“पूर्व कांग्रेसी नेता का तंज: राहुल गांधी को बिहार में नहीं, करनी चाहिए हज यात्रा”!

कांग्रेस पार्टी के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर बड़ा निशाना साधा है। उन्होने कहा है कि ‘राहुल गांधी को बिहार में यात्रा नहीं-हज यात्रा करनी चाहिए’।

कांग्रेस पार्टी से नाता तोड़ चुके पूर्व नेता और धार्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एक बार फिर कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला है। हाल ही में उन्होंने राहुल गांधी की बिहार यात्रा को लेकर बयान देते हुए कहा कि, “राहुल गांधी को बिहार में यात्रा नहीं, बल्कि हज यात्रा करनी चाहिए।” उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और सियासी बहस को हवा दे दी है।

"पूर्व कांग्रेसी नेता का तंज: राहुल गांधी को बिहार में नहीं, करनी चाहिए हज यात्रा"!
“पूर्व कांग्रेसी नेता का तंज: राहुल गांधी को बिहार में नहीं, करनी चाहिए हज यात्रा”!

राहुल गांधी की बिहार यात्रा

लोकसभा चुनाव 2024 के बाद राहुल गांधी विपक्ष के नेता की भूमिका निभा रहे हैं। इस दौरान वे लगातार राज्यों का दौरा कर रहे हैं ताकि संगठन को मजबूत किया जा सके और कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरी जा सके। इसी कड़ी में वे बिहार पहुंचे थे, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याओं को मुद्दा बनाकर मोदी सरकार पर हमला बोला।

आचार्य प्रमोद कृष्णम का हमला

आचार्य प्रमोद कृष्णम का हमला
आचार्य प्रमोद कृष्णम का हमला

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी की इसी बिहार यात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल गांधी की यात्राओं से कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होने वाला। उनके मुताबिक, “राहुल गांधी को बिहार यात्रा करने के बजाय हज यात्रा करनी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की मौजूदा हालत राहुल गांधी की नीतियों और गलत दिशा की वजह से है। उनका दावा है कि कांग्रेस का जनाधार लगातार गिर रहा है और यह पार्टी अब जनता की नब्ज पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है।

कौन हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम?

आचार्य प्रमोद कृष्णम एक आध्यात्मिक गुरु और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे कांग्रेस पार्टी से लंबे समय तक जुड़े रहे और कई मौकों पर राहुल गांधी और सोनिया गांधी के करीबी माने जाते थे। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में उनके बयानों ने कांग्रेस नेतृत्व को असहज किया। धीरे-धीरे पार्टी से दूरी बनाकर उन्होंने कांग्रेस पर तीखे प्रहार शुरू कर दिए। आज वे अक्सर कांग्रेस की नीतियों और नेतृत्व पर सवाल उठाते रहते हैं।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

हालांकि कांग्रेस ने सीधे तौर पर आचार्य प्रमोद कृष्णम के इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि इस तरह के बयान महज सुर्खियां बटोरने के लिए दिए जाते हैं। उनका मानना है कि राहुल गांधी की यात्राएं कांग्रेस संगठन को मजबूत करने और विपक्ष की भूमिका को और धार देने के लिए हैं, जिसका असर 2029 के चुनाव तक दिखेगा।

सियासी मायने

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम का यह बयान कांग्रेस नेतृत्व पर व्यक्तिगत हमला है। यह बयान भाजपा और अन्य विरोधी दलों के लिए कांग्रेस पर तंज कसने का मौका भी देता है। दूसरी ओर, इससे यह भी साफ होता है कि कांग्रेस छोड़ चुके नेता किस तरह पार्टी को कमजोर करने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं।

जनता की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कांग्रेस समर्थकों ने आचार्य प्रमोद कृष्णम की आलोचना की और उन्हें अवसरवादी बताया। वहीं भाजपा समर्थकों और विपक्षी दलों ने इस बयान को हाथों-हाथ लिया और राहुल गांधी पर व्यंग्य कसने लगे। ट्विटर (X) और फेसबुक पर इस टिप्पणी को लेकर खूब मीम्स भी बने।

निष्कर्ष

आचार्य प्रमोद कृष्णम का यह बयान सिर्फ राहुल गांधी की बिहार यात्रा पर कटाक्ष नहीं, बल्कि कांग्रेस नेतृत्व पर उनकी गहरी नाराजगी को भी दर्शाता है। राहुल गांधी अपनी यात्राओं के जरिए पार्टी को नई दिशा देने की कोशिश में हैं, जबकि उनके आलोचक इसे समय और संसाधनों की बर्बादी मानते हैं। ऐसे में सवाल यह है कि क्या राहुल की यात्राएं कांग्रेस को पुनर्जीवित कर पाएंगी, या फिर आचार्य प्रमोद जैसे पूर्व सहयोगियों के तंज पार्टी की मुश्किलें और बढ़ाएंगे?

कुल मिलाकर, यह बयान एक बार फिर साबित करता है कि कांग्रेस की राह इतनी आसान नहीं है और विपक्ष की राजनीति में राहुल गांधी को न सिर्फ सत्ता पक्ष, बल्कि अपने ही पूर्व सहयोगियों के तंजों से भी जूझना पड़ रहा है।

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