“लोकसभा में गूंजा AI का मुद्दा, राघव चड्ढा बोले– हर नागरिक को मिले फ्री एक्सेस”

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने बुधवार को संसद में मांग उठाई है कि हर भारतीय को एडवांस्ड AI टूल्स का फ्री सब्सक्रिप्शन मिलना चाहिए।

संसद के मानसून सत्र में गुरुवार को एक अनोखा मुद्दा गूंजा, जब आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा ने एडवांस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स को लेकर सरकार से बड़ा कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जिस तरह इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं ने देश को बदल दिया, उसी तरह AI भी भारत की प्रगति में क्रांतिकारी भूमिका निभा सकता है। इसलिए हर नागरिक को एडवांस्ड AI टूल्स का मुफ्त सब्सक्रिप्शन मिलना चाहिए।

"लोकसभा में गूंजा AI का मुद्दा, राघव चड्ढा बोले– हर नागरिक को मिले फ्री एक्सेस"
“लोकसभा में गूंजा AI का मुद्दा, राघव चड्ढा बोले– हर नागरिक को मिले फ्री एक्सेस”

राघव चड्ढा ने सदन में कहा कि आज AI सिर्फ टेक कंपनियों या बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। देश के हर गांव, हर कस्बे और हर नागरिक तक यह तकनीक पहुँचे, तभी भारत वास्तव में “डिजिटल इंडिया” से “AI इंडिया” की ओर बढ़ पाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि AI को अमीर और गरीब, ग्रामीण और शहरी, सभी के लिए समान रूप से सुलभ बनाना सरकार की जिम्मेदारी है।

सांसद ने यह भी तर्क दिया कि आज शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्यमिता और प्रशासन जैसे हर क्षेत्र में AI का इस्तेमाल हो सकता है। अगर सरकार नागरिकों को मुफ्त सब्सक्रिप्शन उपलब्ध कराती है, तो इससे न केवल लोगों की उत्पादकता बढ़ेगी बल्कि भारत वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी आगे बढ़ेगा। उन्होंने उदाहरण दिया कि छोटे किसानों को खेती के तरीकों, मौसम की सटीक जानकारी और बाजार भाव जानने में AI मदद कर सकता है। वहीं छात्र घर बैठे एडवांस्ड लर्निंग टूल्स का उपयोग कर सकते हैं।

"लोकसभा में गूंजा AI का मुद्दा, राघव चड्ढा बोले– हर नागरिक को मिले फ्री एक्सेस"
“लोकसभा में गूंजा AI का मुद्दा, राघव चड्ढा बोले– हर नागरिक को मिले फ्री एक्सेस”

राघव चड्ढा ने कहा, “जैसे सरकार ने आधार कार्ड, जनधन खाता और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं से आम आदमी तक सुविधा पहुंचाई, वैसे ही अब समय आ गया है कि हर नागरिक को एडवांस्ड AI टूल्स की पहुंच दी जाए। यह न केवल तकनीकी समानता बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में भी बड़ा कदम होगा।”

सदन में उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई। विपक्षी दलों ने इस पहल का समर्थन किया और कहा कि सरकार को तकनीक की पहुंच आम आदमी तक बढ़ाने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने कहा कि डिजिटल खाई (Digital Divide) को पाटने का यह सही समय है।

वहीं सत्ता पक्ष के कुछ सांसदों ने इस मांग को व्यावहारिक तौर पर चुनौतीपूर्ण बताया। उनका कहना था कि एडवांस्ड AI टूल्स के लिए भारी संसाधनों की जरूरत है और इसे मुफ्त उपलब्ध कराना आसान नहीं होगा। हालांकि उन्होंने माना कि AI का व्यापक उपयोग भारत के विकास के लिए अनिवार्य है और सरकार पहले से इस दिशा में कई कदम उठा रही है।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि सरकार AI को लेकर एक राष्ट्रीय नीति तैयार कर रही है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और स्टार्टअप इकोसिस्टम में AI के प्रयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। हालांकि हर नागरिक को मुफ्त सब्सक्रिप्शन उपलब्ध कराने जैसा प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन नहीं है।

AI विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रस्ताव महत्वाकांक्षी जरूर है, लेकिन असंभव नहीं। उनका कहना है कि यदि सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर कंपनियों के साथ समझौता करे, तो यह योजना लागू की जा सकती है। इससे नागरिकों को मुफ्त एक्सेस मिलेगा और कंपनियों को अपने टूल्स के लिए विशाल यूज़र बेस।

संसद में हुई इस चर्चा ने साफ कर दिया है कि आने वाले दिनों में AI भारतीय राजनीति और नीतिगत विमर्श का अहम हिस्सा बनने वाला है। जहां एक तरफ सरकार डिजिटल इंडिया के बाद अब AI इंडिया की ओर बढ़ने की बात कर रही है, वहीं विपक्ष इसे जनता तक पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग कर रहा है।

राघव चड्ढा की इस पहल ने न केवल संसद बल्कि देशभर में तकनीक को लेकर नई बहस छेड़ दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार इस दिशा में कोई ठोस नीति बनाती है या फिर यह केवल एक राजनीतिक बहस तक ही सीमित रह जाएगी।

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