नेशनल हाईवे पर सफर करते समय वाहन चालकों को अक्सर टोल प्लाजा से गुजरते समय टोल टैक्स देना पड़ता है। आपको बता दें कि देश में करीब 1065 टोल प्लाजा हैं।
अगर आप कार या किसी भी चार पहिया वाहन से हाईवे पर सफर करते हैं, तो रास्ते पर कई बार टोल प्लाजा से होकर गुजरना पड़ता है। टोल प्लाजा पर वाहन चालकों को एक निश्चित राशि देनी होती है, जिसे टोल टैक्स कहते हैं। टोल टैक्स एक तरह का कर है जो किसी राष्ट्रीय और राज्य हाईवे पर सड़क, पुल या सुरंग का उपयोग करने वाले वाहन से लिया जाता है। टोल टैक्स का भुगतान आमतौर पर लगभग हर वाहन चालकों के लिए अनिवार्य होता है। इस टोल टैक्स के जरिए जो पैसे इक्ट्ठे होते हैं, उसकी मदद से सड़कों का निर्माण और रखरखाव किया जाता है। टोल टैक्स देने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने कई सख्त नियम भी बनाए हैं। मगर उस नियम में कुछ खास वाहनों से टोल टैक्स का शुल्क नहीं लिया जाता है।

सरकारी वाहन
केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारिक वाहन जैसे कि पुलिस वाहन, एम्बुलेंस, दमकल गाड़ियां आदि को टोल टैक्स नहीं देना होता।

सैन्य वाहन
भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के वाहनों को भी टोल टैक्स नहीं देना होता।

राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) के वाहन
आपदा के समय राहत और बचाव कार्य में लगे एनडीआरएफ के वाहन भी टोल टैक्स से मुक्त होते हैं।

राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) के वाहन
स्थानीय निवासी
कुछ टोल प्लाजा पर स्थानीय निवासियों को सालाना पास दिया जाता है, जिससे उन्हें टोल टैक्स नहीं देना पड़ता।
इसके अलावा कुछ व्यक्तिगत लोगों के वाहन को भी टोल टैक्स नहीं देना होता है। इस लिस्ट में भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, उपराष्ट्रपति, राज्य के राज्यपाल, संघ के कैबिनेट मंत्री, संसद सदस्य, लोकसभा के अध्यक्ष, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, संघ राज्य मंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल, किसी राज्य की विधानसभा के अध्यक्ष, आर्मी कमांडर, वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, संबंधित राज्य के भीतर एक राज्य सरकार के मुख्य सचिव, किसी राज्य की विधान सभा के सदस्य और राजकीय यात्रा पर विदेशी गणमान्य लोग हैं।
Also Read :
अब USA के बॉस ने दी भारतीय विद्यार्थियों को देश छोड़ने की दी धमकी