दिल्ली में इन दिनों यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इस कारण दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। इसे लेकर मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा है कि किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। हालात नियंत्रण में है।
राजधानी दिल्ली में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश और उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों से छोड़े जा रहे पानी की वजह से यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नदी का पानी खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि हालात काबू में हैं और किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।

जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी
मौसम विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में लगातार बारिश के कारण बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। इसका सीधा असर यमुना नदी पर पड़ रहा है। सोमवार देर रात जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी दर्ज की गई। मंगलवार सुबह नदी का स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया। प्रशासन ने सभी संवेदनशील इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है।
मंत्री प्रवेश वर्मा का बयान

जलस्तर बढ़ने की खबर पर केंद्रीय मंत्री प्रवेश वर्मा ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा,
“यमुना का जलस्तर जरूर बढ़ा है, लेकिन सरकार पूरी तरह से हालात पर नजर बनाए हुए है। बाढ़ नियंत्रण विभाग और आपदा प्रबंधन की टीमें तैनात हैं। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद उपलब्ध कराई जाएगी।”
प्रशासन ने किए एहतियाती कदम
दिल्ली सरकार और प्रशासन ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों में टीमें तैनात कर दी हैं। सबसे ज्यादा खतरा निचले इलाकों और नदी के किनारे बसे गांवों को है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया है। राहत और बचाव कार्य के लिए नावों और आपातकालीन वाहनों की व्यवस्था की गई है। साथ ही प्रशासन ने स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों को अस्थायी राहत शिविरों में बदलने की तैयारी कर ली है।
बाढ़ नियंत्रण विभाग की निगरानी
बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यमुना का स्तर मंगलवार सुबह तक लगभग 205.15 मीटर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है। हालांकि स्तर खतरे के निशान से थोड़ा नीचे है, लेकिन पानी का तेज बहाव और पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश स्थिति को गंभीर बना सकती है।
निचले इलाकों में चिंता
यमुना के किनारे बसे इलाकों—उस्मानपुर, लोनी, मयूर विहार, और यमुना बाजार—में रहने वाले लोगों के बीच चिंता बढ़ गई है। कई लोग पहले से ही सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बीते वर्ष भी इसी तरह पानी बढ़ने पर उन्हें घर खाली करने पड़े थे।
राहत दल चौकन्ने
आपदा प्रबंधन दल, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और दिल्ली पुलिस की टीमें चौकसी बरत रही हैं। रात में भी पेट्रोलिंग की जा रही है। जहां पानी का स्तर तेजी से बढ़ता दिख रहा है, वहां तुरंत अलर्ट जारी किया जा रहा है।
सरकार का भरोसा
दिल्ली सरकार ने आश्वासन दिया है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की गई है। स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट पर रखा गया है ताकि बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसी भी तरह की महामारी या संक्रमण फैलने से बचा जा सके। सरकार ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करने की अपील की है।
मौसम विभाग का अनुमान
मौसम विभाग ने आने वाले दो-तीन दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। यदि उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में तेज बारिश होती है तो यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
निष्कर्ष
दिल्ली में यमुना का बढ़ता जलस्तर लोगों के लिए चिंता का विषय जरूर है, लेकिन सरकार और प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि हालात नियंत्रण में हैं। मंत्री प्रवेश वर्मा का बयान लोगों को राहत देने वाला है। हालांकि, सतर्क रहना जरूरी है, क्योंकि नदी का बहाव अनिश्चित है और किसी भी समय स्थिति गंभीर हो सकती है। इसीलिए प्रशासन की ओर से लगातार अलर्ट जारी किया जा रहा है और लोगों से अपील की जा रही है कि वे निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो जाएं।
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