वाराणसी में योगी दौरे के दौरान ट्रैफिक का तांता, एंबुलेंस और स्कूल बसें फंसीं !

चार पहिया वाहन वालों कों जहां जाम की वज़ह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, दो पहिया से जाने वाले लोग ट्रैफिक जाम से बचने के लिए वैकल्पिक मार्ग का सहारा लेते नजर आए.

उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दौरा था। इस दौरे को लेकर स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने विशेष ट्रैफिक प्लान बनाया था, लेकिन बावजूद इसके शहर की ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त नजर आई। पूरे शहर में विभिन्न इलाकों में जाम का ऐसा माहौल बना कि लोगों को कुछ मीटर की दूरी तय करने में घंटों लग गए। इस दौरान न केवल आम लोग बल्कि कई एंबुलेंस और स्कूल बसें भी जाम में फंस गईं, जिससे यातायात और सुरक्षा दोनों ही प्रभावित हुए।

वाराणसी में योगी दौरे के दौरान ट्रैफिक का तांता, एंबुलेंस और स्कूल बसें फंसीं !
वाराणसी में योगी दौरे के दौरान ट्रैफिक का तांता, एंबुलेंस और स्कूल बसें फंसीं !

ट्रैफिक व्यवस्था का असफल प्रयास

वाराणसी पुलिस प्रशासन ने सीएम दौरे के लिए पहले से ट्रैफिक नियंत्रण योजना बनाई थी। इसमें मुख्य मार्गों पर बैरिकेडिंग, वैकल्पिक मार्ग और वाहन नियंत्रण के उपाय शामिल थे। इसके बावजूद शहर की सड़कों पर जाम की स्थिति नियंत्रण से बाहर दिखाई दी। मुख्य बाजार, घाट और प्रमुख चौराहों पर वाहनों की कतारें लंबी हो गईं। कई लोगों ने बताया कि उन्हें कुछ किलोमीटर की दूरी तय करने में दो-तीन घंटे लग गए।

ट्रैफिक व्यवस्था का असफल प्रयास
ट्रैफिक व्यवस्था का असफल प्रयास

ट्रैफिक व्यवस्था की इस विफलता ने प्रशासन की तैयारी पर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े नेताओं के दौरे के समय शहर की ट्रैफिक योजना का सफल होना आवश्यक है, ताकि नागरिकों की दैनिक गतिविधियों में बाधा न आए।

चार पहिया और दो पहिया वाहनों की मुश्किलें

जाम की स्थिति में चार पहिया वाहन चालक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। कई लोगों ने कहा कि उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने में बहुत मुश्किलें हुईं। वहीँ दूसरी ओर, दो पहिया वाहन चालक जैसे बाइक और स्कूटर सवार लोग ट्रैफिक जाम से बचने के लिए वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करते नजर आए। हालांकि इससे कुछ राहत मिली, लेकिन मुख्य मार्गों पर जाम की समस्या जस की तस रही।

एंबुलेंस और स्कूल बसें भी फंसीं

इस दौरे में सबसे गंभीर मुद्दा यह था कि आपातकालीन सेवाओं और छात्रों को ले जाने वाली बसों को भी जाम का सामना करना पड़ा। वाराणसी के कुछ अस्पतालों की एंबुलेंसें मरीजों को समय पर पहुंचाने में असमर्थ रहीं। वहीं कई स्कूल बसें बच्चों को घर या स्कूल तक पहुंचाने में देरी का शिकार हुईं। यह स्थिति स्पष्ट कर रही है कि प्रशासन को ऐसे दौरे के समय आपातकालीन वाहनों के लिए विशेष व्यवस्था करनी चाहिए थी।

स्थानीय लोगों की नाराज़गी

स्थानीय लोगों का कहना है कि सीएम के दौरे के दौरान शहर की मुख्य सड़कें पूरी तरह अवरुद्ध हो गई थीं। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतें दर्ज कराईं और प्रशासन से बेहतर योजना की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रशासन को बड़े नेताओं के दौरे के लिए पूर्व तैयारी और वैकल्पिक मार्गों का प्रभावी उपयोग करना चाहिए, ताकि आम जनता को परेशानी का सामना न करना पड़े।

प्रशासन की प्रतिक्रिया और भविष्य की तैयारी

वाराणसी पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर सुधार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसे दौरे के समय निगरानी और नियंत्रण के लिए डिजिटल ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके तहत रियल टाइम ट्रैफिक मॉनिटरिंग और मार्गों का बेहतर नियोजन किया जाएगा।

निष्कर्ष

सीएम योगी आदित्यनाथ के वाराणसी दौरे ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि बड़े नेताओं के दौरे के समय शहरों में ट्रैफिक व्यवस्था की चुनौती कितनी गंभीर होती है। हालांकि प्रशासन ने पहले से योजना बनाई थी, लेकिन वास्तविकता में यह योजना धराशायी साबित हुई।

जाम और अव्यवस्था से बचने के लिए लोगों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने पड़े, लेकिन इससे आपातकालीन सेवाओं और स्कूल बसों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए प्रशासन को सख्त और प्रभावी ट्रैफिक प्लान के साथ-साथ डिजिटल निगरानी प्रणाली का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा।

वाराणसी में इस दौरे ने यह भी याद दिलाया कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्थाओं में सुधार न केवल प्रशासन की जिम्मेदारी है, बल्कि नागरिकों की सुविधा और आपातकालीन सेवाओं की सुचारुता के लिए भी जरूरी है।

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