किसानों को मिली बड़ी राहत, सीएम बोले- राज्य की शक्ति है अन्नदाता !

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि किसानों के जीवन में मौसम की मार से परेशानी आई है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हर संकट में साथ खड़े रहने के लिए प्रतिबद्ध है।

मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश और अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति ने अन्नदाताओं की मेहनत को भारी नुकसान पहुँचाया है। इस बीच प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देने का बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 6 सितंबर को अतिवृष्टि और बाढ़ से क्षतिग्रस्त फसलों के लिए राहत राशि वितरण कार्यक्रम में एक क्लिक के माध्यम से किसानों के खातों में 20 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए

किसानों को मिली बड़ी राहत, सीएम बोले- राज्य की शक्ति है अन्नदाता !
किसानों को मिली बड़ी राहत, सीएम बोले- राज्य की शक्ति है अन्नदाता !

संकट में किसानों के साथ सरकार

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया कि प्रदेश सरकार हर संकट की घड़ी में किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि किसान अन्नदाता है, और उनकी मुस्कान ही राज्य की असली ताकत है। यही कारण है कि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को सरकार राहत और सहायता देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

अब तक 188 करोड़ 52 लाख की राहत राशि

अब तक 188 करोड़ 52 लाख की राहत राशि
अब तक 188 करोड़ 52 लाख की राहत राशि

प्रदेश सरकार ने बीते वर्षों में किसानों और आपदा प्रभावितों की मदद के लिए लगातार काम किया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 तक राज्य सरकार 188 करोड़ 52 लाख रुपये की राशि आपदा प्रभावित परिवारों को ट्रांसफर कर चुकी है। यह राशि सीधे प्रभावितों के बैंक खातों में भेजी गई है ताकि उन्हें तत्काल राहत मिल सके।

एक क्लिक से किसानों तक मदद

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि डिजिटल माध्यम से सरकार किसानों तक पारदर्शी और त्वरित सहायता पहुंचा रही है। राहत राशि का वितरण डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किया गया, जिससे किसी भी प्रकार की देरी या बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है। किसानों ने भी सरकार के इस कदम पर संतोष जताते हुए कहा कि समय पर मिली मदद से उन्हें दोबारा खड़े होने की ताकत मिली है।

मौसम के असंतुलन पर चिंता

सीएम मोहन यादव ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में मौसम असंतुलित हुआ है। कभी अधिक बारिश, कभी बेमौसम बारिश और कभी सूखे की स्थिति बन जाती है। इसका सीधा असर किसानों की मेहनत और उत्पादन पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में सरकार का कर्तव्य है कि वह किसानों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करे।

किसानों के लिए सरकार की योजनाएँ

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि फसल बीमा योजना, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार, खाद-बीज की उपलब्धता और बिजली आपूर्ति में सुधार जैसे कदम लगातार उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा, सरकार किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक अपनाने और वैकल्पिक फसलों की ओर प्रोत्साहित कर रही है ताकि मौसम की मार से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।

किसानों की मुस्कान ही असली ताकत

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि किसान ही राज्य की आत्मा है। उनकी मेहनत से ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है और समाज का पेट भरता है। उन्होंने कहा, “अन्नदाता की मुस्कान ही प्रदेश की ताकत है। जब किसान खुश रहेंगे तो प्रदेश और देश दोनों सशक्त होंगे।”

ग्रामीणों ने जताया आभार

राहत राशि पाने वाले किसानों और ग्रामीणों ने सरकार का आभार व्यक्त किया। उनका कहना था कि आपदा के समय राज्य सरकार ने समय पर मदद देकर उनके जीवन को संभालने की कोशिश की है। कई किसानों ने कहा कि इस सहयोग से उन्हें बीज और खाद खरीदने तथा अगली फसल की तैयारी करने में बड़ी मदद मिलेगी।

निष्कर्ष

मध्यप्रदेश सरकार का यह कदम न केवल किसानों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि संकट की घड़ी में सरकार पूरी मजबूती से अन्नदाता के साथ खड़ी है। राहत राशि वितरण कार्यक्रम ने किसानों को भरोसा दिया है कि सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी। मौसम की चुनौतियों और प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद किसानों की मुस्कान को बनाए रखना ही राज्य सरकार का प्रमुख लक्ष्य है।

Also Read :

7 ज्योतिर्लिंग दर्शन का अवसर, भारत गौरव ट्रेन हुई तैयार