देश के बाकी राज्यों में SIR कब होगा? मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया पूरा प्लान !

उन्होंने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत अपात्र मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, जबकि योग्य मतदाता नामांकन की समाप्ति से दस दिन पहले तक फॉर्म-6 या फॉर्म-7 भरकर अपना नाम दर्ज करा सकते हैं

भारत में चुनावी प्रक्रियाओं को और अधिक पारदर्शी व विश्वसनीय बनाने के उद्देश्य से चुनाव आयोग ने एक बड़ा कदम उठाने की घोषणा की है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को कहा कि अब बिहार की तर्ज पर देश के सभी राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस दिशा में काम तेज़ी से प्रगति पर है और इसके क्रियान्वयन पर अंतिम निर्णय जल्द ही चुनाव आयोग द्वारा लिया जाएगा।

देश के बाकी राज्यों में SIR कब होगा? मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया पूरा प्लान !
देश के बाकी राज्यों में SIR कब होगा? मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया पूरा प्लान !

मतदाता सूची सुधार की दिशा में बड़ा कदम

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार में हाल ही में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक लागू किया गया है, जिसके परिणाम काफी उत्साहजनक रहे हैं। अब इसी मॉडल को देश के बाकी राज्यों में लागू करने की तैयारी चल रही है। इस पहल का उद्देश्य मतदाता सूची में मौजूद डुप्लीकेट नाम, मृत मतदाताओं के नाम और स्थानांतरित मतदाताओं के नामों को हटाकर सूची को पूरी तरह सटीक और अद्यतन बनाना है।

ज्ञानेश कुमार ने कहा, “लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह जरूरी है कि हर पात्र नागरिक को वोट देने का अधिकार मिले और कोई भी गलत नाम या फर्जी प्रविष्टि सूची में न रहे। बिहार में जो मॉडल अपनाया गया, वह काफी प्रभावी रहा। अब हम उसी दिशा में पूरे देश में कदम बढ़ा रहे हैं।”

क्या होता है SIR (Special Intensive Revision)

SIR का अर्थ है मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण, जिसके तहत प्रत्येक मतदाता के नाम, पता, आयु और अन्य विवरणों की जमीनी स्तर पर जांच की जाती है। इस प्रक्रिया में बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) घर-घर जाकर सत्यापन करते हैं। साथ ही, नए मतदाताओं के पंजीकरण और पुरानी प्रविष्टियों के संशोधन या हटाने की प्रक्रिया भी इसी दौरान होती है।

चुनाव आयोग का मानना है कि इस प्रक्रिया से मतदाता सूचियों की विश्वसनीयता और पारदर्शिता बढ़ेगी। विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में जहां जनसंख्या का स्थानांतरण अधिक होता है, वहां यह पहल बेहद उपयोगी साबित होगी।

प्रक्रिया पर काम जारी

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि आयोग ने इस दिशा में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली है। राज्य चुनाव अधिकारियों से परामर्श कर डिजिटल और मैनुअल दोनों माध्यमों से SIR को लागू करने की रणनीति बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी, ताकि प्रत्येक राज्य अपनी भौगोलिक और प्रशासनिक परिस्थितियों के अनुसार इसे सुचारु रूप से संचालित कर सके।

ज्ञानेश कुमार ने आगे बताया कि मतदाता सूचियों के इस गहन पुनरीक्षण में आधुनिक तकनीक का भी उपयोग किया जाएगा। आयोग आधार वेरिफिकेशन, मोबाइल एप ट्रैकिंग, और GIS-आधारित डेटा मैपिंग जैसी सुविधाओं को भी शामिल करने पर विचार कर रहा है। इससे डेटा की सटीकता और पारदर्शिता दोनों सुनिश्चित होंगी।

मीडिया से बातचीत में दिया भरोसा

मीडियाकर्मियों के सवालों के जवाब देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि आयोग का लक्ष्य है कि आगामी चुनावों से पहले हर राज्य में मतदाता सूची को पूरी तरह अद्यतन किया जाए। उन्होंने कहा, “बिहार में इस प्रक्रिया के अच्छे परिणाम आए हैं। वहां मतदाता सूची में करीब 8 लाख त्रुटिपूर्ण नाम हटाए गए और लगभग 11 लाख नए पात्र मतदाताओं को जोड़ा गया। अब हम चाहते हैं कि ऐसी ही सटीकता पूरे देश में लागू हो।”

ज्ञानेश कुमार ने कहा कि आयोग राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ निरंतर संवाद कर रहा है। सभी राज्यों से उनकी तैयारी रिपोर्ट ली जा रही है और जहां जरूरत होगी, वहां आयोग अतिरिक्त प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता भी उपलब्ध कराएगा।

मतदाताओं से अपील

मुख्य चुनाव आयुक्त ने आम नागरिकों से भी अपील की कि वे अपने नाम, पते और विवरणों को जांचें और आवश्यक सुधार कराएं। उन्होंने कहा कि अब यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी की जा सकती है — मतदाता राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (NVSP) या Voter Helpline ऐप के माध्यम से अपने विवरण अपडेट कर सकते हैं।

निष्कर्ष

चुनाव आयोग का यह कदम भारत के चुनावी तंत्र को और मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है। बिहार मॉडल के सफल प्रयोग के बाद अब देश के सभी राज्यों में SIR लागू होने से मतदाता सूचियों की सटीकता बढ़ेगी, फर्जी मतदान पर रोक लगेगी और लोकतंत्र की नींव और मजबूत होगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि चुनाव आयोग अब पूरी तरह “साफ-सुथरे, पारदर्शी और भरोसेमंद चुनाव” की दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ चुका है।

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