हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस बार खरमास की शुरुआत 14 मार्च (Kharmas 2025) से हो गई है। वहीं, इसका समापन 14 अप्रैल को होगा। इस अवधि के दौरान भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा-अर्चना करने का विधान है, मान्यता के अनुसार, सूर्य स्तुति का पाठ करने से कारोबार में वृद्धि होती है। साथ ही सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। खरमास में विवाह , गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार आदि शुभ कार्य करने की मनाही होती है। अगले एक महीने के लिए आपको इन सब चीजों का ख्याल रखना चाहिए।
जब सूर्य मीन या धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो उनका तेज कम हो जाता है। ज्योतिष में सूर्य ग्रहों के राजा माने गए हैं और वे पिता पक्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए उनके तेज का कम होना मांगलिक करने के लिए उत्तम नहीं माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य के लिए सूर्य का तेज होना बहुत ही अच्छा माना जता है। इसी वजह से खरमास के दौरान विवाह और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
खरमास के दौरान जरूर करें ये काम
खरमास में मांगलिक कार्य नहीं होते हैं लेकिन इस दौरान पूजा-पाठ करना बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है। खरमास में सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए सूर्य चालीसा का पाठ करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। सूर्य देव की कृपा जिस भी व्यक्ति पर रहती है उसे समाज में मान-सम्मान में वृद्धि होती है। इसके साथ ही जातक को हर क्षेत्र में अपार सफलता प्राप्त होती है।