“भगवान गणेश होंगे प्रसन्न, चतुर्थी पर इन स्थानों पर दीपक जलाना है शुभ”

गणेश चतुर्थी का त्योहार साल 2025 में 27 जुलाई को मनाया जाएगा। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की पूजा के साथ ही आपको घर के कुछ स्थानों पर दीपक भी अवश्य जलाना चाहिए।

गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे देशभर में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन भक्तगण विघ्नहर्ता गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर उनका पूजन करते हैं और दस दिनों तक निरंतर आराधना के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जन करते हैं। इस उत्सव को लेकर घर-घर और मंदिरों में रौनक दिखाई देती है। मान्यता है कि गणेश जी की उपासना से बुद्धि, ज्ञान, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन से विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं।

"भगवान गणेश होंगे प्रसन्न, चतुर्थी पर इन स्थानों पर दीपक जलाना है शुभ"
“भगवान गणेश होंगे प्रसन्न, चतुर्थी पर इन स्थानों पर दीपक जलाना है शुभ”

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख मिलता है कि विशेष तिथियों और पर्वों पर दीपक जलाने का अत्यंत महत्व है। गणेश चतुर्थी भी ऐसा ही एक पावन पर्व है। इस दिन गणेश जी को प्रसन्न करने और घर में सुख-समृद्धि लाने के लिए भक्तों को दीपक जलाने के कुछ खास नियम बताए गए हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि इस दिन विशेष स्थानों पर दीपक जलाए जाएं तो परिवार में धन-धान्य की वृद्धि होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

दीपक जलाने का महत्व

दीपक केवल प्रकाश का स्रोत नहीं है, बल्कि यह दिव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है। ज्योतिष और धर्मग्रंथों के अनुसार, दीपक का प्रकाश नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में शांति, सौभाग्य तथा सुख का वास होता है। यही कारण है कि हर पूजा-पाठ में दीप प्रज्वलन की परंपरा है। गणेश चतुर्थी पर दीपक जलाने का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि गणपति को ‘प्रथम पूज्य’ और ‘विघ्नहर्ता’ कहा गया है।

गणेश चतुर्थी पर दीपक जलाने के चार शुभ स्थान

गणेश चतुर्थी पर दीपक जलाने के चार शुभ स्थान
गणेश चतुर्थी पर दीपक जलाने के चार शुभ स्थान
  1. गणेश जी की मूर्ति या चित्र के सामने
    सबसे पहला और मुख्य स्थान है जहां दीपक जलाना चाहिए। जब भक्त गणेश जी की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक प्रज्वलित करते हैं, तो यह सीधा गणपति बप्पा को अर्पण माना जाता है। इससे भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
  2. तुलसी के पौधे के पास
    तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में तुलसी को मां लक्ष्मी का स्वरूप बताया गया है। गणेश चतुर्थी पर तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है और धन की कमी नहीं रहती।
  3. घर के मुख्य द्वार पर
    घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं कर पाती। यह माना जाता है कि मुख्य दरवाजे पर दीपक जलाने से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है और परिवारजन को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। गणेश चतुर्थी की रात द्वार पर दीपक अवश्य जलाना चाहिए।
  4. पूजा स्थल या घर के मंदिर में
    घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करना तो परंपरा का हिस्सा है। लेकिन गणेश चतुर्थी पर विशेष रूप से मंदिर में घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से वातावरण शुद्ध होता है और पूरे परिवार पर गणपति का आशीर्वाद बना रहता है।

दीपक जलाने की सही विधि

गणेश चतुर्थी पर दीपक जलाते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर ही पूजा करें। घी या तिल के तेल का दीपक सबसे शुभ माना गया है। दीपक को हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखकर जलाना चाहिए। साथ ही, दीपक बुझने न पाए इसका ध्यान रखना आवश्यक है।

धार्मिक मान्यता और लाभ

मान्यता है कि गणेश चतुर्थी पर इन स्थानों पर दीपक जलाने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। जिन घरों में नियमित रूप से दीपक जलाने की परंपरा होती है, वहां कभी दरिद्रता नहीं आती और परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है। यह भी कहा गया है कि इस दिन दीपक जलाने से पूर्वजों की आत्मा को भी शांति मिलती है।

निष्कर्ष

गणेश चतुर्थी केवल पूजा का पर्व नहीं, बल्कि सकारात्मकता और ऊर्जा का उत्सव है। इस दिन गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धा और भक्ति के साथ दीपक अवश्य जलाना चाहिए। विशेष रूप से यदि दीपक गणेश जी की मूर्ति, तुलसी के पौधे, मुख्य द्वार और घर के मंदिर में जलाए जाएं, तो घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है। इस प्रकार दीपक प्रज्वलन से भक्त का जीवन आलोकित होता है और गणपति बप्पा हर कठिनाई से रक्षा करते हैं।

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