130वें संशोधन बिल पर TMC का अलग रुख, जेपीसी से बनाई दूरी !

मानसून सत्र के समापन से ठीक पहले लाए गए इन विधेयकों का विपक्ष से पुरजोर विरोध किया है। समिति को शीतकालीन सत्र में सदन को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

देश की राजनीति में इस समय 130वें संविधान संशोधन विधेयक को लेकर हलचल तेज हो गई है। जहां एक ओर केंद्र सरकार इस बिल को ऐतिहासिक और जनहितकारी बता रही है, वहीं विपक्ष की विभिन्न पार्टियां इसे अलग-अलग नजरिये से देख रही हैं। खासकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इस बिल को लेकर अपना अलग रुख अपनाया है। पार्टी ने स्पष्ट कहा है कि वह संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की कार्यवाही में शामिल नहीं होगी। इतना ही नहीं, पार्टी ने जेपीसी को ‘तमाशा’ करार देते हुए इस प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं।

130वें संशोधन बिल पर TMC का अलग रुख, जेपीसी से बनाई दूरी !
130वें संशोधन बिल पर TMC का अलग रुख, जेपीसी से बनाई दूरी !

जेपीसी से दूरी बनाने का ऐलान

TMC के नेताओं का कहना है कि संसद में इस विधेयक पर जिस तरह से परिस्थितियां बनाई गई हैं, वह लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ हैं। पार्टी का मानना है कि संयुक्त संसदीय समिति का गठन सिर्फ दिखावे के लिए किया गया है और इससे कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकलेगा। इसी कारण पार्टी ने जेपीसी में हिस्सा न लेने का फैसला लिया है।

विपक्ष में दरार के संकेत

TMC का यह फैसला विपक्षी गठबंधन INDIA के भीतर मतभेदों की ओर इशारा करता है। जहां कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी पार्टियां बिल पर चर्चा और संशोधन की मांग कर रही हैं, वहीं TMC का सीधा बहिष्कार यह दर्शाता है कि सभी विपक्षी दल इस मुद्दे पर एकजुट नहीं हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम आने वाले समय में विपक्ष की रणनीति पर असर डाल सकता है।

सरकार का रुख और विपक्ष का विरोध

केंद्र सरकार का कहना है कि 130वां संविधान संशोधन विधेयक देश के संघीय ढांचे को मजबूत करेगा और राज्यों के अधिकारों को संतुलित करने में मदद करेगा। वहीं विपक्षी दल इसे जल्दबाजी में लाया गया बिल बता रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि इसे गहन चर्चा के लिए भेजा जाए।
कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल चाहते हैं कि बिल की समीक्षा संसद की स्थायी समिति या जेपीसी द्वारा की जाए, ताकि सभी पहलुओं पर गंभीर विचार हो सके।

TMC के आरोप

TMC नेताओं ने कहा कि जेपीसी की प्रक्रिया पहले से ही तय एजेंडे के मुताबिक चलेगी और उसमें विपक्ष की आवाज को दबा दिया जाएगा। पार्टी का आरोप है कि सरकार केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया का दिखावा कर रही है, जबकि असलियत में निर्णय पहले ही ले लिया गया है। इसीलिए इसमें शामिल होना समय की बर्बादी है।

विपक्षी एकजुटता पर असर

विशेषज्ञों का मानना है कि TMC का यह रुख विपक्षी एकजुटता को कमजोर कर सकता है। INDIA गठबंधन पहले ही कई मुद्दों पर मतभेदों का सामना कर रहा है। अब TMC द्वारा जेपीसी का बहिष्कार विपक्षी खेमे में और दरार पैदा कर सकता है। हालांकि TMC का कहना है कि वह बिल पर अपने विरोध को संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह मजबूती से रखेगी।

आगे की राह

130वां संविधान संशोधन विधेयक अभी संसद में विचाराधीन है। ऐसे में TMC के बहिष्कार के फैसले से राजनीतिक समीकरण और जटिल हो गए हैं। एक ओर जहां सरकार इसे ऐतिहासिक और आवश्यक बता रही है, वहीं विपक्ष इसके विभिन्न प्रावधानों पर गंभीर सवाल उठा रहा है। अब देखना यह होगा कि इस बिल पर संसद में अंतिम फैसला क्या निकलता है और विपक्ष के भीतर जारी मतभेद आने वाले दिनों की राजनीति को किस दिशा में ले जाते हैं।

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