“कर्नाटक विधानसभा का बड़ा फैसला: डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर होगी नई यूनिवर्सिटी”

कर्नाटक विधानसभा ने बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर डॉ. मनमोहन सिंह बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी रखने का बिल पारित किया। यह सम्मान पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. सिंह को बेंगलुरु के तकनीकी विकास और आधारभूत संरचना में दिए गए योगदान के लिए दिया गया है।

कर्नाटक विधानसभा ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए एक नई यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए विधेयक पास किया, जिसका नाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर रखा जाएगा। इस फैसले को शिक्षा और राजनीति दोनों ही क्षेत्रों में एक अहम कदम माना जा रहा है। विधानसभा में इस बिल को लेकर लंबी चर्चा हुई और अंततः इसे बहुमत से मंजूरी दे दी गई।

"कर्नाटक विधानसभा का बड़ा फैसला: डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर होगी नई यूनिवर्सिटी"
“कर्नाटक विधानसभा का बड़ा फैसला: डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर होगी नई यूनिवर्सिटी”

डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान

डॉ. मनमोहन सिंह न केवल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री रहे, बल्कि एक दूरदर्शी अर्थशास्त्री और शिक्षाविद् भी रहे हैं। उन्हें भारत में आर्थिक सुधारों का जनक माना जाता है। 1991 में जब देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तब वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने जो नीतिगत सुधार किए, उसी ने भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी। उनके नेतृत्व में शिक्षा, अनुसंधान और आर्थिक नीतियों को भी मजबूती मिली। ऐसे में उनके नाम पर यूनिवर्सिटी स्थापित करना उनके योगदान को श्रद्धांजलि देने जैसा है।

यूनिवर्सिटी का फोकस

यूनिवर्सिटी का फोकस
यूनिवर्सिटी का फोकस

सरकार ने साफ किया है कि यह यूनिवर्सिटी सामान्य शिक्षा संस्थान नहीं होगी, बल्कि इसका विशेष फोकस होगा—

  • अर्थशास्त्र और वित्तीय अध्ययन
  • सार्वजनिक नीति और प्रशासन
  • अंतरराष्ट्रीय संबंध और व्यापार
  • शोध एवं नवाचार

इससे कर्नाटक ही नहीं, बल्कि पूरे देश के छात्रों को उच्चस्तरीय शिक्षा और अनुसंधान के अवसर मिल सकेंगे।

विधेयक पर चर्चा

विधानसभा में जब यह बिल पेश किया गया, तो सत्ता पक्ष ने इसे “ऐतिहासिक और प्रगतिशील” करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा,
“डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत को आर्थिक संकट से बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई थी। वे न केवल एक सफल प्रधानमंत्री बल्कि छात्रों के लिए प्रेरणा भी हैं। उनके नाम पर यूनिवर्सिटी बनाकर हम आने वाली पीढ़ियों को उनके योगदान से जोड़ना चाहते हैं।”

विपक्षी दलों ने भी इस पहल का समर्थन किया, हालांकि कुछ सदस्यों ने यह सुझाव दिया कि यूनिवर्सिटी की स्थापना सिर्फ नाम तक सीमित न रह जाए, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्था बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएं।

शिक्षा जगत की प्रतिक्रिया

शिक्षा जगत ने इस फैसले का स्वागत किया है। प्रोफेसरों और विशेषज्ञों का कहना है कि देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए यह एक सराहनीय पहल है। अर्थशास्त्र और पब्लिक पॉलिसी जैसे विषयों पर केंद्रित संस्थान देश को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे ले जाने में मदद करेंगे। कई शिक्षाविदों ने यह भी कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह की सादगी और विद्वता छात्रों को प्रेरणा देती रहेगी।

राजनीतिक महत्व

इस फैसले के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। कर्नाटक की सत्ता में काबिज कांग्रेस पार्टी इसे अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री को सम्मान देने के तौर पर देख रही है। वहीं भाजपा ने भी खुलकर विरोध नहीं किया, बल्कि इसे सकारात्मक कदम बताया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस फैसले से कांग्रेस को नैतिक बढ़त जरूर मिलेगी, खासकर दक्षिण भारत में जहां शिक्षा और ज्ञान का विशेष महत्व है।

जनता की उम्मीदें

स्थानीय लोगों और छात्रों में इस घोषणा को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। कई छात्रों ने कहा कि अगर यूनिवर्सिटी अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी, तो उन्हें देश छोड़कर विदेश जाने की आवश्यकता कम होगी। साथ ही ग्रामीण और पिछड़े वर्गों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर मिलेगा।

आगे की राह

सरकार ने घोषणा की है कि इस यूनिवर्सिटी के लिए विशेष बजट आवंटित किया जाएगा और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों के साथ सहयोग कर पाठ्यक्रम तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा डिजिटल शिक्षा और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को भी इसमें प्रमुखता दी जाएगी।

निष्कर्ष

कर्नाटक विधानसभा का यह निर्णय न केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि यह डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को स्थायी रूप से याद करने का भी माध्यम बनेगा। उनके नाम पर बनने वाली यूनिवर्सिटी छात्रों को यह संदेश देगी कि ज्ञान, शोध और नीतिगत दृष्टिकोण से ही देश प्रगति कर सकता है। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि यह महत्वाकांक्षी परियोजना कितनी जल्दी साकार रूप लेती है और इसे वैश्विक स्तर तक पहुँचाने में सरकार कितनी गंभीरता दिखाती है।

Also Read :

“दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता पर हमलावर राजेश की हुई पहचान, आरोपी की तस्वीर आई सामने”