प्वाइंट रही।
  • रोहित शर्मा और गिल ने नई गेंद के खिलाफ सधी हुई शुरुआत दी और बड़े स्कोर में तब्दील किया।
  • जडेजा और अक्षर पटेल जैसे ऑलराउंडर्स ने भी निचले क्रम में तेजी से रन बनाते हुए चौकों और छक्कों की झड़ी लगाई।

रिकॉर्ड की अहमियत

क्रिकेट के पारंपरिक प्रारूप टेस्ट में आमतौर पर संयम और धैर्य की अपेक्षा की जाती है, लेकिन भारतीय टीम ने इसे एक नए आयाम में प्रस्तुत किया है। जहां एक ओर बल्लेबाजों ने लंबी पारियां खेलीं, वहीं दूसरी ओर जब मौका मिला तो आक्रामक अंदाज में रन बटोरते हुए दर्शकों का भी भरपूर मनोरंजन किया।

यह उपलब्धि सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के बदले हुए दृष्टिकोण को दर्शाती है, जहां टेस्ट क्रिकेट में भी तेज़ गति से रन बनाना अब सामान्य हो गया है।

विदेशी धरती पर मिली सफलता

विदेशी धरती पर मिली सफलता
विदेशी धरती पर मिली सफलता

इस रिकॉर्ड को और भी खास बनाता है यह तथ्य कि यह कारनामा भारत ने घरेलू मैदान पर नहीं, बल्कि विदेशी ज़मीन पर – यानी इंग्लैंड में किया। वहाँ की सीम और स्विंग से भरपूर पिचों पर भारतीय बल्लेबाजों का यह दबदबा दर्शाता है कि अब टीम इंडिया किसी भी परिस्थिति में शानदार प्रदर्शन करने में सक्षम है।

क्रिकेट जगत से प्रतिक्रियाएं

इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के बाद क्रिकेट के कई दिग्गजों और विशेषज्ञों ने टीम इंडिया की तारीफ की है। पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा, “यह रिकॉर्ड दिखाता है कि भारतीय बल्लेबाजों में आक्रामकता के साथ समझदारी भी आई है। टेस्ट क्रिकेट में इस तरह का प्रदर्शन कम ही देखने को मिलता है।”

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने ट्वीट कर लिखा, “भारतीय बल्लेबाजों का यह कारनामा टेस्ट क्रिकेट को फिर से रोमांचक बना रहा है।”

निष्कर्ष

टीम इंडिया का यह रिकॉर्ड सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी नहीं, बल्कि बदलते क्रिकेट युग का संकेत है। टेस्ट क्रिकेट में भी अब रनगति, आक्रामकता और दर्शकों के लिए मनोरंजन का विशेष स्थान हो गया है। भारत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने एक बार फिर साबित कर दिया कि क्यों टीम इंडिया को दुनिया की सबसे दमदार क्रिकेट टीमों में गिना जाता है।

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