पार्वती अरगा के साथ सरयू को जोड़कर बनेगा नया पर्यटक स्थल

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्राकृतिक झीलें तथा वेटलैण्ड्स हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण केन्द्र हैं। भू-जल संरक्षण, सिंचाई और पेयजल की उपलब्धता, बाढ़ व सूखे पर नियन्त्रण, कार्बन भण्डारण एवं जलीय पारिस्थितिकी तंत्र पर निर्भर वनस्पतियों व वन्य प्राणियों, प्रवासी एवं स्थानीय पक्षियों के संरक्षण, भोजन, आजीविका तथा आय के संसाधन उपलब्ध कराने में वेटलैण्ड्स बड़ी भूमिका का निर्वहन करते हैं। केवल जलीय पारिस्थितिकी ही नहीं, बल्कि जीव-जन्तु की पारिस्थितिकी भी वेटलैण्ड्स पर निर्भर करती है।

मुख्यमंत्री जी आज पार्वती अरगा पक्षी विहार, जनपद गोण्डा में विश्व वेटलैण्ड्स दिवस-2025 पर आयोजित ‘हम सभी के भविष्य के लिए आर्द्र भूमियों का संरक्षण’ विषयक कार्यक्रम का शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। ज्ञातव्य है कि इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित अरगा ब्राण्ड के उत्पादों की प्रदर्शनी का उद्घाटन व अवलोकन किया। मुख्यमंत्री जी ने ‘85 रामसर फैक्ट्स बुक’, ‘पार्वती अरगा की एकीकृत प्रबन्धन योजना’, ‘वनटांगिया : संघर्ष से सशक्तिकरण तक’ पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने ‘हम सभी के भविष्य के लिए आर्द्र भूमियों का संरक्षण’ विषय पर सम्पन्न विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज जनपद गोण्डा के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। जब यहां एक प्राकृतिक झील को अन्तरराष्ट्रीय मान्यता प्रदान कराने के उद्देश्य से वर्ल्ड वेटलैण्ड्स-डे के अवसर पर यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जनपद गोण्डा में विस्तृत क्षेत्रफल में स्थित पार्वती और अरगा नाम की दो प्राकृतिक झीलें हमारा ध्यान प्रकृति के मूल स्वरूप की ओर आकर्षित करती हैं। घाघरा और सरयू नदी के जल बहाव के कारण सैकड़ों वर्ष पूर्व इन प्राकृतिक झीलों का निर्माण हुआ। यह देश की प्राचीन विरासत की प्रतीक हैं। अथर्ववेद में कहा गया है कि ‘माता भूमि पुत्रोऽहं पृथिव्या’ अर्थात् यह धरती हमारी माता है तथा हम सब इसके पुत्र हैं, क्योंकि धरती हमें जीवनानुकूल पारिस्थितिकी व संसाधन उपलब्ध कराती है। पुत्र के रूप में हमारा दायित्व माता का संरक्षण करना है।

केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में प्रदेश विकास के पथ पर निरन्तर अग्रसर है। जनपद गोण्डा में अनेक विकास कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। गोण्डा में बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए 132 के0वी0 के 02 बिजली घर स्थापित किये गये हैं। जाम की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए 03 ओवर ब्रिजों का निर्माण किया गया है। 02 ओवर ब्रिजों के निर्माण के लिए कार्य प्रगति पर है। सैकड़ों किलोमीटर लम्बी अनेक छोटी तथा बड़ी सड़कों तथा पुलों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण में आर्द्र भूमि की विशेष भूमिका है। यह जैव विविधता को सहेजने का कार्य भी करती है। देश में रामसर साइट्स की संख्या 26 से बढ़कर 89 हो गयी है।
वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि देश के कुल रामसर स्थलों में से 10 रामसर स्थल उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। यह संख्या देश में दूसरे नम्बर पर है। केन्द्रीय वन अनुसंधान संस्थान देहरादून की हालिया रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के ग्रीन कवर में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। ग्रीन कवर बढ़ाने के मामले में राज्य को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। यह कार्य मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन से सम्भव हो सका है।
इस अवसर पर आर्द्र भूमि संरक्षण से सम्बन्धित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
प्रमुख सचिव वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन श्री अनिल कुमार ने स्वागत उद्बोधन किया।
कार्यक्रम में कारागार मंत्री श्री दारा सिंह चौहान, वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री के0 पी0 मलिक सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।