दहेज के लिए पत्नी के साथ बर्बरता करने वाला विपिन खुद को एडवोकेट बताता है, लेकिन उसका असली चेहरा उसके मासूम बेटे ने बयां किया है। बेटे ने बताया कि उसके पिता ने ही लाइटर से मां को आग लगाई थी।
ग्रेटर नोएडा से आई एक दिल दहला देने वाली खबर ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। यहां दहेज की लालच में एक महिला को उसके ही ससुरालवालों ने इतनी बर्बरता से प्रताड़ित किया कि इंसानियत भी शर्मसार हो गई। आरोप है कि महिला को उसके छोटे बेटे के सामने जिंदा जला दिया गया, जबकि उसकी मौसी को इतना पीटा गया कि वह बेहोश होकर गिर पड़ीं। इस पूरे खौफनाक दृश्य का गवाह मासूम बच्चा बना, जिसकी सिसकियों और गवाही से मामले की परतें खुलने लगी हैं।

घटना कैसे हुई
जानकारी के मुताबिक, घटना ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर थाना क्षेत्र की है। पीड़िता की शादी कुछ साल पहले इलाके के ही एक युवक से हुई थी। शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष लगातार दहेज की मांग कर रहा था। कई बार महिला के मायकेवालों ने रिश्ते को बचाने के लिए समझौते की कोशिश की, लेकिन लालच और हैवानियत का सिलसिला थमता नहीं दिखा।

बीते शुक्रवार रात विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। पति और ससुराल के अन्य सदस्यों ने महिला से एक बार फिर दहेज की मांग की। जब उसने और उसके मायके से आई बहन (मौसी) ने विरोध किया तो आरोप है कि महिला को कमरे में बंद कर आग के हवाले कर दिया गया। इस दौरान मौसी ने बीच-बचाव करने की कोशिश की तो उसे बेरहमी से पीटा गया।
मासूम की गवाही
घटना के समय पीड़िता का 7 साल का बेटा भी वहीं मौजूद था। बच्चे ने पुलिस को रोते हुए बताया कि उसने अपनी आंखों के सामने मां को जलते देखा। मासूम का कहना है कि जब उसकी मौसी ने चिल्लाकर उन्हें बचाने की कोशिश की तो उसे भी जमीन पर गिरा कर लात-घूंसों से पीटा गया। बच्चे की मासूमियत और दर्द से भरी गवाही सुनकर पुलिसकर्मी भी भावुक हो उठे।
अस्पताल में भर्ती और मौत
गंभीर रूप से झुलसी महिला को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौसी की हालत फिलहाल नाजुक बताई जा रही है और उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि उनके शरीर पर कई जगह चोट और खून के थक्के हैं।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मौके से पति और ससुराल पक्ष के दो अन्य सदस्यों को हिरासत में लिया। पुलिस ने मृतका के मायके वालों की तहरीर पर हत्या, दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। सूरजपुर थाने के प्रभारी ने कहा कि “यह मामला बेहद गंभीर है। दोषियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। बच्चे और गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।”
मायके वालों का आरोप
पीड़िता के परिवार वालों का आरोप है कि शादी के बाद से ही बेटी को दहेज को लेकर परेशान किया जाता था। लाख मना करने और समझौता करने के बावजूद मांगें बढ़ती रहीं। परिवार ने आरोप लगाया कि ससुराल वाले उसे आए दिन जान से मारने की धमकी देते थे। कई बार पंचायत में शिकायत की गई, लेकिन आरोपी पक्ष ने किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लिया।
इलाके में गुस्सा
घटना की खबर फैलते ही इलाके में गुस्से का माहौल है। स्थानीय महिलाएं और सामाजिक संगठन सड़क पर उतर आए और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि दहेज के लालच में मां को जिंदा जलाने की घटना ने पूरे गांव को दहला दिया है।
दहेज प्रथा पर फिर सवाल
यह घटना एक बार फिर समाज के सामने दहेज प्रथा की काली हकीकत को उजागर करती है। कानून होने के बावजूद दहेज के नाम पर महिलाओं की प्रताड़ना और हत्या के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक समाज की सोच नहीं बदलेगी और दोषियों को सख्त सजा नहीं मिलेगी, तब तक ऐसी घटनाएं थमने वाली नहीं हैं।
निष्कर्ष
ग्रेटर नोएडा की यह वारदात केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। मासूम बेटे की आंखों के सामने मां का जिंदा जलाया जाना और मौसी की पिटाई इंसानियत के लिए कलंक है। पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया है, लेकिन सवाल यह है कि आखिर कब तक दहेज के नाम पर बेटियां यूं ही हैवानियत का शिकार होती रहेंगी।
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