छात्र ने रात ढाई बजे के करीब हॉस्टल की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। छात्र मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला था और आईआईटी बॉम्बे में मेटा साइंस चौथे वर्ष का छात्र था।
देश के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों में से एक आईआईटी बॉम्बे से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। यहां एक छात्र ने हॉस्टल की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। यह घटना संस्थान के कैंपस में गहरे सदमे और चिंता का कारण बनी हुई है। मृतक छात्र की पहचान चौथे वर्ष के बीटेक छात्र के रूप में हुई है, जो कंप्यूटर साइंस विभाग से पढ़ाई कर रहा था। बताया जा रहा है कि छात्र ने आत्महत्या से ठीक पहले अपने एक करीबी दोस्त से फोन पर बात की थी, जिसने अब इस दर्दनाक घटना का खुलासा किया है।

घटना की जानकारी
घटना शनिवार देर रात की है, जब छात्र ने अपने हॉस्टल की छत से छलांग लगा दी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही आईआईटी प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। छात्र की पहचान 22 वर्षीय अमन वर्मा के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ का निवासी था और पिछले चार वर्षों से मुंबई में रहकर पढ़ाई कर रहा था।

आखिरी कॉल से हुआ खुलासा
मृतक छात्र आत्महत्या करने से ठीक पहले अपने एक करीबी दोस्त से फोन पर बात कर रहा था। फोन पर बात कर रहे इस दोस्त ने पुलिस को बताया कि अमन मानसिक रूप से काफी परेशान था और पिछले कुछ हफ्तों से डिप्रेशन में था। फोन पर बातचीत के दौरान अमन ने कहा, “मुझे अब सब खत्म कर देना चाहिए, मुझसे अब और नहीं होता।” उसके दोस्त ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
फोन कटने के कुछ मिनटों बाद ही हॉस्टल के दूसरे छात्रों ने अमन को नीचे पड़ा देखा और तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
क्या कारण रहे आत्महत्या के पीछे?
फिलहाल पुलिस ने आत्महत्या के कारणों की स्पष्ट जानकारी नहीं दी है, लेकिन प्रारंभिक जांच और दोस्तों की बातों से पता चला है कि अमन शैक्षणिक दबाव, अकेलेपन और करियर को लेकर मानसिक तनाव में था। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, उसे प्लेसमेंट को लेकर भी चिंता थी और वह खुद को बाकी छात्रों से पीछे महसूस कर रहा था।
आईआईटी बॉम्बे प्रशासन ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। संस्थान के एक अधिकारी ने कहा, “हमारे लिए यह एक बेहद पीड़ादायक क्षण है। अमन एक होनहार छात्र था। हम उसके परिवार के साथ खड़े हैं और उन्हें हरसंभव सहयोग देंगे। साथ ही, हम छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर और भी मजबूत उपाय करेंगे।”
पुलिस जांच जारी
पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और आत्महत्या के कारणों की गहराई से जांच की जा रही है। छात्र के कमरे की तलाशी ली गई है, जिसमें कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। हालांकि, उसके मोबाइल फोन और लैपटॉप को जब्त कर लिया गया है, ताकि उसकी ऑनलाइन गतिविधियों और बातचीत की जांच की जा सके।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि आखिर वह किस मानसिक स्थिति में था और क्या उसे किसी ने आत्महत्या के लिए उकसाया था।”
छात्र संगठनों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद संस्थान के कई छात्र संगठनों ने आईआईटी प्रशासन से मांग की है कि कैंपस में मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया जाए। छात्रों का कहना है कि पढ़ाई का दबाव, प्रतिस्पर्धा और सामाजिक अलगाव के कारण कई छात्र मानसिक रूप से टूट जाते हैं, लेकिन समय पर सहायता नहीं मिल पाती।
निष्कर्ष
अमन वर्मा की आत्महत्या ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारे शीर्ष शैक्षणिक संस्थान मानसिक स्वास्थ्य को लेकर पर्याप्त गंभीर हैं? आईआईटी जैसे संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र असाधारण प्रतिभा के धनी होते हैं, लेकिन वह भी मानसिक दबाव और अकेलेपन का शिकार हो सकते हैं। यह समय है कि संस्थान शैक्षणिक प्रदर्शन के साथ-साथ छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दें। अमन की मौत सिर्फ एक छात्र की नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल है।