प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ’ का शुभारंभ किया, जो ग्रामीण महिलाओं को सस्ती ब्याज दरों पर डिजिटल रूप से कर्ज देगा। आइए, आपको बताते हैं कि इससे बिहार की महिलाओं का क्या फायदा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए ‘जीविका निधि साख सहकारी संघ’ की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को संगठित करना, उन्हें वित्तीय सहारा देना और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करना है। खासकर वे महिलाएं, जो छोटे व्यवसाय, स्वरोजगार और घरेलू उद्योगों से जुड़ी हैं, उनके लिए यह योजना वरदान साबित होगी।

क्या है ‘जीविका निधि साख सहकारी संघ’?
यह एक विशेष सहकारी मॉडल है, जिसके माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) को जोड़ा जाएगा। इन समूहों को वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि वे आसानी से छोटे-छोटे ऋण प्राप्त कर सकें और अपने व्यापार व आजीविका से जुड़े कार्यों को आगे बढ़ा सकें। इस संघ का मकसद महिलाओं को बिचौलियों और महाजनों से मुक्त करना है, जो अक्सर ऊँचे ब्याज दरों पर कर्ज देकर उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर बना देते हैं।
महिलाओं को कैसे मिलेगा फायदा?
- आसान ऋण सुविधा – अब ग्रामीण महिलाएं अपनी जरूरत के अनुसार ऋण आसानी से ले सकेंगी।
- उद्यमिता को बढ़ावा – खेती, पशुपालन, कुटीर उद्योग, सिलाई-बुनाई, खाद्य प्रसंस्करण जैसे कार्यों को नई ताकत मिलेगी।
- सामूहिक विकास – सहकारी संघ के जरिए महिलाएं समूह में काम कर सकेंगी और एक-दूसरे की मदद कर सकेंगी।
- आर्थिक स्वतंत्रता – महिलाओं को अब पैसों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना होगा।
- डिजिटल सुविधा – इस योजना से डिजिटल लेन-देन और बैंकिंग तक पहुंच भी आसान होगी।
प्रधानमंत्री मोदी का विज़न
लॉन्चिंग के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं की मेहनत और लगन से ही देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आजादी के अमृतकाल में महिलाओं की भागीदारी को और मजबूत बनाना जरूरी है। ‘जीविका निधि साख सहकारी संघ’ न केवल महिलाओं को वित्तीय सहयोग देगा, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान और आत्मविश्वास भी प्रदान करेगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव
इस योजना के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में लघु और कुटीर उद्योगों को मजबूती मिलेगी। जब महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, तो वे अपने बच्चों की शिक्षा, परिवार की स्वास्थ्य सुविधाओं और जीवन स्तर को बेहतर बना सकेंगी। साथ ही, यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार करेगी।

विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल न केवल महिला सशक्तिकरण बल्कि ग्रामीण विकास का बड़ा मॉडल बनेगी। सहकारी संघों से महिलाओं की बचत और निवेश की आदत भी मजबूत होगी, जिससे वे भविष्य के लिए बेहतर तैयारी कर सकेंगी।
निष्कर्ष
‘जीविका निधि साख सहकारी संघ’ का आगाज देश की लाखों ग्रामीण महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। यह सिर्फ एक आर्थिक योजना नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। इससे महिलाओं को अपने सपनों को साकार करने की ताकत मिलेगी और भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद मिलेगी।
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