कांग्रेस अध्यक्ष मलिल्कार्जुन खरगे पर किसान के अपमान का आरोप लगा है। दरअसल, कर्नाटक के बाढ़ प्रभावित जिले कलबुर्गी से खरगे और एक किसान की बातचीत का वीडियो सामने आने के बाद हंगामा खड़ा हो गया है।
भारतीय राजनीति में किसान हमेशा से एक अहम मुद्दा रहे हैं और इसी वजह से उनसे जुड़े किसी भी विवाद पर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो जाती है। ताजा मामला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से जुड़ा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन पर किसान का अपमान करने का आरोप लगाया है। यह घटना कर्नाटक के बाढ़ प्रभावित जिले कलबुर्गी की बताई जा रही है।

क्या है मामला?
भाजपा नेताओं का कहना है कि हाल ही में मल्लिकार्जुन खरगे कलबुर्गी जिले के दौरे पर थे। इस दौरान वे बाढ़ प्रभावित किसानों से मिल रहे थे। इसी बीच एक किसान ने अपनी समस्या साझा करनी चाही। आरोप है कि किसान की बात को गंभीरता से सुनने के बजाय खरगे ने असंवेदनशील व्यवहार किया, जिसे भाजपा किसान का अपमान बता रही है।
भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है। वीडियो में कथित तौर पर खरगे और किसान के बीच हुई बातचीत को दिखाया गया है। भाजपा का कहना है कि इस वीडियो से साफ पता चलता है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने किसानों की परेशानियों को नजरअंदाज किया और उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया।
वीडियो में क्या सामने आया?
दरअसल, मल्लिकार्जुन खरगे की एक किसान के साथ बातचीत का वीडियो सामने आया है। वीडियो में खरगे पूछते हैं- “तुमने कितने एकड़ में बोया है?” जब किसान जवाब देता है “चार एकड़”, तो खरगे कहते हैं, “मेरा 40 एकड़ है।” खरगे ने कहा, “मेरा तुमसे भी बदतर है। तुम आकर मुझे बता रहे हो। तुम मुझे बता सकते हो, लेकिन मेरा तुमसे भी बदतर है।” उन्होंने कहा, “प्रचार के लिए यहां मत आओ। मुझे इसके बारे में पता है। मूंग, उड़द और अरहर, सभी फसलें नष्ट हो गई हैं। आप तो कम से कम इसे झेल सकते हैं। हम इसे झेल नहीं सकते क्योंकि मेरा नुकसान बहुत बड़ा है। जाकर मोदी और शाह से पूछो।”
भाजपा का हमला

वीडियो सामने आने के बाद भाजपा ने कांग्रेस और खरगे पर सीधा हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस हमेशा किसानों की हमदर्द बनने का दावा करती है, लेकिन असलियत कुछ और है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस अध्यक्ष ही किसानों का अपमान करेंगे तो पार्टी से किसानों के हित में काम करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
भाजपा ने यह भी कहा कि कांग्रेस के नेताओं की सोच यही दर्शाती है कि उन्हें किसानों की वास्तविक समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। पार्टी ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए कहा कि किसानों की मेहनत से देश की अर्थव्यवस्था चलती है और उनका अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कांग्रेस की सफाई
हालांकि, कांग्रेस की ओर से इस पूरे विवाद पर सफाई भी दी गई है। पार्टी नेताओं का कहना है कि भाजपा तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है और वीडियो को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि खरगे ने न केवल किसानों से मुलाकात की बल्कि उनकी समस्याओं को ध्यान से सुना और अधिकारियों को राहत कार्य तेज करने का निर्देश भी दिया।
कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा किसान की वास्तविक समस्या पर चर्चा करने के बजाय वीडियो क्लिप के सहारे जनता को गुमराह कर रही है। पार्टी ने भाजपा से सवाल किया कि जब केंद्र सरकार किसानों के लिए जरूरी कदम उठाने में विफल रही है, तब वह कांग्रेस पर उंगली क्यों उठा रही है।
सोशल मीडिया पर गरमा-गरमी
प्रदीप भंडारी द्वारा शेयर किए गए वीडियो ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं। ट्विटर (X) पर #Kharge और #FarmersInsult जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। जहां भाजपा समर्थक खरगे को निशाने पर ले रहे हैं, वहीं कांग्रेस समर्थक इसे राजनीति से प्रेरित विवाद बता रहे हैं।
कुछ यूजर्स ने कहा कि किसानों के साथ असम्मानजनक व्यवहार किसी भी नेता को शोभा नहीं देता, जबकि कई लोगों ने यह भी तर्क दिया कि वीडियो को संदर्भ से हटाकर पेश किया जा रहा है और इसका मकसद केवल कांग्रेस की छवि खराब करना है।
राजनीतिक मायने
कर्नाटक दक्षिण भारत में कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता है और मल्लिकार्जुन खरगे यहीं से आते हैं। ऐसे में किसानों से जुड़े इस विवाद का सियासी असर बड़ा हो सकता है। भाजपा इस मुद्दे को राज्य से बाहर भी उछाल सकती है, क्योंकि किसानों का सवाल पूरे देश की राजनीति में असर डालता है।
निष्कर्ष
मल्लिकार्जुन खरगे पर लगे इस आरोप ने कांग्रेस और भाजपा के बीच नए राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। एक ओर भाजपा इसे किसानों का अपमान बताकर कांग्रेस को घेर रही है, तो दूसरी ओर कांग्रेस इसे सियासी हथकंडा करार दे रही है।
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