छिंदवाड़ा में जहरीली कफ सिरप पीने से 14 बच्चों की मौत के बाद यूपी में भी इस कफ सिरप पर बैन लगा दिया गया है। इसके साथ ही लखनऊ में कई जगहों पर इसकी बिक्री रोकने के लिए छापेमारी भी की गई।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में बिक्री और वितरण के लिए प्रतिबंधित की गई जहरीली कफ सिरप पर बड़ा कदम उठाया है। राज्यभर में स्वास्थ्य विभाग और ड्रग कंट्रोल संगठन ने एक संयुक्त अभियान चलाकर कई जिलों में छापेमारी की है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मेरठ, और आगरा में इस अभियान को विशेष रूप से तेज किया गया है। सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी हालत में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि कुछ कंपनियों की कफ सिरप में प्रतिबंधित और जहरीले रसायन पाए गए थे, जो बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। इसके बाद केंद्र सरकार ने देशभर के राज्यों को सतर्क रहने और सैंपल जांच के आदेश दिए थे। उत्तर प्रदेश में जांच के दौरान कई दवाओं में मानक से अधिक विषैले तत्व पाए गए, जिसके बाद राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से इन्हें बैन कर दिया।
लखनऊ में हुई बड़ी कार्रवाई
राजधानी लखनऊ में ड्रग कंट्रोलर की टीम ने कई मेडिकल स्टोर्स, थोक दवा विक्रेताओं और गोदामों पर छापेमारी की। इस दौरान संदिग्ध कफ सिरप की कई बोतलें जब्त की गईं। टीम ने सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए भेज दिया है। अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में यह पाया गया है कि कुछ दुकानदार बिना वैध बिल और लाइसेंस के भी इन दवाओं की बिक्री कर रहे थे।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई केवल राजधानी तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि राज्य के हर जिले में निरीक्षण अभियान चलाया जाएगा। “किसी भी दवा की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। जिन मेडिकल स्टोर्स पर गड़बड़ी पाई जाएगी, उनका लाइसेंस रद्द किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी,” उन्होंने कहा।
कौन-कौन सी सिरप पर है शक
सूत्रों के अनुसार, कुछ स्थानीय और बाहरी कंपनियों द्वारा बनाई गई सस्ती कफ सिरप में ‘डायथिलीन ग्लाइकॉल’ और ‘एथिलीन ग्लाइकॉल’ जैसे जहरीले रसायनों की मात्रा अधिक पाई गई है। ये वही तत्व हैं जिनके कारण पिछले वर्षों में कुछ देशों में बच्चों की मौतें हुई थीं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ये रसायन शरीर के गुर्दों और यकृत को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सरकार की सख्त चेतावनी
राज्य सरकार ने दवा विक्रेताओं और निर्माताओं को सख्त चेतावनी जारी की है। सरकार ने कहा है कि किसी भी तरह की घटिया या नकली दवाओं की बिक्री पर तुरंत रोक लगाई जाए, अन्यथा संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “हम किसी भी कीमत पर नागरिकों की जान जोखिम में नहीं डालने देंगे। हर जिले में निगरानी दल गठित किए गए हैं, जो लगातार बाजारों में दवाओं की गुणवत्ता जांच रहे हैं।”
जनता से अपील
सरकार ने आम जनता से भी अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध दवा या कफ सिरप की जानकारी तुरंत स्थानीय प्रशासन या ड्रग इंस्पेक्टर को दें। साथ ही यह भी कहा गया है कि लोग बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का सेवन न करें। कई बार मरीज खुद से सस्ती या आसानी से मिलने वाली दवाएं खरीद लेते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकती हैं।
पृष्ठभूमि: देशभर में बढ़ी सतर्कता
उत्तर प्रदेश में यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब कुछ सप्ताह पहले देश के अन्य हिस्सों, जैसे हरियाणा और महाराष्ट्र में भी जहरीली कफ सिरप के मामले सामने आए थे। कई दवा कंपनियों के लाइसेंस निलंबित किए गए और उनके उत्पादों को बाजार से वापस मंगवाया गया। इसी के बाद यूपी सरकार ने एहतियातन यह बड़ा कदम उठाया।
आगे की कार्रवाई
ड्रग कंट्रोल विभाग अब राज्यभर में कफ सिरप के सैंपल की व्यापक जांच कर रहा है। जिन ब्रांडों की रिपोर्ट संदिग्ध आएगी, उन पर स्थायी प्रतिबंध लगाया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि आने वाले हफ्तों में राज्य के सभी जिलों से रिपोर्ट मंगवाई जाएगी और दोषी कंपनियों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश में जहरीली कफ सिरप पर बैन और छापेमारी की यह कार्रवाई सरकार की स्वास्थ्य सुरक्षा नीति का हिस्सा है। इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि नकली और घटिया दवा कारोबार पर लगाम लगेगी और जनता को सुरक्षित दवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। सरकार का संदेश साफ है—जनता की जान के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।