गणेश चतुर्थी के पावन मौके पर गणेश जी की पूजा के साथ ही उनकी प्रतिमा को भी घर में स्थापित करने का विधान है। ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि गणेश चतुर्थी पर मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त कब है और इस दिन किस विधि से आपको पूजा करनी चाहिए।
भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से गणेश चतुर्थी का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन भक्त विघ्नहर्ता गणपति बप्पा की स्थापना अपने घरों और पंडालों में करते हैं और पूरे उत्साह के साथ 10 दिनों तक उनकी आराधना करते हैं। गणेशोत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन के साथ होता है। वर्ष 2025 में गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं इस दिन गणपति बप्पा की स्थापना के लिए कौन-सा शुभ मुहूर्त रहेगा और किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

गणेश चतुर्थी का महत्व
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धिदाता और मंगलकर्ता कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन घर में गणेश जी की स्थापना करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है। महाराष्ट्र सहित पूरे भारत में गणेश चतुर्थी का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं अब यह पर्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोकप्रिय हो चुका है और कई देशों में भारतीय समुदाय इस त्योहार को हर्षोल्लास से मनाता है।
गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार वर्ष 2025 में भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि 27 अगस्त को प्रातः 06:35 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन 28 अगस्त को सुबह 08:15 बजे तक रहेगी। गणेश जी की स्थापना और पूजा चतुर्थी तिथि के दौरान ही करना उत्तम माना गया है।
- गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त: 27 अगस्त को सुबह 11:15 बजे से दोपहर 01:45 बजे तक का समय सबसे उत्तम है।
- इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त में भी स्थापना करना श्रेष्ठ माना गया है, जो दोपहर 12:05 बजे से 12:55 बजे तक रहेगा।
इस समय के दौरान गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और भगवान का विशेष आशीर्वाद मिलता है।
स्थापना की विधि
गणेश जी की स्थापना से पहले घर की शुद्धि और पूजा स्थल की सफाई करनी चाहिए। लाल या पीले वस्त्र पर गणपति जी की मूर्ति को विराजित किया जाता है। मूर्ति के सामने कलश स्थापित करना, स्वास्तिक बनाना और शुद्ध जल से मूर्ति का अभिषेक करना जरूरी माना जाता है। इसके बाद धूप, दीप, पुष्प और मोदक अर्पित कर गणपति जी की आरती की जाती है। भक्त इस दिन संकल्प लेते हैं कि 10 दिनों तक प्रतिदिन गणपति की विधिवत पूजा करेंगे।
पूजा में क्या चढ़ाएं
भगवान गणेश को मोदक, दूर्वा घास, सिंदूर और लड्डू अति प्रिय हैं। पूजा के समय इनका विशेष ध्यान रखना चाहिए। साथ ही उन्हें लाल और पीले फूल अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं।
विशेष सावधानियां
गणेश चतुर्थी की पूजा में चंद्रमा दर्शन से बचने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन चंद्र दर्शन करने से मिथ्या दोष लगता है। यदि भूलवश चंद्रमा देख लिया जाए, तो “स्यमंतक मणि” की कथा सुननी चाहिए।
समापन
वर्ष 2025 में गणेश चतुर्थी का पर्व भक्तों के लिए बेहद खास रहने वाला है। इस बार 27 अगस्त को शुभ मुहूर्त में गणपति बप्पा की स्थापना करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होगा। भक्तगण 10 दिनों तक उल्लास और भक्ति भाव से गणेशोत्सव मनाकर अनंत चतुर्दशी के दिन विधिवत विसर्जन करेंगे।
इस प्रकार, सही समय और विधि से की गई गणेश स्थापना हर तरह के कष्ट दूर कर जीवन को मंगलमय बना देती है।
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