“उत्तराखंड में वीरों का सम्मान: CM धामी ने जारी की अग्निवीर आरक्षण नियमावली”

उत्तराखंड की धामी सरकार ने सोवामुक्त अग्निवारों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा कर दी है। सरकार की ओर से “उत्तराखंड राज्याधीन सेवाओं में समूह ग की सीधी भर्ती के वर्दीधारी पदों पर सेवायोजन हेतु क्षैतिज आरक्षण नियमावली–2025” जारी कर दी गई है।

उत्तराखंड हमेशा से अपनी वीरता और सैन्य परंपरा के लिए जाना जाता है। यहां के युवा बड़ी संख्या में भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बलों में भर्ती होकर देश की रक्षा करते हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के युवाओं को एक बड़ी सौगात दी है। सरकार ने वादा निभाते हुए अग्निवीर आरक्षण नियमावली जारी कर दी है। इस कदम से न केवल सेना में भर्ती होने वाले युवाओं को लाभ मिलेगा बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद उनके भविष्य को भी सुरक्षित बनाने का रास्ता खुलेगा।

"उत्तराखंड में वीरों का सम्मान: CM धामी ने जारी की अग्निवीर आरक्षण नियमावली"
“उत्तराखंड में वीरों का सम्मान: CM धामी ने जारी की अग्निवीर आरक्षण नियमावली”

क्या है अग्निवीर योजना?

केंद्र सरकार ने कुछ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती की नई प्रक्रिया के तहत अग्निपथ योजना शुरू की थी। इसके तहत युवाओं को 4 साल के लिए सेना में भर्ती किया जाता है। इन युवाओं को “अग्निवीर” कहा जाता है। हालांकि 4 साल बाद उनमें से केवल 25% को ही स्थायी सेवा मिलती है, बाकी को वापस नागरिक जीवन में लौटना पड़ता है। यही वह समय होता है जब उन्हें रोजगार और आजीविका की चिंता सताने लगती है।

उत्तराखंड सरकार की पहल

उत्तराखंड सरकार की पहल
उत्तराखंड सरकार की पहल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं से किए अपने वादे को पूरा करते हुए अग्निवीर आरक्षण नियमावली की घोषणा की। इसके तहत अग्निवीरों को उत्तराखंड सरकार की विभिन्न सेवाओं और नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी। यह नियमावली राज्य के उन युवाओं के लिए राहत लेकर आई है जो अग्निपथ योजना के तहत सेवा पूरी करने के बाद स्थायी रोजगार की तलाश में रहते हैं।

किन क्षेत्रों में मिलेगा आरक्षण?

सरकार द्वारा जारी की गई नियमावली के मुताबिक, अग्निवीरों को राज्य पुलिस, होमगार्ड, आपदा प्रबंधन, अग्निशमन सेवा समेत अन्य विभागों में आरक्षण का लाभ मिलेगा। इसके अलावा राज्य की विभिन्न अर्धसैनिक और सरकारी नौकरियों में भी उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि देश की सेवा करने वाले युवाओं को सम्मानजनक और सुरक्षित भविष्य मिल सके।

युवाओं में उत्साह और भरोसा

इस घोषणा के बाद उत्तराखंड के युवाओं में काफी उत्साह देखने को मिला है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आ रही प्रतिक्रियाओं में युवाओं ने कहा है कि यह निर्णय उन्हें सेना में भर्ती होने के लिए और प्रेरित करेगा। साथ ही उन्हें यह भरोसा भी रहेगा कि सेवा पूरी होने के बाद भी रोजगार की समस्या नहीं होगी।

CM धामी का बयान

मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा कि उत्तराखंड वीरभूमि है और यहां के युवा सदियों से देश की सुरक्षा में अहम योगदान दे रहे हैं। राज्य सरकार का कर्तव्य है कि इन वीरों और उनके परिवारों के भविष्य को सुरक्षित बनाया जाए। उन्होंने कहा कि अग्निवीरों के लिए आरक्षण केवल एक नियम नहीं बल्कि उनके त्याग और बलिदान के प्रति सम्मान है।

महिलाओं को भी होगा फायदा

विशेष बात यह है कि इस नियमावली का लाभ केवल पुरुष अग्निवीरों को ही नहीं बल्कि महिलाओं को भी मिलेगा। जो महिलाएं सेना में अग्निवीर के रूप में सेवा करेंगी, उन्हें भी सेवा समाप्ति के बाद समान रूप से आरक्षण का लाभ मिलेगा। यह कदम महिलाओं को रक्षा सेवाओं की ओर आकर्षित करने में मददगार साबित हो सकता है।

विशेषज्ञों की राय

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तराखंड सरकार का यह कदम एक पथप्रदर्शक निर्णय है। अन्य राज्यों को भी इस दिशा में पहल करनी चाहिए ताकि अग्निवीरों का भविष्य सुरक्षित हो और उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान मिल सके।

निष्कर्ष

उत्तराखंड में अग्निवीर आरक्षण नियमावली जारी होना न केवल युवाओं के लिए रोजगार का नया द्वार खोलेगा बल्कि यह भी साबित करेगा कि राज्य अपने वीर सपूतों के योगदान को कभी भुला नहीं सकता। मुख्यमंत्री धामी की यह पहल उन हजारों परिवारों के लिए आशा की किरण है जिनके बच्चे देश की सुरक्षा में अपनी जवानी समर्पित कर रहे हैं।

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