एशिया कप में धोनी का जलवा, बनाया ऐसा रिकॉर्ड जो आज तक अटूट !

महेंद्र सिंह धोनी के नाम 2 एशिया कप के खिताब दर्ज हैं। धोनी की तरह मोहम्मद अजहरुद्दीन और रोहित शर्मा ने भी 2-2 बार एशिया कप जीता है।

भारतीय क्रिकेट टीम एशिया कप के इतिहास में सबसे सफल टीम मानी जाती है। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भारत ने अब तक कुल 8 बार खिताब अपने नाम किया है, जो किसी भी टीम से सबसे अधिक है। यह आंकड़ा बताता है कि भारतीय टीम एशिया में क्रिकेट की सबसे बड़ी ताकत क्यों कहलाती है।

एशिया कप में धोनी का जलवा, बनाया ऐसा रिकॉर्ड जो आज तक अटूट !
एशिया कप में धोनी का जलवा, बनाया ऐसा रिकॉर्ड जो आज तक अटूट !

एशिया कप की शुरुआत और भारत का पहला खिताब

एशिया कप की शुरुआत 1984 में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में हुई थी। इस उद्घाटन संस्करण में भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान ने हिस्सा लिया था। कपिल देव की कप्तानी में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहला एशिया कप खिताब जीता। यह भारत की एशियाई क्रिकेट में बादशाहत की शुरुआत थी।

1986 संस्करण से दूरी

1986 में दूसरा एशिया कप श्रीलंका में खेला गया। हालांकि, भारत ने इस टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया। माना जाता है कि उस समय भारत और श्रीलंका के बीच राजनीतिक और क्रिकेटीय मतभेदों की वजह से भारतीय टीम को बाहर रहना पड़ा। यह अकेला मौका था जब भारत एशिया कप का हिस्सा नहीं बना।

वापसी और लगातार सफलता

1988 में तीसरे एशिया कप से भारत ने वापसी की और एक बार फिर खिताब जीतकर अपनी बादशाहत कायम रखी। इसके बाद से भारत ने लगभग हर संस्करण में दमदार प्रदर्शन किया। कभी फाइनल तक पहुंचकर, तो कभी ग्रुप स्टेज में धमाल मचाकर टीम इंडिया ने यह साबित किया कि वह एशियाई क्रिकेट की धुरी है।

धोनी और कोहली के दौर की चमक

धोनी और कोहली के दौर की चमक
धोनी और कोहली के दौर की चमक

एशिया कप में भारत की सफलता में महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली के दौर की अहम भूमिका रही। धोनी की कप्तानी में भारत ने 2010 और 2016 में खिताब जीता। वहीं, 2018 का एशिया कप भारत ने रोहित शर्मा की कप्तानी में अपने नाम किया। खास बात यह रही कि धोनी की कप्तानी में भारत कभी भी एशिया कप के फाइनल में हारा नहीं।

8 बार की बादशाहत

भारत ने एशिया कप को 1984, 1988, 1990-91, 1995, 2010, 2016 और 2018 में जीता। इसके अलावा, 2007 और 2008 जैसे वर्षों में टीम इंडिया भले ही खिताब नहीं जीत सकी, लेकिन उसने मजबूत प्रदर्शन किया और कई यादगार मुकाबले खेले। 8 बार का खिताब जीतकर भारत ने पाकिस्तान (2 खिताब) और श्रीलंका (6 खिताब) को पीछे छोड़ दिया।

एशिया कप और टीम इंडिया का योगदान

भारतीय टीम ने न सिर्फ खिताब जीतने में बल्कि टूर्नामेंट को लोकप्रिय बनाने में भी बड़ी भूमिका निभाई। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, एमएस धोनी और विराट कोहली जैसे दिग्गजों ने इस टूर्नामेंट में कई ऐतिहासिक पारियां खेलीं। कोहली की पाकिस्तान के खिलाफ 183 रनों की पारी आज भी एशिया कप इतिहास की सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी है।

एशिया कप का महत्व

एशिया कप केवल खिताब जीतने का मंच नहीं है, बल्कि यह एशियाई देशों के बीच क्रिकेटीय प्रतिस्पर्धा और रिश्तों को मजबूत करने का जरिया भी है। भारत की लगातार सफलता इस टूर्नामेंट की सबसे बड़ी पहचान बन चुकी है। यही कारण है कि हर बार एशिया कप शुरू होने से पहले भारतीय टीम को प्रबल दावेदार माना जाता है।

निष्कर्ष

भारतीय क्रिकेट टीम ने एशिया कप में अपने प्रदर्शन से यह साबित कर दिया है कि एशियाई क्रिकेट में उसकी बादशाहत कायम है। 8 बार खिताब जीतने का रिकॉर्ड इस बात का गवाह है कि भारत के पास न केवल प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं बल्कि टूर्नामेंट के दबाव को झेलने की क्षमता भी है। आने वाले वर्षों में भी एशिया कप में भारत से बड़ी उम्मीदें रहेंगी, और प्रशंसक इस रिकॉर्ड को और ऊंचा होते देखने की आस लगाए बैठेंगे।

Also Read :

“बड़ा ऐलान: सौरव गांगुली पहली बार बने हेड कोच, संभाली इस टीम की कमान”