“महाराष्ट्र सरकार का बड़ा ऐलान: इलेक्ट्रिक वाहनों को हाईवे पर टोल टैक्स से मिलेगी छूट”

इलेक्ट्रिक वाहनों को इन राजमार्गों से गुजरने पर टोल टैक्स नहीं देना होगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे और अजित पवार के मार्गदर्शन में लिया गया यह निर्णय लागू कर दिया गया है।

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। बढ़ते प्रदूषण और ईंधन की बढ़ती कीमतों के बीच अब सरकार ने नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी का ऐलान किया है, जिसके तहत राज्य के कई प्रमुख हाईवे और एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रिक वाहनों से टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा। इस फैसले से न सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ेगी, बल्कि राज्य में ग्रीन एनर्जी और प्रदूषण मुक्त परिवहन को भी नई दिशा मिलेगी।

"महाराष्ट्र सरकार का बड़ा ऐलान: इलेक्ट्रिक वाहनों को हाईवे पर टोल टैक्स से मिलेगी छूट"
“महाराष्ट्र सरकार का बड़ा ऐलान: इलेक्ट्रिक वाहनों को हाईवे पर टोल टैक्स से मिलेगी छूट”

नई पॉलिसी का उद्देश्य

सरकार के अनुसार, इस नई नीति का मुख्य उद्देश्य लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर आकर्षित करना है। अब तक लोग EVs को अपनाने में हिचकिचा रहे थे क्योंकि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, वाहन की कीमत और लंबी दूरी के लिए चिंता जैसी चुनौतियाँ सामने थीं। लेकिन टोल टैक्स जैसी बड़ी छूट मिलने से लोगों को न सिर्फ आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि लंबी दूरी की यात्रा में भी इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ सुविधाजनक विकल्प साबित होंगी।

किन हाईवे पर लागू होगी छूट

सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, यह छूट राज्य के प्रमुख एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे पर दी जाएगी। खासकर मुंबई–पुणे एक्सप्रेसवे, नागपुर–मुंबई समृद्धि महामार्ग, मुंबई–नासिक हाईवे, और पुणे–बेंगलुरु हाईवे जैसे प्रमुख मार्गों पर इलेक्ट्रिक वाहनों को टोल टैक्स से पूरी तरह मुक्त किया जाएगा। इसके अलावा, आने वाले समय में जिन नए हाईवे और रिंग रोड का निर्माण होगा, वहां भी इस छूट को लागू करने की तैयारी की जा रही है।

राज्य में EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह भी तय किया है कि आने वाले तीन वर्षों में राज्यभर में 10,000 से अधिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इन चार्जिंग स्टेशनों को खासकर हाईवे, टोल प्लाजा, पेट्रोल पंप और शहरी इलाकों में लगाया जाएगा ताकि लंबी दूरी की यात्रा करने वाले वाहन चालकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

वाहन निर्माताओं और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा

वाहन निर्माताओं और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा
वाहन निर्माताओं और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा

इस नई पॉलिसी से वाहन निर्माताओं को भी प्रोत्साहन मिलेगा। राज्य सरकार ने संकेत दिया है कि जो कंपनियां महाराष्ट्र में EV मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाएँगी, उन्हें टैक्स में छूट और सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, आम लोगों को टोल टैक्स से छूट के अलावा सड़क कर (Road Tax) और पंजीकरण शुल्क (Registration Fee) पर भी राहत दी जाएगी।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम

महाराष्ट्र सरकार का यह कदम पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से भी बेहद अहम है। राज्य में बढ़ते वायु प्रदूषण और वाहनों से निकलने वाले कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना जरूरी हो गया था। सरकार का दावा है कि यदि आने वाले 5 वर्षों में EVs का उपयोग बढ़ता है तो राज्य का प्रदूषण स्तर कम से कम 25% तक घटाया जा सकता है।

विपक्ष और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

इस फैसले का विपक्ष ने स्वागत तो किया है, लेकिन साथ ही कुछ सवाल भी उठाए हैं। विपक्ष का कहना है कि सरकार को केवल टोल टैक्स माफी तक सीमित न रहकर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को प्राथमिकता देनी चाहिए। वहीं, ऑटोमोबाइल विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला सही दिशा में उठाया गया कदम है, लेकिन आम जनता को EV अपनाने के लिए और अधिक वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाने चाहिए।

निष्कर्ष

महाराष्ट्र सरकार की यह नई पॉलिसी राज्य में सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है। इलेक्ट्रिक वाहनों को टोल टैक्स से छूट देने से न सिर्फ लोगों को आर्थिक राहत मिलेगी बल्कि इससे परिवहन व्यवस्था भी धीरे-धीरे प्रदूषण मुक्त बनेगी। आने वाले वर्षों में यह नीति महाराष्ट्र को देश का अग्रणी ग्रीन ट्रांसपोर्ट हब बना सकती है।

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