प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब कुछ राज्य सरकारों ने संकट से निपटने के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता की मांग की है।
देश के कई राज्यों में इस समय बाढ़ का कहर जारी है। भारी बारिश और नदियों के उफान से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। घर डूब गए हैं, खेत जलमग्न हैं और आम जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है। ऐसे हालात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे और वहां के हालात का जायजा लेंगे। पीएम मोदी का यह कदम राहत और बचाव कार्यों को तेज़ी देने के साथ-साथ पीड़ितों को भरोसा दिलाने के लिहाज़ से बेहद अहम माना जा रहा है।

दौरे का उद्देश्य
प्रधानमंत्री मोदी का दौरा मुख्य रूप से बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति को देखने और राज्यों की जरूरतों का आकलन करने के लिए है।

- वे स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकारों के साथ बैठक करेंगे।
- राहत और पुनर्वास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
- प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनेंगे।
पीएम मोदी ने पहले ही कहा है कि केंद्र सरकार संकट की इस घड़ी में राज्यों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
प्रभावित राज्यों की स्थिति
इस वक्त उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, उत्तराखंड और झारखंड जैसे राज्यों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
- उत्तर प्रदेश: गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। कई जिलों में गांव डूब चुके हैं और लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
- बिहार: कोसी और गंडक नदियों के उफान ने हजारों परिवारों को बेघर कर दिया है। कई पुल और सड़कें टूटने से आवागमन बाधित हो गया है।
- असम: यहां बाढ़ से सबसे ज्यादा जनहानि हुई है। दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।
- उत्तराखंड: पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने स्थिति को और भयावह बना दिया है।
- झारखंड: यहां के कई जिलों में निचले इलाके पानी में डूब गए हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं।
केंद्र सरकार की भूमिका
केंद्र सरकार ने पहले ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और सेना की टीमें राहत कार्यों के लिए तैनात कर दी हैं। हेलीकॉप्टर और नावों की मदद से फंसे हुए लोगों को निकाला जा रहा है। इसके अलावा, प्रभावित क्षेत्रों में दवाइयां, खाने-पीने का सामान और स्वच्छ पानी पहुंचाया जा रहा है।
पीएम मोदी के दौरे के दौरान यह संभावना है कि केंद्र सरकार अतिरिक्त वित्तीय सहायता पैकेज की घोषणा भी कर सकती है ताकि राज्यों को पुनर्वास कार्यों में मदद मिल सके।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने बाढ़ से निपटने की तैयारी पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि हर साल बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित होते हैं, लेकिन अब तक स्थायी समाधान नहीं निकाला गया। हालांकि, पीएम मोदी के दौरे का स्वागत करते हुए विपक्ष ने भी उम्मीद जताई कि इससे राहत कार्यों को गति मिलेगी और पीड़ित परिवारों को सीधी मदद मिलेगी।
लोगों की उम्मीदें
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को प्रधानमंत्री के दौरे से बड़ी उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि जब खुद पीएम हालात का जायजा लेंगे तो प्रशासनिक मशीनरी और तेजी से काम करेगी। साथ ही, केंद्र से मिलने वाली सहायता से उन्हें जल्द राहत मिलेगी।
निष्कर्ष
बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करने का पीएम मोदी का निर्णय न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह जनता के साथ भावनात्मक जुड़ाव का भी प्रतीक है। जब देश का प्रधानमंत्री खुद प्रभावित इलाकों का दौरा करता है, तो इससे लोगों में विश्वास और उम्मीद की नई किरण जगती है।
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