“UP विधानसभा में 24 घंटे मैराथन बहस – विकसित यूपी 2047 विजन पर मंथन”

विधानसभा में चर्चा की शुरुआत संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने की जबकि विधान परिषद में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं। विकसित उत्तर प्रदेश 2047 के विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा हो रही है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा में एक ऐतिहासिक पहल के तहत “विकसित यूपी 2047” के विजन डॉक्यूमेंट पर 24 घंटे की नॉनस्टॉप मैराथन बहस आयोजित की गई। इस विशेष सत्र में प्रदेश के भविष्य की विकास यात्रा, नीतिगत सुधारों और दीर्घकालिक लक्ष्यों पर गहन चर्चा हुई। सत्र का उद्देश्य था कि सभी दल मिलकर उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक एक विकसित राज्य बनाने की दिशा में ठोस रोडमैप तैयार करें।

"UP विधानसभा में 24 घंटे मैराथन बहस – विकसित यूपी 2047 विजन पर मंथन"
“UP विधानसभा में 24 घंटे मैराथन बहस – विकसित यूपी 2047 विजन पर मंथन”

यह सत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर बुलाया गया, जिसमें विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने उद्घाटन भाषण में कहा कि वर्ष 2047, जब देश स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब यूपी को भारत के सबसे विकसित राज्यों में अग्रणी स्थान पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना, उद्योग, कृषि और डिजिटल क्रांति जैसे क्षेत्रों में तेजी से सुधार की आवश्यकता है।

इस बहस में सभी विधायकों को मौका दिया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्र की जरूरतें और प्राथमिकताएं सामने रखें। सत्ता पक्ष ने अपने विजन डॉक्यूमेंट में बिंदुवार योजनाओं का खाका पेश किया — जैसे कि मेट्रो और हाई-स्पीड रेल नेटवर्क का विस्तार, ग्रामीण इलाकों में 24×7 बिजली आपूर्ति, स्मार्ट सिटी मिशन का विस्तार, हर जिले में मेडिकल कॉलेज, और एग्रो-प्रोसेसिंग हब का निर्माण। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यूपी को निवेश के लिए सबसे आकर्षक राज्य बनाने के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं को और आसान किया जाएगा।

विपक्षी दलों ने भी बहस में सक्रिय भागीदारी की। उन्होंने रोजगार सृजन, किसानों की आय में वृद्धि, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर जोर दिया। समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कहा कि विकास योजनाओं के साथ-साथ सामाजिक समरसता बनाए रखना भी उतना ही जरूरी है, जबकि कांग्रेस ने शिक्षा और स्वास्थ्य पर बजट का बड़ा हिस्सा खर्च करने की मांग की।

बहस का एक खास पहलू यह था कि इसमें केवल योजनाओं पर चर्चा नहीं हुई, बल्कि उनकी समयसीमा और निगरानी तंत्र पर भी विचार-विमर्श किया गया। कई विधायकों ने सुझाव दिया कि “विकसित यूपी 2047” मिशन की प्रगति का हर वर्ष आकलन हो और विधानसभा में रिपोर्ट पेश की जाए।

सत्र का माहौल पूरी तरह रचनात्मक और संवादात्मक रहा। दिन और रात भर चले इस मैराथन सत्र में 400 से अधिक वक्तव्य दिए गए, जिसमें सभी क्षेत्रों — चाहे वह शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, ऊर्जा, उद्योग या पर्यावरण हो — के मुद्दों को शामिल किया गया। तकनीकी प्रगति, नवीकरणीय ऊर्जा, और डिजिटल सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने के प्रस्ताव भी रखे गए।

अंत में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह सत्र एक मिसाल है कि कैसे लोकतंत्र में सभी दल मिलकर दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए काम कर सकते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि “विकसित यूपी 2047” केवल कागज पर नहीं रहेगा, बल्कि जमीनी स्तर पर ठोस बदलाव लेकर आएगा।

यह ऐतिहासिक 24 घंटे का सत्र न केवल यूपी की विकास योजनाओं का रोडमैप तय करने में महत्वपूर्ण साबित हुआ, बल्कि इसने राजनीतिक संवाद की एक नई संस्कृति को भी जन्म दिया — जिसमें मतभेदों के बावजूद लक्ष्य एक ही था: वर्ष 2047 तक एक समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश का निर्माण।

विजन डॉक्यूमेंट पर अखिलेश ने कसा तंज

समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने विकसित यूपी के विजन डॉक्यूमेंट पर तंज कसा है। बीजेपी सरकार को विजन डॉक्यूमेंट नहीं रीजन डॉक्यूमेंट निकालना चाहिए।

विकसित यूपी विजन डॉक्यूमेंट पर सुरेश खन्ना ने चर्चा शुरू की

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने विकसित यूपी के विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा शुरू की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज हम जो भी उपलब्धियां देख रहे हैं उसके पीछे गहरा चिंतन और मनन होता है।

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