उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को ‘स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा’ के तहत सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया और किट वितरित की।
उत्तर प्रदेश के सफाई कर्मचारियों और संविदा कर्मियों के लिए मंगलवार का दिन बेहद खास रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की कि अब इन कर्मचारियों की सैलरी सीधे सरकार के कॉरपोरेशन के खाते से उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी, न कि किसी आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से। इस फैसले को कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत और पारदर्शिता की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

आउटसोर्सिंग व्यवस्था पर खत्म होगी निर्भरता
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि प्रदेश में अब सफाई कर्मियों और संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को उनकी मेहनताना या वेतन देने में किसी तरह की बिचौलिया व्यवस्था नहीं होगी। अभी तक ये कर्मचारी आउटसोर्सिंग एजेंसियों या कंपनियों के जरिए भुगतान प्राप्त करते थे, जिससे अक्सर भुगतान में देरी, कटौती और पारदर्शिता की कमी जैसी शिकायतें सामने आती थीं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सफाई कर्मियों और संविदा कर्मियों को उनका पूरा वेतन समय पर और बिना किसी कटौती के मिले। अब यह रकम सीधे उनके बैंक खातों में जाएगी। यह न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगा बल्कि भ्रष्टाचार पर भी पूरी तरह अंकुश लगाएगा।”
सीएम योगी ने दिया ‘सीधे लाभार्थी’ का संदेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT)’ मॉडल की तर्ज पर लिया गया है, ताकि हर कर्मचारी को उसका हक बिना किसी देरी या परेशानी के मिले। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट है—जो काम करे, उसे उसका पूरा अधिकार और वेतन मिले, किसी बिचौलिये की जरूरत नहीं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार ने इसके लिए तकनीकी व्यवस्था तैयार करने का निर्देश दे दिया है। जल्द ही नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में कार्यरत सभी सफाई कर्मचारी और संविदा कर्मियों को इस व्यवस्था के दायरे में लाया जाएगा।
सफाई कर्मियों के हित में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री ने बताया कि सफाई कर्मी शहरों की स्वच्छता और स्वास्थ्य व्यवस्था के सबसे अहम स्तंभ हैं। उन्होंने कहा, “हमारे सफाई कर्मचारी दिन-रात मेहनत करके प्रदेश को स्वच्छ रखते हैं। उनकी मेहनत का सम्मान करना सरकार की जिम्मेदारी है। अब कोई भी कर्मचारी अपने मेहनाने के लिए किसी एजेंसी के आगे हाथ नहीं फैलाएगा।”
योगी ने यह भी कहा कि सरकार सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए अन्य योजनाओं पर भी काम कर रही है। इनमें स्वास्थ्य बीमा, आवास सुविधा, और बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष सहायता योजनाएं शामिल हैं।
संविदा कर्मियों के लिए भी राहत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी स्पष्ट किया कि यह व्यवस्था केवल सफाई कर्मचारियों के लिए ही नहीं, बल्कि प्रदेश के सभी संविदा कर्मियों पर लागू होगी। उन्होंने कहा कि संविदा प्रणाली में काम करने वाले लोग लंबे समय से वेतन में देरी और अनियमितता से जूझ रहे थे। अब इस फैसले के बाद उनका वेतन प्रत्यक्ष रूप से सरकारी खाते से आएगा, जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही एक केंद्रीकृत भुगतान पोर्टल शुरू करेगी, जिसके माध्यम से हर संविदा कर्मचारी अपने भुगतान की स्थिति ऑनलाइन देख सकेगा। इससे किसी प्रकार की गड़बड़ी या भ्रष्टाचार की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
कर्मचारियों में खुशी की लहर
मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद पूरे प्रदेश में सफाई कर्मियों और संविदा कर्मचारियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है। कई नगर निगमों और पालिकाओं में कर्मचारियों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया। लखनऊ नगर निगम के एक कर्मचारी ने कहा, “पहले हमें एजेंसियों के भरोसे रहना पड़ता था। कई बार महीनों तक सैलरी नहीं मिलती थी। अब सरकार ने हमें सीधे अपने सिस्टम से जोड़ दिया है, यह ऐतिहासिक कदम है।”
निष्कर्ष – योगी सरकार का पारदर्शिता की ओर कदम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह निर्णय उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक पारदर्शिता और श्रमिक कल्याण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। इससे न केवल हजारों सफाई कर्मियों को राहत मिलेगी, बल्कि संविदा कर्मचारियों के आर्थिक अधिकार भी सुरक्षित रहेंगे।
यह कदम प्रदेश की कार्यसंस्कृति को मजबूत करेगा और कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाएगा। साफ है कि योगी सरकार अब यह सुनिश्चित करना चाहती है कि प्रदेश के विकास में योगदान देने वाला हर कर्मचारी सम्मान, पारदर्शिता और समय पर भुगतान के साथ काम कर सके।
Also Read :
“योगी आदित्यनाथ बोले, संस्कृत होगी आने वाले समय की वैश्विक भाषा”