बिहार विधानसभा सीट पर उपचुनाव के साथ देश के सात राज्यों की आठ सीटों पर उपचुनाव की घोषणा भी कर दी गई है। इन सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होगा।
देश की सियासी हलचल के बीच सोमवार को चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य में इस बार विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। इसके साथ ही आयोग ने देश के 7 राज्यों की 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की भी घोषणा की। इस घोषणा के बाद बिहार समेत कई राज्यों में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं।

बिहार में दो चरणों में चुनाव
चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर इस बार दो चरणों में मतदान कराया जाएगा। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होगा, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को आयोजित की जाएगी। दोनों चरणों की मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी और उसी दिन चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे। पहले चरण में 121 सीटों पर वोटिंग होगी, जबकि दूसरे चरण में 122 सीटों के लिए मतदाता अपने प्रतिनिधियों का चयन करेंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि इस बार आयोग ने पारदर्शिता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व्यापक तैयारियां की हैं। चुनाव में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा ताकि मतदाता सूची से लेकर वोटिंग प्रक्रिया तक हर स्तर पर पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का मकसद है कि हर मतदाता सुरक्षित वातावरण में मतदान कर सके।

चुनावी सुरक्षा और व्यवस्था
आयोग ने बताया कि बिहार में चुनाव के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी ताकि संवेदनशील और अतिसंवेदनशील इलाकों में शांति बनी रहे। हर जिले में पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात रहेंगे और वीवीपैट (VVPAT) मशीनों का उपयोग सभी मतदान केंद्रों पर किया जाएगा। आयोग ने यह भी कहा कि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।
इस बार चुनाव आयोग ने विशेष रूप से मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर जोर दिया है। आयोग की योजना है कि ग्रामीण इलाकों, महिला मतदाताओं और पहली बार वोट डालने वाले युवाओं को मतदान के लिए प्रेरित किया जाए। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे और मतदान केंद्रों पर सुविधाएं बेहतर की जाएंगी।
7 राज्यों की 8 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा
मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी जानकारी दी कि देश के 7 राज्यों की 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और केरल शामिल हैं। इन सीटों पर उपचुनाव का मतदान भी नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान ही कराया जाएगा।
इन उपचुनावों का आयोजन उन सीटों पर किया जा रहा है जो किसी कारणवश खाली हो गई हैं—कहीं विधायकों के इस्तीफे से, कहीं निधन के चलते। आयोग ने कहा कि उपचुनावों की तारीखें और नामांकन की प्रक्रिया का विस्तृत कार्यक्रम जल्द जारी किया जाएगा।
राजनीतिक हलचल तेज
बिहार चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में सभी राजनीतिक दलों की रणनीति तेज हो गई है। सत्ता पक्ष जहां अपनी उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने की कोशिश करेगा, वहीं विपक्ष बेरोजगारी, महंगाई और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार भी चुनाव में पारदर्शिता, निष्पक्षता और निष्कलंकता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी राजनीतिक दलों को आचार संहिता के पालन का निर्देश दिया गया है और सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार की गतिविधियों पर भी सख्त निगरानी रखी जाएगी।
आयोग का संदेश – लोकतंत्र का पर्व
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व है। हमारी जिम्मेदारी है कि हर मतदाता बिना किसी डर और दबाव के मतदान करे। आयोग सभी आवश्यक कदम उठा रहा है ताकि चुनाव निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से पूरे हों।”
इस तरह, बिहार में अब चुनावी बिगुल बज चुका है। दो चरणों में होने वाले इस विधानसभा चुनाव और देशभर के 7 राज्यों में उपचुनाव के साथ नवंबर का महीना राजनीतिक रूप से बेहद गर्म रहने वाला है। सभी दलों के लिए यह चुनाव अपने-अपने जनादेश को साबित करने का अहम मौका होगा। अब नजरें इस पर होंगी कि 14 नवंबर को आने वाले नतीजों में जनता किसे सत्ता की चाबी सौंपती है।