संसद से पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास भेजे गए वक्फ संशोधन बिल को महामहिम की मंजूरी मिल गई है. इसके साथ ही अब देश में नया वक्फ कानून लागू हो गया है.
वक्फ संशोधन बिल 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई है, जिससे यह नया कानून अस्तित्व में आ गया है। इस बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण में सुधार करना है। इससे पहले लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ (संशोधन) विधेयक गरमागरम बहस के बाद पारित कर दिया था। वहीं, नए कानून को कांग्रेस, एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी (आप) ने अलग-अलग याचिकाओं के साथ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
वक्फ बिल पर राज्यसभा में 13 तो लोकसभा में 12 घंटे चली बहस

राज्यसभा में इस बिल पर करीब 13 घंटे तक चर्चा चली। यह विधेयक लोकसभा में करीब 12 घंटे तक चली मैराथन बहस के बाद पारित हुआ था। इसके बाद विधेयक को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा गया था जिस पर उन्होने हस्ताक्षर कर कानून बनाने को मंजूरी दे दी है।जेपी नड्डा ने वक्फ अधिनियम से निपटने के तरीके को लेकर कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया था और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस कानून को इस तरह से बनाया है जिससे कथित तौर पर भू-माफियाओं को मदद मिल रही है।
अब पूरे देश में नया वक्फ कानून लागू हो जाएगा
नए कानून का उद्देश्य पक्षपात, वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग और वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण को रोकना है। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने कहा है कि यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है। वहीं, राष्ट्रपति मुर्मु के हस्ताक्षर के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक कानून बन गया है। अब पूरे देश में नया वक्फ कानून लागू हो जाएगा।

किरेन रिजिजू ने कही ये बात
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि वक्फ विधेयक से विपक्षी पार्टियां मुसलमानों को डरा रही हैं। उनका कहना था कि दुनिया में अल्पसंख्यकों के लिए भारत से ज्यादा सुरक्षित कोई देश नहीं है।
बिल को लेकर सरकार का दावा
इस बिल को लेकर सरकार का दावा है कि इससे वक्फ प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा. गरीब मुसलमान जो अपने अधिकारों से वंचित रहते थे, उन्हें उनके अधिकार मिलेंगे. देश में मुसलमानों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार की दिशा में एक अहम कदम है.
वक्फ बिल को मिला नाम
संशोधन और राष्ट्रपति मुर्मू की मंजूरी के बाद अब इस बिल का नाम Unified Management Empowerment Efficiency and Development (उम्मीद) हो गया है. यह कानून सुनिश्चित करता है कि महिलाओं को वक्फ संपत्तियों पर समान उत्तराधिकार अधिकार मिले, जो लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों का अहम हिस्सा है.
क्या हैं प्रमुख प्रावधान?
- वक्फ बोर्ड की संरचना: बोर्ड में इस्लाम के सभी फिकरों को प्रतिनिधित्व मिलेगा. केंद्रीय वक्फ परिषद में 22 सदस्य होंगे, जिनमें चार गैर-मुस्लिम से अधिक नहीं होंगे.
- वक्फ़ संपत्ति पर नियंत्रण: वक्फ बोर्ड की देखरेख के लिए परमार्थ आयुक्त (चैरिटी कमिश्नर) की नियुक्ति का प्रस्ताव किया गया है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि संपत्तियों का उचित मैनेजमेंट हो रहा है.
- विधवा, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथ बच्चों के अधिकारों की रक्षा: कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्ति वक्फ़ कर सकता है लेकिन विधवा, तलाकशुदा महिला और अनाथ बच्चों के अधिकार वाली संपत्तियों को वक्फ घोषित नहीं किया जा सकेगा.
- विवादों के समाधान के लिए ट्रिब्यूनल: देशभर में वक्फ़ से जुड़े 31,000 से अधिक मामले लंबित हैं, इसलिए वक्फ़ न्यायाधिकरण को अधिक सशक्त बनाया गया है. साथ ही अपील का प्रावधान भी जोड़ा गया है, जिससे असंतुष्ट पक्ष दीवानी अदालत में जा सकता है.
- राष्ट्रीय संपत्ति और स्मारकों की सुरक्षा: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत आने वाली संपत्तियों को वक्फ घोषित नहीं किया जा सकेगा
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