प्रणय हत्याकांड मामले में अदालत ने आरोपी को मौत की सजा सुनाई, बाकी को आजीवन कारावास

हैदराबाद : तेलंगाना में प्रणय हत्याकांड मामले में नलगोंडा एससी एसटी कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. अदालत ने इस मामले में आरोपी सुभाष कुमार शर्मा को मौत की सजा सुनाई है, जबकि बाकी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इस मामले ने तेलुगु राज्यों को झकझोर कर रख दिया था.
वह मामला जिसने तेलुगु राज्यों को झकझोर कर रख दिया
मिर्यालगुडा निवासी प्रणय की 14 सितंबर, 2018 को उसके ससुर (लड़की के पिता) ने प्लान बनाकर बेरहमी से हत्या कर दी थी. अपराध के पीछे का मकसद प्रणय का मुख्य आरोपी की बेटी से अंतरजातीय विवाह था.
पुलिस ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया और गहन जांच शुरू की. 2019 में प्रणय मर्डर केस में आठ आरोपियों के नाम चार्जशीट में दर्ज किए गए. मुकदमा पांच साल तक चला, जिसमें हाल ही में बहस पूरी हुई और बड़ा फैसला सुनाया गया.
प्रणय हत्याकांड के मुख्य आरोपी लड़की के पिता ने साल 2020 में सुसाइड कर लिया था. वहीं, दूसरे आरोपी सुभाष कुमार शर्मा को एसी एसटी कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है. इस मामले के अन्य आरोपी असगर अली, बैरी, करीम, श्रवण कुमार, शिवा और निजाम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. बता दें कि, इस मामले में पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान आरोपी सुभाष शर्मा को कोर्ट से बेल नहीं मिली. वहीं, असगर अली एक दूसरे मामले में जेल में बंद है. बाकी आरोपियों को मुकदमे के दौरान जमानत मिल गई थी.

नरमी बरतने की याचिका खारिज
सजा सुनाए जाने के दौरान, आरोपी ने पारिवारिक जिम्मेदारियों और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों का हवाला देते हुए सजा कम करने की गुहार लगाई. हालांकि, अदालत ने सख्त सजा को बरकरार रखा.
प्रणय और युवती ने जनवरी 2018 में जातिगत बंधनों को तोड़ते हुए शादी की थी, जिसके कारण परिवार में गंभीर विवाद पैदा हो गया. दोनों परिवारों ने पुलिस से संपर्क किया, जहां अमृता ने प्रणय के साथ रहने का फैसला किया. 14 सितंबर, 2018 को प्रणय अपनी पत्नी और सास के साथ मेडिकल टेस्ट के लिए अस्पताल गई थी. जब वे परिसर से बाहर निकल रहे थे, तो एक किराए के हत्यारे ने प्रणय पर चाकू से हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.